जयपुर. राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस में गलत खून चढ़ाने से इलाजरत मरीज सचिन की शुक्रवार को मौत हो गई. सचिन की मौत से एसएमएस अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. वहीं मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से गठित जांच समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अस्थि रोग सह आचार्य डॉ. एस के गोयल, रेजिडेंट डॉक्टर ऋषभ चलाना, डॉ. दौलत राम और नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा को दोषी पाया गया है.
वहीं, चिकित्सा विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा को निलंबन करने के साथ ही सह आचार्य डॉ. एस के गोयल, रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. ऋषभ चलाना और डॉ. दौलत राम को एपीओ करने के आदेश जारी किए हैं. ऐसे में अब डॉ. एसके गोयल अपनी उपस्थिति चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में देंगे. रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. दौलत राम और डॉ. ऋषभ चलाना अपनी उपस्थिति चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवा निदेशालय में और नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा निलंबन अवधि में चिकित्सा व स्वास्थ्य मुख्यालय (अराजपत्रित) में उपस्थिति देंगे. आगामी आदेशों तक इन चिकित्सा कर्मियों का नियमानुसार निर्वाह भत्ता देय होगा.
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गलत खून चढ़ाने से गई जान : सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एक मरीज की मौत के बाद गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. एक्सीडेंट में घायल होने के बाद यहां भर्ती कराए गए सचिन की मौत हो गई. आरोप है कि सचिन को अस्पताल में गलत खून चढ़ाया गया. दरअसल, सचिन का एक्सीडेंट होने के बाद उसे कोटपूतली से एसएमएस के ट्रोमा सेंटर में रेफर किया गया था, जहां मरीज को O+ ब्लड की जगह AB+ ब्लड और प्लाज्मा चढ़ा दिया गया था. बताया जा रहा है कि इसी कारण मरीज की दोनों किडनियां खराब हो गई थी, जिसके बाद मरीज का डायलिसिल किया जा रहा था.
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मामला संज्ञान में आने पर हड़कंप मच गया. इस पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज की ओर से जांच कमेटी गठित की गई और मरीज सचिन के इलाज के लिए भी डॉक्टर्स की टीम का एक बोर्ड गठित किया गया, लेकिन मरीज की हालात में कोई सुधार नहीं हुआ और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई. सचिन की मौत से उसके परिजन सकते में हैं. बताया जा रहा है कि सचिन अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला था. उसकी छोटी बहन है और पिता की भी तबीयत खराब रहती है. वहीं, सचिन की मौत से पूरा परिवार सकते हैं.