हल्द्वानी (उत्तराखंड): हल्द्वानी के बनभूलपुरा में उपद्रवियों द्वारा की गई हिंसा कई परिवारों को जीवन भर का दर्द दे गयी. इस हिंसा में अब तक 5 लोग जान गंवा चुके हैं. जबकि, 300 से ज्यादा पुलिस के जवान, नगर निगम और सरकारी कर्मचारी घायल हुए. हिंसा में सबसे ज्यादा महिला पुलिसकर्मी घायल हुई हैं. जिन्हें उपद्रवियों ने टारगेट कर पीटा. जिसमें कई महिला पुलिसकर्मियों के हाथ पैर फ्रैक्चर हुए. वहीं, आज राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के सामने जख्मी महिला पुलिसकर्मियों ने रो-रोकर अपना दर्द बयां किया.
दरअसल, हल्द्वानी हिंसा में घायल महिला पुलिसकर्मियों का हाल चाल जानने के लिए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल हल्द्वानी पहुंचीं. जहां पुलिस सभागार में हिंसा में घायल पुलिस महिला कर्मियों का हाल जाना. इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने घटना की आंखों देखी सुनाई और अपने साथ हुई बर्बरता को महिला आयोग के समक्ष रखा. कई महिला पुलिसकर्मी अपने साथ हुई बर्बरता को याद कर रो पड़ीं. ऐसे में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने महिला पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाते हुए उनके कार्यों की सराहना की. इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों को रोता देख नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा भी भावुक हो गए.
वहीं, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि जिस तरह से हल्द्वानी में हिंसा हुई है, वो देवभूमि उत्तराखंड के लिए ठीक नहीं है. इसमें जो भी लोग दोषी हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हिंसा में महिला पुलिसकर्मियों को टारगेट कर उपद्रवियों ने उनके साथ बर्बरता की है, उसको माफ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा को निर्देशित किया कि हिंसा के जो भी आरोपी हैं, उनको चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए. ताकि, भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में क्या हुआ था? गौर हो कि बीती 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा नामक स्थान पर नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. जहां अवैध मदरसा और नमाज स्थल को हटाने के बाद हिंसा भड़क गई थी. उपद्रवियों ने पुलिस और नगर निगम की टीम पर पत्थरों, पेट्रोल बम और लाइसेंसी, अवैध असलहों से हमला कर दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने जबरदस्त पत्थरबाजी की. साथ ही आगजनी भी की. जिसमें कई पुलिसकर्मी और पत्रकार जख्मी हो गए. इस मामले में अभी तक आरोपी अब्दुल मलिक समेत 82 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है.
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