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क्या अमेरिकी बैंक भारत की यूपीआई व्यवस्था को अपनाएंगे ? फेड अधिकारी ने क्या दिया जवाब, जानें - UPI System In US

क्या अमेरिका के निजी बैंक भारत की यूपीआई व्यवस्था को अपनाएंगे. क्या कहते हैं अमेरिकी फेड बैंक के अधिकारी, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

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कॉन्सेप्ट फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2024, 7:55 PM IST

Updated : Aug 28, 2024, 9:09 PM IST

नई दिल्ली : भारत में जिस तरीके से यूपीआई व्यवस्था काम कर रहा है, उससे कई देश प्रभावित हैं. इसके जरिए आप तत्काल किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पेमेंट कर सकते हैं. कुछ देशों ने भारत की इस पेमेंट व्यवस्था को अपनाया भी है. अब सवाल ये है कि क्या अमेरिकी बैंक भी इस व्यवस्था को अपनाएंगे. अमेरिकी फेड बैंक के अधिकारी ने इसका बहुत ही दिलचस्प जवाब दिया है.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने कहा कि अमेरिका के प्राइवेट बैंक भारत के यूपीआई सिस्टम से जुड़ सकते हैं, ताकि शीघ्रता से पेमेंट हो सके. उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई थी. वालर ने कहा कि हमलोग क्रॉस बॉर्डर पेमेंट इंटरलीकिंग व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं.

हालांकि, वालर ने कहा कि वह यूपीआई को अमेरिका में फुल सर्विस नहीं बना सकते हैं. उनके अनुसार अमेरिका में पर्याप्त बैंक नहीं हैं, लिहाजा ऐसा संभव नहीं है. अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यूपीआई व्यवस्था से अमेरिका के कुछ निजी बैंक जुड़ सकते हैं. इसके लिए हमें एक व्यवस्था बनानी होगी.

मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वालर ने कहा कि भारत ने जिस तरीके से डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में क्रांति लाई है, वह सराहनीय है. उन्होंने कहा कि भारत के करोडो़ं लोग आज इसका फायदा उठा रहे हैं. वालर ने कहा कि भारत में किसी भी व्यक्ति की आर्थिक हैसियत चाहे जैसी भी हो, वह यूपीआई व्यवस्था का हिस्सा जरूर बन गया है. सरकार ने बहुत कम लागत में इस व्यवस्था को बनाया है.

आपको बता दें कि अमेरिकी फेड इंटरनेशनल लेवल पर इंटरलिंकिंग पेमेंट सिस्टम को सुधारने के लिए प्रयासरत रहता है.

क्या है यूपीआई - इसका फुल फॉर्म है- यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस. इस व्यवस्था को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने विकसित किया है. इसके जरिए आप मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन कर किसी भी दूसरे यूजर को पेमेंट कर सकते हैं. जिस यूजर को आप पेमेंट करते हैं, उनका मोबाइल नंबर किसी बैंक खाता से जुड़ा होना चाहिए. आप उसी मोबाइल नंबर पर पेमेंट करते हैं. इस तरह से पैसा सीधे उसके बैंक अकाउंट में पेमेंट हो जाता है. भारत ने यूपीआई से लेनदेन को बढ़ाने के लिए टैक्स भुगतान की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है.

भारत के बाहर UPI का उपयोग
भारत के बाहर UPI पेमेंट का किस तरह से उपयोग करें, ताकि किसी को संबंधित ऐप्स पर अंतरराष्ट्रीय भुगतान सक्षम हो सके. जैसे आप PhonePe ऐप के माध्यम से UPI का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे सेटिंग मेनू से प्लेटफॉर्म पर सक्षम करना होगा. एक बार सक्षम होने के बाद, कोई भी अंतरराष्ट्रीय स्थानों पर आसानी से यूपीआई भुगतान करने में सक्षम होगा.

भारत के यूपीआई को कई देशों ने मान्यता दी है और इन देशों में उपयोग भी किया जा रहा है.

श्रीलंका

मॉरीशस

फ्रांस

संयुक्त अरब अमीरात

सिंगापुर

भूटान

नेपाल

ये भी पढ़ें : UPI से फटाफट पैसे के बाद अब ULI से मिलेगा खटाखट लोन, जानिए कैसे करेगा काम और किसे मिलेगा फायदा

नई दिल्ली : भारत में जिस तरीके से यूपीआई व्यवस्था काम कर रहा है, उससे कई देश प्रभावित हैं. इसके जरिए आप तत्काल किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पेमेंट कर सकते हैं. कुछ देशों ने भारत की इस पेमेंट व्यवस्था को अपनाया भी है. अब सवाल ये है कि क्या अमेरिकी बैंक भी इस व्यवस्था को अपनाएंगे. अमेरिकी फेड बैंक के अधिकारी ने इसका बहुत ही दिलचस्प जवाब दिया है.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने कहा कि अमेरिका के प्राइवेट बैंक भारत के यूपीआई सिस्टम से जुड़ सकते हैं, ताकि शीघ्रता से पेमेंट हो सके. उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई थी. वालर ने कहा कि हमलोग क्रॉस बॉर्डर पेमेंट इंटरलीकिंग व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं.

हालांकि, वालर ने कहा कि वह यूपीआई को अमेरिका में फुल सर्विस नहीं बना सकते हैं. उनके अनुसार अमेरिका में पर्याप्त बैंक नहीं हैं, लिहाजा ऐसा संभव नहीं है. अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यूपीआई व्यवस्था से अमेरिका के कुछ निजी बैंक जुड़ सकते हैं. इसके लिए हमें एक व्यवस्था बनानी होगी.

मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वालर ने कहा कि भारत ने जिस तरीके से डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में क्रांति लाई है, वह सराहनीय है. उन्होंने कहा कि भारत के करोडो़ं लोग आज इसका फायदा उठा रहे हैं. वालर ने कहा कि भारत में किसी भी व्यक्ति की आर्थिक हैसियत चाहे जैसी भी हो, वह यूपीआई व्यवस्था का हिस्सा जरूर बन गया है. सरकार ने बहुत कम लागत में इस व्यवस्था को बनाया है.

आपको बता दें कि अमेरिकी फेड इंटरनेशनल लेवल पर इंटरलिंकिंग पेमेंट सिस्टम को सुधारने के लिए प्रयासरत रहता है.

क्या है यूपीआई - इसका फुल फॉर्म है- यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस. इस व्यवस्था को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने विकसित किया है. इसके जरिए आप मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन कर किसी भी दूसरे यूजर को पेमेंट कर सकते हैं. जिस यूजर को आप पेमेंट करते हैं, उनका मोबाइल नंबर किसी बैंक खाता से जुड़ा होना चाहिए. आप उसी मोबाइल नंबर पर पेमेंट करते हैं. इस तरह से पैसा सीधे उसके बैंक अकाउंट में पेमेंट हो जाता है. भारत ने यूपीआई से लेनदेन को बढ़ाने के लिए टैक्स भुगतान की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है.

भारत के बाहर UPI का उपयोग
भारत के बाहर UPI पेमेंट का किस तरह से उपयोग करें, ताकि किसी को संबंधित ऐप्स पर अंतरराष्ट्रीय भुगतान सक्षम हो सके. जैसे आप PhonePe ऐप के माध्यम से UPI का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे सेटिंग मेनू से प्लेटफॉर्म पर सक्षम करना होगा. एक बार सक्षम होने के बाद, कोई भी अंतरराष्ट्रीय स्थानों पर आसानी से यूपीआई भुगतान करने में सक्षम होगा.

भारत के यूपीआई को कई देशों ने मान्यता दी है और इन देशों में उपयोग भी किया जा रहा है.

श्रीलंका

मॉरीशस

फ्रांस

संयुक्त अरब अमीरात

सिंगापुर

भूटान

नेपाल

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Last Updated : Aug 28, 2024, 9:09 PM IST
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