अमरावती: देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इस बीच कई राज्यों में जोड़-तोड़ की राजनीति भी तेज हो गई है. बिहार का वाक्या आपको मालूम ही होगा कि कैसे लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही सुशासन बाबू ने अपना पाला बदल लिया. महागठबंधन से नाता तोड़ हाल ही में फिर से एनडीए में शामिल हो गए हैं. इस बीच अब दक्षिण राज्यों में भी कुछ इसी तरह का समीकरण देखने को मिल सकता है.
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे आंध्र प्रदेश में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहा है. बता दें, टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए आज दिल्ली रवाना हुए हैं. उनके दिल्ली रवानगी की खबर के बाद राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म हो गया है. इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि चंद्रबाबू नायडू का अचानक से दिल्ली दौरा आखिर क्यों है. बता दें, टीडीपी और जनसेना ने पहले ही गठबंधन कर लिया है और अब ऐसा लग रहा है कि राज्य की जगन मोहन रेड्डी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए बीजेपी भी उनके साथ गठबंधन में शामिल हो सकती है.
चंद्रबाबू दोपहर दो बजे उंदावल्ली स्थित अपने आवास से निकले और गन्नावरम पहुंचे, जहां से वे विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुए. दिल्ली पहुंचने के बाद चंद्रबाबू सांसद गल्ला जयदेव के आवास पर भी जाएंगे. चंद्रबाबू का दिल्ली दौरा राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है.
वहीं, दूसरी ओर, तेलुगु देशम नेता चंद्रबाबू बाबू और जनसेना अध्यक्ष पवन कल्याण ने सीटों के समायोजन पर अंतिम कवायद तेज कर दी है. इस मामले को लेकर पवन कल्याण ने हाल ही में चंद्रबाबू से मुलाकात की थी. चंद्रबाबू और पवन की मुलाकात से तेलुगु देशम और जनसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है. सीट समायोजन पर आधिकारिक घोषणा का बेसब्री से इंतजार है. चूंकि सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी पहले ही 6 सूचियों की घोषणा कर चुकी है, इसलिए राजनीतिक हलकों में तेलुगु देशम-जन सेना की संयुक्त सूची में दिलचस्पी है.
चंद्रबाबू ने गोदावरी के दोनों जिलों के संयुक्त नेताओं को पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कुछ नेताओं को बलिदान के लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने नेताओं को साफ कर दिया कि जिन नेताओं की सीटें गठबंधन में एडजस्ट नहीं होंगी, उन्हें वह पार्टी और सरकार में उचित जगह देंगे. ऐसा लगता है कि जन सेना ने उन अधिकांश सीटों की मांग की है जिन पर वह संयुक्त रूप से दो गोदावरी जिलों में चुनाव लड़ेगी.
पिछले दो दिनों में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों से हाल ही में प्राप्त आवेदनों की जांच की है. विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए करीब दो हजार लोगों ने आवेदन किया है. प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के लिए पांच से दस लोगों ने आवेदन किया. राज्य नेतृत्व ने एक बार फिर पार्टी रैंकों को स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रीय नेतृत्व गठबंधन के बारे में स्पष्टता देगा और शीर्ष नेतृत्व इस मामले का ध्यान रखेगा.