मंगलुरु: कर्नाटक के मंगलुरु में जिला अदालत ने एक महिला और उसके चार साथियों को उसके पति की हत्या के मामले में दोषी पाया है. मंगलुरु के छठे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक मामले में संलिप्तता के लिए पांच व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह घटना 2016 में हुई थी, जब कोनाजे पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत पावूर के इस्माइल (59) की हत्या कर दी गई थी.
दोषी व्यक्तियों में उसकी पत्नी नेबीसा (40), उसका प्रेमी जमाल अहमद (38) कुट्टारुपदावु, अब्दुल मुनाफ उर्फ मुन्ना (41) उल्लाल, अब्दुल रहमान (36) उल्लाल और शब्बीर (31) बोलियार शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक, इस्माइल ने नेबीसा से दोबारा दूसरी शादी की थी. उन दोनों के चार बच्चे है. लेकिन नेबीसा खुद अपने बसे बसाए घर में आग लगा लिया.
दरअसल. नेबीसा का जमाल के साथ अवैध संबंध है इस बारे में इस्माइल जानता था और अक्सर इसका विरोध करता था, जिससे उन दोनों के अक्सर झगड़े होते थे. इस रोज-रोज के झगड़े के कारण नेबीसा ने जमाल के साथ मिलकर इस्माइल को खत्म करने की साजिश रची. जिसके बाद जमाल और उसके दोस्त ऑटो-रिक्शा चालक अब्दुल रहमान ने अब्दुल मुनाफ से संपर्क किया और 2.50 लाख रुपये की सुपारी (हत्या का ठेका) की पेशकश की.
16 फरवरी, 2016 को आरोपियों ने इस्माइल को यह कहकर बहलाया कि उन्हें बेंगलुरु जाने के लिए एक वाहन की जरूरत है. वे इस्माइल के साथ शब्बीर के साथ एक ऐस वाहन में चले गए. उन्होंने इस्माइल को शराब पिलाई और शिरडी रिजर्व फॉरेस्ट के केम्पुहोल पहुंचने पर उन्होंने चाकू से उसकी हत्या कर दी. उन्होंने शव को एक उथले गड्ढे में दफना दिया और वाहन को उप्पिनंगडी में बजथुर के तालाब में छोड़ दिया. इस्माइल का फोन और कपड़े नेत्रवती नदी में फेंक दिए गए थे.
इस बीच, नेबिसा ने कोनाजे पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. वहीं, दूसरी ओर 'सुपारी' के पैसे चुकाने के लिए सोना भी गिरवी रख दिया. इंस्पेक्टर अशोक पी. द्वारा शुरू की गई जांच में साजिश का पता चला, जिसके बाद गिरफ्तारी और उसके बाद मुकदमा चला. जज कांतजारू एस.वी. ने दोषियों को आईपीसी 302 के तहत आजीवन कारावास और 2 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, जुर्माना न चुकाने पर दो साल की अतिरिक्त जेल की बात कही गई है.
आईपीसी की धारा 201 के तहत उन्हें सात साल की कठोर कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, आईपीसी की धारा 120 के तहत उन्हें सात साल की कठोर कारावास और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा, अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को इस्माइल के बच्चों को मुआवजा देने का आदेश दिया है.
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