नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा पांच जिला कलेक्टरों को जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए मद्रास हाई कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर करने के लिए शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार से सवाल किया. बता दें कि ये समन तमिलनाडु में कथित अवैध रेत खनन घोटाले की ईडी की जांच के सिलसिले में जारी किए गए थे. शीर्ष अदालत ने रेत खनन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा जिला कलेक्टरों को जारी किए गए समन के संचालन पर रोक लगाने वाले मद्रास हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ ईडी की याचिका पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया. मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को तय की.
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अगुवाई वाली पीठ ने तमिलनाडु सरकार के वकील से पूछा कि राज्य रिट याचिका कैसे दायर कर सकता है? किस कानून के तहत और वह भी ईडी के खिलाफ? इस पर तमिलनाडु सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह ऐसा कर सकते हैं. पीठ ने आगे सवाल किया कि राज्य की इसमें क्या रुचि है और वह ऐसी याचिकाएं कैसे दायर कर सकता है?
कार्यवाही के दौरान, रोहतगी ने अदालत से मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए रखने का आग्रह किया और कहा कि वह निर्णय दिखाएंगे. उन्होंने कहा कि वे अपराधी नहीं हैं और ईडी अपराध की जांच नहीं कर सकती. पीठ ने कहा कि जिला कलेक्टर व्यक्तिगत क्षमता में याचिका दायर कर सकते हैं. वहीं रोहतगी ने जोर देकर कहा कि उन्हें गैर-अनुसूचित अपराधों की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है. पीठ ने कहा कि 4 एफआईआर हैं और ऐसे अपराध हैं जो पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध हैं और ईडी जांच कर सकता है.
कथित अवैध रेत खनन घोटाले ने तमिलनाडु के पांच जिला कलेक्टरों को जांच के दायरे में ला दिया है और ईडी ने उन्हें समन जारी किया है. राज्य सरकार द्वारा समन को चुनौती देने वाली रिट याचिका दायर करने के बाद, ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप रोकने का अनुरोध किया था.
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