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पोल पैनल पर सवाल उठाने वाले लोग 2019-2024 के बीच क्यों नहीं आए: सीईसी राजीव कुमार - LOK SABHA ELECTION results 2024

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 3, 2024, 3:30 PM IST

Updated : Jun 3, 2024, 3:55 PM IST

LOK SABHA ELECTION RESULTS 2024 : लोकसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि सबकुछ पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है. सीईसी ने कहा कि जो लोग सवाल उठा रहे हैं उन्होंने ऐसे मुद्दे 2019 से 2024 के बीच क्यों नहीं उठाए.

Rajiv Kumar
सीईसी राजीव कुमार (ANI)

नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने सोमवार को कहा, 'हमें इतनी गर्मी में ये चुनाव नहीं कराने चाहिए थे.' रंग भवन सभागार में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीईवी राजीव कुमार ने 18वीं लोकसभा चुनावों से आयोग के झुकाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि 'हमें इतनी गर्मी में ये चुनाव नहीं कराने चाहिए थे और यह एक सीख है जो हमने सीखी है.'

लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले सीईसी ने कहा, 'भारत ने देश के आम चुनावों में भाग लेकर 31.2 करोड़ महिलाओं सहित 64.2 करोड़ मतदाताओं के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया.'

उन्होंने चुनावी प्रक्रिया के व्यापक पैमाने पर भी प्रकाश डाला, जिसमें 68,000 से अधिक निगरानी दल और 1.5 करोड़ मतदान और सुरक्षा कर्मी शामिल थे. उन्होंने मतदान प्रक्रिया में शामिल लॉजिस्टिक्स पर भी बात करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव कराने के लिए लगभग चार लाख वाहनों, 135 विशेष ट्रेनों और 1,692 हवाई उड़ानों का उपयोग किया गया था.

उन्होंने कहा कि '2024 के आम चुनावों में केवल 39 पुनर्मतदान हुए, जबकि 2019 में 540 पुनर्मतदान हुए थे.' गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 2 जून को बारासात और मथुरापुर लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक बूथ पर पुनर्मतदान का आदेश दिया था.

जब सवाल उठाए गए : जब उनसे पोल पैनल के सामने आने वाली चुनौतियों पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, सीईसी ने कहा कि 'सब कुछ पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है लेकिन मुझे नहीं पता कि लोग संदेह क्यों जता रहे हैं.'

'शरारती नैरेटिव' की बात करते हुए सीईसी ने इस बात पर जोर दिया कि 'चुनाव से ठीक पहले ईवीएम और मतदाता सूची समेत अन्य मुद्दों पर हमारी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाते हैं.'

उन्होंने कहा, 2019 के चुनाव में भी यही हुआ और मैं स्वीकार करूंगा कि हम इन शरारती नैरेटिव को हटाने में विफल रहे. ऐसे सवाल उठा रहे लोगों पर उन्होंने कहा कि 'इन लोगों ने 2019-2024 के बीच इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया. इसमें एक डिज़ाइन है और हमें इस पर ध्यान देना चाहिए. मैं यह नहीं कहूंगा कि यह एक उपकरण है लेकिन कुछ तो है और मैं मानता हूं कि हम इसमें असफल रहे.'

उन्होंने कहा, 'हम इन शरारती आख्यानों को समझने में असफल रहे लेकिन हमने हिंसा, धनबल पर अंकुश लगाया लेकिन इस पर नहीं. हम सभी इससे चूक गए लेकिन मैं यह भी जोड़ना चाहूंगा कि हमारे पास केवल दो विकल्प थे. या तो हम चुनाव प्रबंधित करते या फिर इन शरारती चीजों से निपटते.

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लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले सीईसी ने कहा, 'भारत ने देश के आम चुनावों में भाग लेकर 31.2 करोड़ महिलाओं सहित 64.2 करोड़ मतदाताओं के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया.'

उन्होंने चुनावी प्रक्रिया के व्यापक पैमाने पर भी प्रकाश डाला, जिसमें 68,000 से अधिक निगरानी दल और 1.5 करोड़ मतदान और सुरक्षा कर्मी शामिल थे. उन्होंने मतदान प्रक्रिया में शामिल लॉजिस्टिक्स पर भी बात करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव कराने के लिए लगभग चार लाख वाहनों, 135 विशेष ट्रेनों और 1,692 हवाई उड़ानों का उपयोग किया गया था.

उन्होंने कहा कि '2024 के आम चुनावों में केवल 39 पुनर्मतदान हुए, जबकि 2019 में 540 पुनर्मतदान हुए थे.' गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 2 जून को बारासात और मथुरापुर लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक बूथ पर पुनर्मतदान का आदेश दिया था.

जब सवाल उठाए गए : जब उनसे पोल पैनल के सामने आने वाली चुनौतियों पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, सीईसी ने कहा कि 'सब कुछ पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है लेकिन मुझे नहीं पता कि लोग संदेह क्यों जता रहे हैं.'

'शरारती नैरेटिव' की बात करते हुए सीईसी ने इस बात पर जोर दिया कि 'चुनाव से ठीक पहले ईवीएम और मतदाता सूची समेत अन्य मुद्दों पर हमारी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाते हैं.'

उन्होंने कहा, 2019 के चुनाव में भी यही हुआ और मैं स्वीकार करूंगा कि हम इन शरारती नैरेटिव को हटाने में विफल रहे. ऐसे सवाल उठा रहे लोगों पर उन्होंने कहा कि 'इन लोगों ने 2019-2024 के बीच इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया. इसमें एक डिज़ाइन है और हमें इस पर ध्यान देना चाहिए. मैं यह नहीं कहूंगा कि यह एक उपकरण है लेकिन कुछ तो है और मैं मानता हूं कि हम इसमें असफल रहे.'

उन्होंने कहा, 'हम इन शरारती आख्यानों को समझने में असफल रहे लेकिन हमने हिंसा, धनबल पर अंकुश लगाया लेकिन इस पर नहीं. हम सभी इससे चूक गए लेकिन मैं यह भी जोड़ना चाहूंगा कि हमारे पास केवल दो विकल्प थे. या तो हम चुनाव प्रबंधित करते या फिर इन शरारती चीजों से निपटते.

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Last Updated : Jun 3, 2024, 3:55 PM IST
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