नई दिल्ली: भेड़ियों को अक्सर फिल्मों और टेलीविजन शो में सुपर नेचुरल घटनाओं से जोड़कर दिखाया जाता है, लेकिन असल में वे खूंखार शिकारी होते हैं. शिकारियों के रूप में उनकी ताकत का सबसे हालिया उदाहरण उत्तर प्रदेश के बहराइच में देखने को मिला, जहां भेड़ियों ने आठ बच्चों और एक महिला को अपना शिकार बनाया.
पिछले दो महीनों से बहराइच डिवीजन के गांवों में छह भेड़ियों का झुंड आतंक मचा रहा है. इस दौरान उन्होंने नौ इंसानों की जान ले ली है. हालांकि, वन विभाग ने बाद में ऑपरेशन भेड़िया शुरू किया और चार भेड़ियों को पकड़ लिया. वे झुंड के बाकी दो सदस्यों की तलाश कर रहे हैं.
हालांकि, सवाल यह है कि क्या भेड़िये हमेशा से इंसानों का शिकार करते आए हैं या फिर वे किसी खास वजह से अचानक इंसानों पर हमला कर रहे हैं.
क्या इंसानों का शिकार करते हैं भेड़िये?
आमतौर पर भेड़िये इंसानों का शिकार नहीं करते हैं. हालांकि, वे मांसाहारी होते हैं. मांसाहारी होते हुए भी भेड़िए अपने झुंड के साथ केवल चिह्नित क्षेत्रों में ही काम करते हैं और अक्सर लंबे समय तक एक ही शिकार पर निर्भर रहते हैं. इंटरनेशनल वॉल्फ सेंटर (IWC) के अनुसार भेड़िये लगातार 'फीस्ट ऑर फैमाइन' मोड में रहते हैं यानी वे कुछ समय के लिए बहुत अधिक मात्रा में मांस खाते हैं और फिर लंबे समय तक शिकार नहीं करते.
नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट फॉर नेचर रिसर्च की 2002-2020 तक की गई एक ग्लोबल स्टडी से पता चला है कि इस अवधि में दुनिया भर में मनुष्यों पर भेड़ियों के केवल 26 घातक हमले हुए. इनमें से चार भारत में हुए और ये हमले काफी घातक थे, क्योंकि पीड़ितों को रेबीज हो गया था. अध्ययन में भेड़ियों के हमलों के रिस्क को शून्य से ऊपर और गणना करने के लिए बहुत कम माना गया है.
भेड़ियों के नरभक्षी बनने के कारण
भेड़ियों के नरभक्षी बनने के पीछे एक मुख्य कारण हैबिटेशन है. भेड़िये शर्मीले जीव होते हैं जो अपने इलाकों से बाहर नहीं निकलते, लेकिन इंसानों की बस्तियों के करीब रहने से अक्सर उनकी हिचक दूर हो जाती है और वे इंसानों की बस्तियों में शिकार करना शुरू कर देते हैं.
भेड़ियों और कुत्तों का क्रॉस ब्रीडिंग
इलाके में कुत्तों और भेड़ियों के क्रॉस ब्रीडिंग की वजह से भेड़ियों को इंसानों की जगहों पर ज्यादा सहजता महसूस हुई और इस तरह वे इन इलाकों में भी शिकार करने लगे.
आवास या भोजन स्रोत का नुकसान
भोजन के सामान्य स्रोतों की कमी भी ऐसे हमलों का कारण बन सकती है. अगर भेड़ियों को खतरा महसूस हो या उनके पास पर्याप्त भोजन न हो तो वह इंसानों पर हमला कर सकते हैं. भेड़िये अक्सर छोटे शिकार भी करते हैं. वे कमजोर और ज्यादा संवेदनशील जानवरों को प्राथमिकता देते हैं. IWC के अनुसार जो भेड़िये आदमखोर बन जाते हैं, वे अक्सर बच्चों का शिकार करते हैं, क्योंकि वे आसान शिकार होते हैं.
IWC के 2020 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 4,400 से 7,100 भेड़िये थे. भारतीय भेड़िये को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित किया गया है. हालांकि भेड़िये लंबे समय से घाघरा नदी के जंगलों, खेतों और बाढ़ के मैदानों में मनुष्यों के साथ सह-अस्तित्व में रहे हैं. बहराइच हमलों ने मानव-पशु संघर्षों की जड़ों और इसके भयानक परिणामों की अधिक समझ की आवश्यकता को उजागर किया है.
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