रायपुर : 2024 के लोकसभा चुनाव ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में कई प्रयोग भी किया. बीजेपी ने छत्तीसगढ़ को राजनीति का प्रयोगशाला बना दिया और अब चुनाव परिणाम से ये साफ भी हो गया है.बीजेपी ने जिस रणनीति को छत्तीसगढ़ में लागू किया वो सफल रहा. लेकिन कांग्रेस के पास बीजेपी की रणनीति का कोई जवाब नहीं था.कांग्रेस के पास भुनाने के लिए काफी सारा मसाला तो था लेकिन जो रेसिपी तैयार की गई वो शायद जनता को पसंद नहीं आई.बस्तर से लेकर सरगुजा तक बीजेपी हर जगह हावी रही.ऐसी कोई भी सीट नहीं रही जहां पर कांग्रेस के दिग्गजों ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी हो.
कांग्रेस कहां हुई फेल : पहले तो मोदी लहर और उसके बाद सरकार के काम को लेकर कोई भी बड़ा माहौल कांग्रेस तैयार नहीं कर पाई. हर बार विपक्ष यही कहता है कि नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी लोगों के खाते में 15 लाख रुपए आएंगे, जो मोदी ने नहीं दिया. लेकिन इस मुद्दे का अभी तक कोई भी फायदा किसी भी चुनाव में नहीं दिखा. 2019 में भी राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर के नरेंद्र मोदी चलते रहे, मोदी कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के मुद्दे से ही प्रहार करते रहे,इस बार भी मोदी ने छत्तीसगढ़ में कोल घोटाला,शराब घोटाला और पीएससी घोटाला को लेकर कांग्रेस को घेरा.
लोकसभा चुनाव में विधानसभा जैसे मुद्दे : राजनीति की जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि इस बार बीजेपी ने ईडी से निकले मुद्दे पर चुनाव लड़ा है. चाहे फिर वह महादेव एप सट्टा हो या भ्रष्टाचार का मामला हो , शराब का मामला हो या फिर डीएमएफ घोटाले की बात हो.इन मुद्दों को बीजेपी के स्थानीय नेताओं सहित केंद्रीय नेताओं ने खूब उछाला.पहली बार लोकसभा चुनाव में ऐसा लग रहा था जैसे विधानसभा चुनाव के मुद्दों पर राजनीति हो रही है.नरेंद्र मोदी जब मंच पर होते थे तो गोबर घोटाले से लेकर के शराब घोटाला ,महादेव एप घोटाला, कोल घोटाला और जेल में बंद सरकार के अधिकारी, जो भूपेश बघेल के खास हुआ करते थे, उसे ही मुद्दा बनाते रहे.
''मुख्यमंत्री के सलाहकार उनके करीबी या इस उच्च अधिकारी जो जेल में हैं, उस मामले को भी बीजेपी ने चुनाव में जमकर भुनाया है. ऐसा माहौल बनाया गया है जिससे बीजेपी के पक्ष में वोट पड़े. ऐसा भी कह सकते हैं,कि छत्तीसगढ़ के मुद्दे इस बार लोकसभा चुनाव में हावी रहे.''- उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
कांग्रेस केंद्र को घेरने में रही नाकाम : वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पास बीजेपी के आरोपों का कोई जवाब नहीं था.ऐसा नहीं था कि मुद्दे नहीं थे,लेकिन उन मुद्दों को जनता तक लाने की जिम्मेदारी जिनके सिर थी उन्होंने वो काम नहीं किया.कांग्रेस के पास ट्रेनों की लेटलतीफी, हसदेव अरण्य, एनएमडीसी प्लांट,महंगाई और रोजगार समेत कई मुद्दे थे,जो चुनाव में हवा हो गए.
हर राज्य के लिए बीजेपी का अलग एजेंडा : 2024 के लोकसभा चुनाव में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का विकास वाला संकल्प लेकर बीजेपी चली है. वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा करके अपने साथियों को एकजुट करने की कोशिश की.लेकिन हर चरण के बाद बीजेपी ने अपने चुनाव कैंपेन को अलग तरीके से पेश किया. जिससे कांग्रेस की सारी रणनीति फेल हो गई.बीजेपी ने हर राज्य के लिए अपना एजेंडा सेट कर रखा था.