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वकील से लेकर बहुजन समाज पार्टी के नेता तक.. कौन थे आर्मस्ट्रांग? - Tamil Nadu BSP President

Who was Armstrong: तमिलनाडु बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग कोलाथुर निर्वाचन क्षेत्र में एमके स्टालिन के खिलाफ चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में उन्हें अच्छी खासी संख्या में वोट मिले और उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. उन्होंने 2016 का विधान सभा चुनाव भी लड़ा था. 17 वर्षों तक बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद 5 जुलाई की रात उनकी हत्या कर दी गई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 6, 2024, 5:59 PM IST

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आर्मस्ट्रांग (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

चेन्नई: तमिलनाडु बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग की 5 जुलाई की रात चेन्नई में हुई हत्या के बाद चेन्नई के कई इलाकों में सनसनी फैल गई. बसपा नेता पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया था. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष पर हमले के बाद उन्हें इलाज के लिए थाउजेंड लैम्प्स अपोलो में भर्ती कराया गया था. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. पोस्टमार्टम के बाद आर्मस्ट्रांग का शव पार्टी के पेरम्बूर कार्यालय में रखा जाएगा. वहीं लोग जानने चाहते हैं कि, आखिर में कौन थे आर्मस्ट्रांग? इस लेख में उनकी जीवन यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है.

कौन थे आर्मस्ट्रांग
चेन्नई के पेरम्बूर के मूल निवासी, आर्मस्ट्रांग वेणुगोपाला स्वामी टेम्पल स्ट्रीट, पेरम्बूर में रहते थे. आर्मस्ट्रांग के पिता पेरियार के समर्थक और द्रविड़ कड़गम समर्थक थे. अपने स्कूल के दिनों से ही राजनीति में रुचि होने के कारण, उन्होंने तिरूपति वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की और एक वकील के रूप में काम किया. साल 2000 में, उन्होंने सक्रिय राजनीति शुरू की और पूवई मूर्ति के नेतृत्व में पुरैची भारतम पार्टी में शामिल हो गए.

आर्मस्ट्रांग की राजनीतिक यात्रा
पूवई मूर्ति के निधन के बाद, आर्मस्ट्रांग ने 2006 में पार्टी छोड़ दी और क्षेत्र के युवाओं के साथ डॉ. भीमराव दलित आंदोलन नामक एक संगठन शुरू किया. बाद में, 2006 में हुए स्थानीय चुनावों में, आर्मस्ट्रांग ने चेन्नई नगर निगम के 99वें वार्ड में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और चेन्नई निगम के सदस्य बने. इसके बाद, वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए और 2007 में उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया गया.

एमके स्टालिन के खिलाफ चुनाव लड़ा
2006 के स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2007 के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद, तत्कालीन राष्ट्रपति करुणानिधि के आदेश पर द्रमुक और उसके सहयोगियों के 98 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया. आर्मस्ट्रांग, एक बहुजन समाज पार्टी के पार्षद, जो उस समय गठबंधन का हिस्सा थे, ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया. 2011 के विधान सभा चुनाव में, उन्होंने कोलाथुर निर्वाचन क्षेत्र में एमके स्टालिन के खिलाफ चुनाव लड़ा. उस चुनाव में उन्हें अच्छी खासी संख्या में वोट मिले और उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. उन्होंने 2016 का विधान सभा चुनाव भी लड़ा था. 17 वर्षों तक बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद 5 जुलाई की रात उनकी हत्या कर दी गई.

आर्मस्ट्रांग का उदय
लंबे समय तक मायावती की बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे आर्मस्ट्रांग अपने परिवार के साथ उत्तरी चेन्नई के पेरम्बूर इलाके में रहते थे. उन्होंने कानून का भी अध्ययन किया. उन पर हमले और संघर्ष सहित विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप था. बाद में, वह अदालत गए और उनके खिलाफ सभी मामलों से बरी कर दिया गया. हालांकि, पुराने अपराध के मामलों में कहा जाता है कि उसके पीड़ित अलग-अलग समूह बनाकर उससे बदला लेने का इंतजार करते थे. हालांकि, इन सबके बीच आर्मस्ट्रांग सबसे प्रभावशाली बनकर उभरे. उनके समर्थक 24 घंटे साए की तरह उनके आसपास नजर आते थे.

अज्ञात भीड़ आर्मस्ट्रांग की हत्या कर दी
आर्मस्ट्रांग की शुक्रवार को उनके घर के सामने एक अज्ञात भीड़ ने हत्या कर दी थी. राजधानी चेन्नई में एक पार्टी के प्रदेश नेता की हत्या कर दिए जाने की घटना से सनसनी फैल गई है. खबर के मुताबिक छह लोगों की भीड़ ने पेरम्बूर में आर्मस्ट्रांग की उनके घर पर हत्या कर दी और तुरंत घटनास्थल से फरार हो गए. वहां पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल आर्मस्ट्रांग को ग्रीम्स रोड पर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. आर्मस्ट्रांग का शव चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में रखा गया जहां आज सुबह (6 जुलाई) पोस्टमार्टम किया गया.

पुलिस मामले की कर रही जांच
पुलिस ने इस हत्या की घटना को लेकर मामला दर्ज कर लिया है और 10 विशेष टीमें गठित कर अपराधियों की तलाश कर रही हैं. साथ ही पुलिस ने घटनास्थल पर कैद सीसीटीवी फुटेज को इकट्ठा कर जांच तेज कर दी है. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस पेरम्बूर, सेम्पियम और अन्य इलाकों में गहन सुरक्षा अभियान में लगी हुई है. इस हत्या की घटना के बाद 8 लोगों ने चेन्नई अन्ना नगर पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया है. अपर आयुक्त असरा गर्ग ने पत्रकारों को बताया कि इस हत्याकांड की गहनता से जांच चल रही है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'फिलहाल हमने सभी 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि, जांच में तेजी आने के बाद हत्या के पीछे का पूरा मकसद पता चल जाएगा. हमने 10 स्पेशल टीमें बनाई हैं उन्होंने कहा कि हत्या में किसी धारदार हथियार का इस्तेमाल किया गया है, इसकी पूरी जानकारी पोस्टमार्टम के बाद मिलेगी.'

मायावती आर्मस्ट्रांग को श्रद्धांजलि देने आएंगी
आर्मस्ट्रांग का शव, जिसका पोस्टमार्टम हो चुका है, पेरम्बूर के एक निजी स्कूल के परिसर में रखा जाएगा जहां नेता और रिश्तेदार उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. रविवार सुबह बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती आर्मस्ट्रांग को अंतिम श्रद्धांजलि देंगी. इस बीच, आर्मस्ट्रांग की हत्या के बाद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, संसदीय विपक्ष के नेता राहुल गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना की निंदा की है.

ये भी पढ़ें: तमिलनाडु में बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग की चाकू मारकर हत्या

चेन्नई: तमिलनाडु बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग की 5 जुलाई की रात चेन्नई में हुई हत्या के बाद चेन्नई के कई इलाकों में सनसनी फैल गई. बसपा नेता पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया था. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष पर हमले के बाद उन्हें इलाज के लिए थाउजेंड लैम्प्स अपोलो में भर्ती कराया गया था. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. पोस्टमार्टम के बाद आर्मस्ट्रांग का शव पार्टी के पेरम्बूर कार्यालय में रखा जाएगा. वहीं लोग जानने चाहते हैं कि, आखिर में कौन थे आर्मस्ट्रांग? इस लेख में उनकी जीवन यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है.

कौन थे आर्मस्ट्रांग
चेन्नई के पेरम्बूर के मूल निवासी, आर्मस्ट्रांग वेणुगोपाला स्वामी टेम्पल स्ट्रीट, पेरम्बूर में रहते थे. आर्मस्ट्रांग के पिता पेरियार के समर्थक और द्रविड़ कड़गम समर्थक थे. अपने स्कूल के दिनों से ही राजनीति में रुचि होने के कारण, उन्होंने तिरूपति वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की और एक वकील के रूप में काम किया. साल 2000 में, उन्होंने सक्रिय राजनीति शुरू की और पूवई मूर्ति के नेतृत्व में पुरैची भारतम पार्टी में शामिल हो गए.

आर्मस्ट्रांग की राजनीतिक यात्रा
पूवई मूर्ति के निधन के बाद, आर्मस्ट्रांग ने 2006 में पार्टी छोड़ दी और क्षेत्र के युवाओं के साथ डॉ. भीमराव दलित आंदोलन नामक एक संगठन शुरू किया. बाद में, 2006 में हुए स्थानीय चुनावों में, आर्मस्ट्रांग ने चेन्नई नगर निगम के 99वें वार्ड में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और चेन्नई निगम के सदस्य बने. इसके बाद, वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए और 2007 में उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया गया.

एमके स्टालिन के खिलाफ चुनाव लड़ा
2006 के स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2007 के मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद, तत्कालीन राष्ट्रपति करुणानिधि के आदेश पर द्रमुक और उसके सहयोगियों के 98 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया. आर्मस्ट्रांग, एक बहुजन समाज पार्टी के पार्षद, जो उस समय गठबंधन का हिस्सा थे, ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया. 2011 के विधान सभा चुनाव में, उन्होंने कोलाथुर निर्वाचन क्षेत्र में एमके स्टालिन के खिलाफ चुनाव लड़ा. उस चुनाव में उन्हें अच्छी खासी संख्या में वोट मिले और उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. उन्होंने 2016 का विधान सभा चुनाव भी लड़ा था. 17 वर्षों तक बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद 5 जुलाई की रात उनकी हत्या कर दी गई.

आर्मस्ट्रांग का उदय
लंबे समय तक मायावती की बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे आर्मस्ट्रांग अपने परिवार के साथ उत्तरी चेन्नई के पेरम्बूर इलाके में रहते थे. उन्होंने कानून का भी अध्ययन किया. उन पर हमले और संघर्ष सहित विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप था. बाद में, वह अदालत गए और उनके खिलाफ सभी मामलों से बरी कर दिया गया. हालांकि, पुराने अपराध के मामलों में कहा जाता है कि उसके पीड़ित अलग-अलग समूह बनाकर उससे बदला लेने का इंतजार करते थे. हालांकि, इन सबके बीच आर्मस्ट्रांग सबसे प्रभावशाली बनकर उभरे. उनके समर्थक 24 घंटे साए की तरह उनके आसपास नजर आते थे.

अज्ञात भीड़ आर्मस्ट्रांग की हत्या कर दी
आर्मस्ट्रांग की शुक्रवार को उनके घर के सामने एक अज्ञात भीड़ ने हत्या कर दी थी. राजधानी चेन्नई में एक पार्टी के प्रदेश नेता की हत्या कर दिए जाने की घटना से सनसनी फैल गई है. खबर के मुताबिक छह लोगों की भीड़ ने पेरम्बूर में आर्मस्ट्रांग की उनके घर पर हत्या कर दी और तुरंत घटनास्थल से फरार हो गए. वहां पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल आर्मस्ट्रांग को ग्रीम्स रोड पर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. आर्मस्ट्रांग का शव चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में रखा गया जहां आज सुबह (6 जुलाई) पोस्टमार्टम किया गया.

पुलिस मामले की कर रही जांच
पुलिस ने इस हत्या की घटना को लेकर मामला दर्ज कर लिया है और 10 विशेष टीमें गठित कर अपराधियों की तलाश कर रही हैं. साथ ही पुलिस ने घटनास्थल पर कैद सीसीटीवी फुटेज को इकट्ठा कर जांच तेज कर दी है. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस पेरम्बूर, सेम्पियम और अन्य इलाकों में गहन सुरक्षा अभियान में लगी हुई है. इस हत्या की घटना के बाद 8 लोगों ने चेन्नई अन्ना नगर पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया है. अपर आयुक्त असरा गर्ग ने पत्रकारों को बताया कि इस हत्याकांड की गहनता से जांच चल रही है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'फिलहाल हमने सभी 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि, जांच में तेजी आने के बाद हत्या के पीछे का पूरा मकसद पता चल जाएगा. हमने 10 स्पेशल टीमें बनाई हैं उन्होंने कहा कि हत्या में किसी धारदार हथियार का इस्तेमाल किया गया है, इसकी पूरी जानकारी पोस्टमार्टम के बाद मिलेगी.'

मायावती आर्मस्ट्रांग को श्रद्धांजलि देने आएंगी
आर्मस्ट्रांग का शव, जिसका पोस्टमार्टम हो चुका है, पेरम्बूर के एक निजी स्कूल के परिसर में रखा जाएगा जहां नेता और रिश्तेदार उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. रविवार सुबह बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती आर्मस्ट्रांग को अंतिम श्रद्धांजलि देंगी. इस बीच, आर्मस्ट्रांग की हत्या के बाद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, संसदीय विपक्ष के नेता राहुल गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना की निंदा की है.

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