हैदराबाद: लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की दर्जिलिंग सीट चर्चा में है. भाजपा में युवा नेता और निवर्तमान सांसद राजू बिष्ट को एक बार फिर दर्जिलिंग से मैदान में उतारा है. मूल रूप से मणिपुर के रहने वाले 38 वर्षीय बिष्ट की ससुराल दार्जिलिंग में है. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने यहां से चार लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी. तब भाजपा ने वरिष्ठ नेता एसएस अहलूवालिया की जगह उनपर भरोसा जताया था और वो पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे थे.
इस बार पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला अपने गृह जिले दार्जिलिंग से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. श्रृंगला को भाजपा से टिकट का आश्वासन भी मिल चुका था. लेकिन पार्टी नेतृत्व ने राजू बिष्ट की लोकप्रयिता, क्षेत्र में उनकी सक्रियता, जीत की प्रबल उम्मीद और अन्य समीकरणों को देखते हुए वर्तमान सांसद पर ही भरोसा जताया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी को लेकर तीन नाम मांगे, दार्जिलिंग के नेताओं की तरफ से सिर्फ राजू बिष्ट का नाम सुझाया गया था. पार्टी के भीतर भारी समर्थन होने के बावजूद श्रृंगला माहौल को अपने पक्ष में करने में असफल रहे.
सूर्या रोशनी कंपनी के एमडी हैं राजू बिष्ट
3 जनवरी 1986 को मणिपुर के सेनापति जिले में गोरखा परिवार में जन्मे राजू बिष्ट सफल उद्यमी और सूर्या रोशनी लिमिडेट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) हैं. वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी की युवा शाखा भाजयुमो के राष्ट्रीय महासचिव हैं. बताया जाता है कि संघ परिवार में उनकी अच्छी पकड़ है. वह दो दशक से आरएसएस से जुड़े हुए हैं. राजू बिष्ट ने बीते सालों में लोकसभा में दार्जिलिंग की समस्याओं को बेबाकी से उठाया और क्षेत्र के लोगों की आवाज बनकर उभरे. वह कई बार बंगाल से अलग राज्य गोरखालैंड की मांग भी उठा चुके हैं.
भाजपा विधायक ने बाहरी बातकर किया विरोध
राजू बिष्ट को दार्जिलिंग से दूसरी बार उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पार्टी के भीतर विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. जिले की करसियांग सीट से भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा ने बिष्ट को बाहरी बताते हुए उनके खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. उनका कहना है कि दर्जिलिंग के ही किसी नेता को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए. हालांकि, राजू बिष्ट को पार्टी कैडर के साथ गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट का समर्थन प्राप्त है. बता दें, दार्जिलिंग में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी.
पांच साल में दार्जिलिंग का स्थाई हल निकालने का वादा
चुनाव प्रचार में जुटे भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने वादा किया है कि अगले पांच वर्षों में पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग का स्थाई समाधान का निकाल लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग के लिए स्थायी राजनीतिक समाधान निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह समाधान संविधान के दायरे में होगा. हालांकि, उन्होंने अलग राज्य की बात पर कुछ नहीं कहा.
टीएमसी के गोपाल लामा से मुकाबला
वहीं तृणमूल कांग्रेस ने दार्जिलिंग से गोपाल लामा को उम्मीदवार बनाया हैं. लामा दार्जिलिंग के भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) के सदस्य हैं. चुनाव प्रचार में लामा दार्जिलिंग के मैदानी इलाकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. लामा टीएमसी उम्मीदवार के रूप में अपने नाम की घोषणा से ठीक पहले बीजीपीएम में शामिल हुए थे. लोकसभा चुनाव में बीजीपीएम ने लामा को समर्थन दिया है. वहीं, गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बिमल गुरुंग गुट का समर्थन मिलने के कारण राजू बिष्ट अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं.
2019 के चुनाव नतीजे
2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के राजू बिष्ट को कुल 7.5 लाख वोट मिले. जबकि उनके निकट प्रतिद्वंद्वी तृणमूल उम्मीदवार अमर सिंह राय को 3.3 लाख वोट वोट मिले थे.
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