रांची: भाजपा के 18 विधायकों को सस्पेंड करने पर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी और भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में आपत्ति जताई. नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि वह भी धरना में शामिल थे. उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए थी. उन्होंने स्पीकर से पूछा कि आपने मुझे सस्पेंड क्यों नहीं किया. इसकी वजह से हमारे साथ-साथ आपकी भी किरकिरी हो रही है.
व्यवस्था के तहत स्पीकर से कहा कि सजा सुनाने से पहले विधायकों का पक्ष सुनना चाहिए था. यह कानून का बेसिक शर्त होता है. उन्होंने कहा कि पूर्व में सदन के भीतर जूता फेंका गया था. माइक तोड़ा गया था. फिर भी सस्पेंशन की कार्रवाई नहीं हुई थी. हम लोग मर्यादित तरीके से विरोध कर रहे थे. हम सरकार से जानना चाहते थे कि 5 साल पूर्व जो वादे किए गये थे, उसपर सीएम को जवाब देना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने कहा कि कल हाउस अरेस्ट वाली स्थिति थी. लाइट बंद कर दिया गया था. सदन से बाहर निकाल दिया गया. लॉबी से भी बाहर निकाल दिया गया. मार्शल ने कहा कि आप लोग बाहर नहीं निकलेंगे तो हम सभी को सस्पेंड कर दिया जाएगा. यह काला अध्याय है. हमने मर्यादा भंग नहीं किया था. भगत सिंह ने तो अंग्रेजों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए बम चलाया था.
हम लोग तो बापू के अहिंसा के मार्ग पर चलकर सिर्फ धरना दे रहे थे. साफ लग रहा है कि सरकार के दबाव में काम हो रहा है. अमर बावरी ने कहा कि कार्यवाही के अंतिम दिन सीएम अपना जवाब देकर बचना चाह रहे हैं. 5 माह तक चंपाई सोरेन सीएम थे. उनका भी अपमान किया गया. शिबू सोरेन के हनुमान का अपमान किया गया. वह ऐसे मुख्यमंत्री थे जो हेमंत पार्ट 2 कहते थे. फिर भी उन्हें हटा दिया.
यह कहते हुए अमर बाउरी और नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन से वाक आउट कर दिया. इस दौरान आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि विधायक सवाल उठाते हैं तो जवाब आना चाहिए. इस मसले को कार्यमंत्रणा में ले जाना चाहिए था. इसका समाधान निकाला जाना चाहिए था. कठोर होने से कैसे चलेगा. इस पर स्पीकर ने कहा कि बर्दाश्त करने की भी सीमा होती है. उन्होंने सुदेश महतो के सुझाव पर कहा कि इस पर विचार जरूर होगा.
बीजेपी विधायकों को सस्पेंड किए जाने के बाद नाराज एनडीए विधायक ने विधानसभा परिसर में जमकर नारेबाजी की. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने स्पीकर पर भड़ास निकालते हुए कहा कि विधानसभा उनकी नहीं है. बिना कोई दोष के विधायकों पर जो कार्रवाई की गई है वह अलोकतांत्रिक है और सरकार ने निरंकुशता की हद को पार कर दिया है.
मीडिया संवाद 🎙️
— Amar Kumar Bauri (@amarbauri) August 1, 2024
ये तो बस अंगड़ाई है, आगे बड़ी लड़ाई है ✊🏻
झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार द्वारा अघोषित आपातकाल के तहत आज विधानसभा से भाजपा के 18 विधायकों को युवाओं की आवाज बुलंद करने के अपराध में निलंबित किया गया है, लेकिन हम अपने संकल्प से डगमगाने वाले नहीं है, संघर्ष जारी रहेगा… pic.twitter.com/kqK9nn9bFP
विधानसभा परिसर में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से रात के 2 बजे हम सभी विधायकों को बरामदा पर मार्शल के द्वारा लाकर रख दिया गया और उससे पहले बिजली और एसी बंद कर दी गई और अब विधायकों को निलंबित कर दिया गया है वह कहीं ना कहीं निरंकुशता की हद है. अमर बाउरी ने कहा कि हम जनता से किए गए वादों पर मुख्यमंत्री से जवाब की मांग कर रहे थे मगर सरकार इससे भाग रही है. आज के दिन को काला दिन बताते हुए कहा कि स्पीकर ने झामुमो और कांग्रेस के इशारे पर इस तरह की कार्रवाई की है. इस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प हम सभी विधायकों ने लिया है और हम जनता के बीच जा रहे हैं अब इस सरकार को जनता सबक सिखाने का काम करेगी.
विधायकों के निलंबन पर बीजेपी निकालेगा मशाल जुलूस
विधायकों के निलंबन पर भारतीय जनता पार्टी आंदोलन करने की तैयारी में है इसके तहत आज शाम 5 बजे कचहरी चौक से अल्बर्ट एक्का चौक तक महानगर भाजपा के द्वारा मशाल जुलूस निकालकर विरोध जताया जाएगा. इसी तरह भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के अन्य जिलों में भी आंदोलन करने की घोषणा की है. भाजपा नेताओं का मानना है कि सरकार के इस कार्रवाई के खिलाफ पार्टी सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन चलाएगी. इन सब के बीच सदन की कार्यवाही 2 अगस्त शुक्रवार दिन के 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
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