पटनाः पूरे देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. शेष दो चरणों की वोटिंग के बाद 4 जून को रिजल्ट आएगा. इस रिजल्ट का असर बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखना को मिलेगा. इसकी आहट सुनाई देने लगी है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा लेकिन प्रशांत किशोर एक तीसरा कोण बनाने की तैयारी में हैं.
महागठबंधन और एनडीए के लिए चुनौतीः जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति मे अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं. लोकसभा चुनाव में तो प्रशांत किशोर सक्रिय नहीं है लेकिन विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी में जुटे हैं. प्रशांत किशोर विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के लिए चुनौती बनने की तैयारी कर रहे हैं.
लालू-नीतीश का दांत खट्टे करेंगेः प्रशांत किशोर जन सुराज अभियान के तहत गांव-गांव जाकर लोगों के बीच शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य का मुद्दा उठा रहे हैं. प्रशांत किशोर कहते हैं कि "मुझे नीतीश कुमार और लालू यादव धकिया नहीं सकते हैं. मैं अगर बिहार में लड़ने आया हूं तो इतनी ताकत के साथ लड़ूंगा कि इन सब नेताओं के दांत खट्टे कर दूंगा" प्रशांत किशोर के इस बयान से साफ है कि बिहार में एनडीए और महागठबंधन के लिए चुनौती बनने वाले हैं.
बिहार की पार्टी में खलबलीः प्रशांत किशोर की पदयात्रा के बाद बिहार की राजनीति में खलबली मचने लगी है. सबसे ज्यादा खलबली राजद में देखने को मिल रही है. हाल में प्रशांत किशोर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए जीत रही है. इस बयान को लेकर उनपर आरोप भी लग रहे हैं कि प्रशांत किशोर बीजेपी में अपना स्थान बनाना चाहते हैं.
'प्रशांत किशोर का कोई वजूद नहीं': राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने प्रशांत किशोर के दावों को एक सिरे से खारिज किया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि प्रशांत किशोर भाजपा के लिए काम करते हैं और उनका कोई स्वतंत्र वजूद नहीं है. प्रशांत किशोर लोकप्रियता हासिल करने के लिए बयान दे रहे हैं. इस बार चुनाव में किसी भी दल ने उन्हें काम नहीं दिया इसलिए बीजेपी के लिए बैटिंग कर रहे हैं.
"प्रशांत किशोर हमेशा लड़ते रहे हैं. इनको पीआर एजेंसी को मजबूत करना है इसलिए अभी से भूमिका बना रहे हैं. इसबार के चुनाव में इनकी पीआर एजेंसी को किसी ने हायर नहीं किया. आप देख रहे हैं कि इधर, भाजपा के लिए बैटिंग शुरू कर दिए हैं. उनकी अपनी राजनीतिक स्थिति कुछ नहीं है. बीजेपी में स्थान बनाने के लिए यह ऐसा कर रहे हैं." -एजाज अहमद, प्रवक्ता, राजद
क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ? वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का मानना है कि प्रशांत किशोर विधानसभा के चुनाव में एक ताकत बनकर उभरेंगे. प्रवीण बागी का व्यक्तिगत मानना है कि बिहार के ऐसे पहले नेता हैं जो गांव-गांव घूम रहे हैं. दो साल हो गए उनकी यात्रा की. आज तक कोई नेता इतनी पदयात्रा नहीं की.
विधानसभा चुनाव लड़ेंगे प्रशांत किशोर? प्रवीण बागी ने बताया कि अभी तक प्रशांत किशोर ने कोई पॉलिटिकल पार्टी नहीं बनायी है लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ेंगे इसकी घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि बिहार के लोग इन स्थापिक चेहरों से ऊब चूके हैं. लोग नया विकल्प खोज रहे हैं. ऐसा कई जगह देखने को मिला है, जहां नया विकल्प है वहां जनता उनके साथ जा रही है. बिहार में प्रशांत किशोर एक नए चेहरे के रूप उभरे हैं.
"प्रशांत किशोर पिछले डेढ़ 2 साल से बिहार की यात्रा कर रहे हैं. लोगों को समझने की कोशिश भी कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में वे तीसरा कोण बना सकते हैं. प्रशांत किशोर बहुत हद तक लोगों को अपनी बात समझने में कामयाब हो रहे हैं. वे एक ऐसे नेता हैं जो गांव-गांव घूम रहे हैं और लोगों को एकजुट कर रहे हैं." -प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार
जन सुराज क्या है? : जन सुराज एक अभियान है. प्रशांत किशोर इसके संयोजक हैं. पिछले दो साल से प्रशांत किशोर गांव-गांव पदयात्रा कर रहे हैं और लोगों को सरकार बनाने के प्रति जागरूक कर रहे हैं. जन सुराज महात्मा गांधी से प्रेरित एक संस्था है जो रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य का मुद्दा उठाकर लोगों के बीच जा रही है. दो साल पदयात्रा के बाद चर्चा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज की अहम भूमिका होने वाली है.
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