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BPSC 70वीं परीक्षा: क्या है नॉर्मलाइजेशन, छात्रों के गुस्से की क्या है वजह - WHAT IS NORMALIZATION

क्या हैं नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया. कैसे तय होता है नंबर?, जिसका विरोध कर रहे BPSC अभ्यर्थी, पटना से संवाददाता कृष्ण नंदन की रिपोर्ट

BPSC candidate protest in patna
क्या होता है नॉर्मलाइजेशन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 6, 2024, 5:42 PM IST

पटना: बिहार के बीपीएससी अभ्यर्थी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के विरोध में प्रदर्शन कर रहे है. बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा अभ्यर्थियों की मांग है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित बीपीएससी 70वीं परीक्षा में ‘नॉर्मलाइजेशन' को हटा दिया जाय. छात्र वन-डे, वन शिफ्ट, वन सेट की प्रक्रिया लागू करने की मांग कर रहे हैं.

क्या है नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया? : आइये समझते है नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया आखिर क्या है?. एक्सपर्ट की माने तो अगर परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या से तय होता है कि उस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू होगी या नहीं. अगर अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा है तो संस्थाए परीक्षा दो पाली या दिनों में आयोजित करती है और तब उस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू किया जाता है.

देखें यह रिपोर्ट. (ETV Bharat)
BPSC 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, इसलिंक पर क्लिक कर करें डाउनलोड

ऐसे समझा जा सकता है, कि दो पालियों में परीक्षा कराकर सभी अभ्यर्थियों के नंबर को समान कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब अलग-अलग पाली में परीक्षा आयोजित होती है तो प्रश्नपत्र भी अलग अलग होते हैं. कई बार पहली पाली में आसान प्रश्न पूछे जाते हैं, जिससे छात्र ज्यादा प्रश्न हल कर पाते हैं.

दूसरी तरफ अगली पाली में कठिन प्रश्न आ जाते हैं. ऐसे में दूसरी पाली में अभ्यर्थी कम प्रश्न हल कर पाते हैं. तब परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था सभी अभ्यर्थियों के नंबरों (दोनों पाली को मिलाकर) को नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत सामान्य करती है.

BPSC candidate protest in patna
BPSC छात्रों के गुस्से की क्या है वजह (ETV Bharat)

क्या कहते हैं BPSC अभ्यर्थी? : बीपीएससी अभ्यर्थी कहते हैं कि, अभी तक होता रहा है कि एक सेट के ही प्रश्न पत्र सिविल सर्विसेज परीक्षाओं में पूछे जाते रहे हैं. बीपीएससी में भी पूर्व में यही होता रहा है, देश की अन्य सिविल सर्विसेज परीक्षाएं और यूपीएससी में भी यही पैटर्न है. इसमें प्रश्न पत्रों में वही प्रश्न होते हैं. लेकिन 1 से 50 के बीच का उनका सीक्वेंस इधर-उधर होता है.

''ऐसे में आयोग अब कई सेट प्रश्न पत्र की बात कर रहा है. जब अलग अलग प्रश्न होंगे तो नॉर्मलाइजेशन से रिजल्ट निकालना होगा. जब अलग अलग पालियों में परीक्षा होगी तो सभी सेट में प्रश्न अलग-अलग होंगे. ऐसे में कोई सेट आसान होगा कोई कठिन. यह प्रक्रिया रेलवे के ग्रुप डी और सिपाही बहाली जैसी परीक्षाओं में अपनाई जाती है. जिसमें अभ्यार्थियों की संख्या अधिक होती है.'' - वरुण सिंह, BPSC अभ्यर्थी

BPSC candidate protest in patna
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के विरोध में प्रदर्शन (ETV Bharat)

कैसे निकाला जाता है परसेंटेज स्कोर : आइये जानते हैं कि आखिर छात्रों का प्रतिशत यानी पर्सेंटज स्कोर कैसे निकाला जाता है. दरअसल, इस प्रक्रिया से जब दो दिन या दो पाली में परीक्षा ली जाती है, तो छात्रों को मिले नंबर के आधार पर उनका पर्सेंटेज यानी प्रतिशत निकाला जाता है.

मान लीजिए अगर छात्रों की संख्या अधिक है और परीक्षा अगले दो दिन 7 और 8 दिसंबर को आयोजित की जानी है. 7 दिसंबर को परीक्षा देने वाले छात्रों का औसत 150 में से 110 आया और 8 दिसंबर को आयोजित परीक्षा के छात्रों का एवरेज (औसत) 100 आता है. ऐसे में आयोग 7 दिसंबर की परीक्षा को आसान मानेगा और 8 दिसंबर की परीक्षा को कठिन मानेगा.

इसके बाद परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था दोनों दिन का औसत निकालेगी और उसे 105 कर दिया जाएगा. ऐसे में किसी छात्र को नुकसान तो किसी को फायदा होता है. यानी 8 दिसबंर को जिन छात्रों ने परीक्षा दी थी उनका औसत बढ़ जाता है और 7 दिसंबर को जिन छात्रों ने परीक्षा दी, उनका औसत घट जाता है.

अभ्यर्थियों के सवाल, कौन देगा जवाब? : अभ्यर्थी विकास कुमार ने बताया कि प्रीलिम्स परीक्षा में जीके-जीएस के सवाल पूछे जाते हैं. जीके जीएस में कैसे तय किया जा सकता है कि कौन प्रश्न आसान है, कौन कठिन?. जिस अभ्यर्थी ने जिस विषय पर पढ़ाई की होगी, उनके लिए वह आसान होगा और दूसरे के लिए कठिन. किसी प्रश्न पत्र में भूगोल के प्रश्न कठिन पूछे जाएंगे तो किसी में इतिहास के कठिन पूछे जाएंगे.

''मार्क्स कैलकुलेट करने का पैटर्न क्या होगा आयोग ने नहीं बताया है. आयोग जिस प्रश्नपत्र को कठिन मानेगा तो अभ्यर्थी का अंक बढ़ जाएगा. जिसे आसान मानेगा उस पाली के अभ्यर्थी का अंक बढ़ जाएगा. यानी अभ्यर्थी अगर अधिक अंक लाता है तो उसका नंबर कम हो जाएगा. यहीं नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की सबसे बड़ी खामी है.'' - विकास कुमार, अभ्यर्थी

BPSC candidate protest in patna
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के विरोध में प्रदर्शन (ETV Bharat)

नॉर्मलाइजेशन का विरोध क्यों? : बीपीएससी अभ्यर्थी इसी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध कर रहे है. अभ्यर्थी सपना कुमारी ने बताया कि ''नॉर्मलाइजेशन धांधली होने की आशंका है.'' एक और अभ्यर्थी ने कहा कि, ''इसमें कट ऑफ का सही से पता नहीं चलेगा और अच्छे अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थी मेरिट से छंट जाएंगे.''

इन परीक्षाओं में लागू है नॉर्मलाइजेशन : सिर्फ बीपीएससी ही नहीं, एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग), रेलवे भर्ती बोर्ड, पुलिस भर्ती परीक्षा और कई परीक्षाओं को एक दिन एक शिफ्ट में कराया जाता है और उसी आधार पर छात्रों को जो अंक मिलते है, उस नंबर को औसत करने के लिए नॉर्मलाइजेशन होता है.

BPSC 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू होगा? : बता दें कि 13 दिसंबर को 70वीं बीपीएससी परीक्षा प्रदेश के 925 सेंटर पर आयोजित की जानी है. जिसमें करीब 4 लाख 80 हजार अभ्यर्थी बैठेंगे. इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू होगा कि नहीं यह अभी तय नहीं है. लेकिन बीपीएससी अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने नॉर्मलाइजेशन लागू करने की योजना है.

'वन शिफ्ट-वन-एग्जाम' सड़क पर उतरे अभ्यर्थी : हालांकि बीपीएससी ने साफ किया है कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. इसके बावजूद अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरे और धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. कई छात्रों को चोटें भी आईं.

अलग-अलग प्रश्न पत्र की जरूरत क्यों? : भले ही बीपीएससी ने नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं करने की बात कही है. लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि 4.83 लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है और आयोग 13 दिसंबर को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करा रहा है. अगर एक दिन, एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित हो रही तो अलग-अलग प्रश्न पत्र की जरूरत क्यों?.

ये भी पढ़ें : 'बिहार में कहीं हंगामा हो रहा है तो उसमें घी डालना ही नेता प्रतिपक्ष का रह गया काम'- दिलीप जायसवाल का तंज

ये भी पढ़ें : 'निंदनीय, आपत्तिजनक और बर्बरतापूर्ण' BPSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज पर भड़के तेजस्वी यादव

ये भी पढ़ें : सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कराने वाले शिक्षकों के साथ BPSC अधिकारी करेंगे बैठक, जानें पूरा मामला

ये भी पढ़ें : अब परीक्षा में नहीं होगा फर्जीवाड़ा? BPSC का दावा, इस डेटाबेस से पकड़े जाएंगे अभ्यर्थी - database of BPSC candidates

पटना: बिहार के बीपीएससी अभ्यर्थी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के विरोध में प्रदर्शन कर रहे है. बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा अभ्यर्थियों की मांग है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित बीपीएससी 70वीं परीक्षा में ‘नॉर्मलाइजेशन' को हटा दिया जाय. छात्र वन-डे, वन शिफ्ट, वन सेट की प्रक्रिया लागू करने की मांग कर रहे हैं.

क्या है नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया? : आइये समझते है नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया आखिर क्या है?. एक्सपर्ट की माने तो अगर परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या से तय होता है कि उस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू होगी या नहीं. अगर अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा है तो संस्थाए परीक्षा दो पाली या दिनों में आयोजित करती है और तब उस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू किया जाता है.

देखें यह रिपोर्ट. (ETV Bharat)
BPSC 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, इसलिंक पर क्लिक कर करें डाउनलोड

ऐसे समझा जा सकता है, कि दो पालियों में परीक्षा कराकर सभी अभ्यर्थियों के नंबर को समान कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब अलग-अलग पाली में परीक्षा आयोजित होती है तो प्रश्नपत्र भी अलग अलग होते हैं. कई बार पहली पाली में आसान प्रश्न पूछे जाते हैं, जिससे छात्र ज्यादा प्रश्न हल कर पाते हैं.

दूसरी तरफ अगली पाली में कठिन प्रश्न आ जाते हैं. ऐसे में दूसरी पाली में अभ्यर्थी कम प्रश्न हल कर पाते हैं. तब परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था सभी अभ्यर्थियों के नंबरों (दोनों पाली को मिलाकर) को नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत सामान्य करती है.

BPSC candidate protest in patna
BPSC छात्रों के गुस्से की क्या है वजह (ETV Bharat)

क्या कहते हैं BPSC अभ्यर्थी? : बीपीएससी अभ्यर्थी कहते हैं कि, अभी तक होता रहा है कि एक सेट के ही प्रश्न पत्र सिविल सर्विसेज परीक्षाओं में पूछे जाते रहे हैं. बीपीएससी में भी पूर्व में यही होता रहा है, देश की अन्य सिविल सर्विसेज परीक्षाएं और यूपीएससी में भी यही पैटर्न है. इसमें प्रश्न पत्रों में वही प्रश्न होते हैं. लेकिन 1 से 50 के बीच का उनका सीक्वेंस इधर-उधर होता है.

''ऐसे में आयोग अब कई सेट प्रश्न पत्र की बात कर रहा है. जब अलग अलग प्रश्न होंगे तो नॉर्मलाइजेशन से रिजल्ट निकालना होगा. जब अलग अलग पालियों में परीक्षा होगी तो सभी सेट में प्रश्न अलग-अलग होंगे. ऐसे में कोई सेट आसान होगा कोई कठिन. यह प्रक्रिया रेलवे के ग्रुप डी और सिपाही बहाली जैसी परीक्षाओं में अपनाई जाती है. जिसमें अभ्यार्थियों की संख्या अधिक होती है.'' - वरुण सिंह, BPSC अभ्यर्थी

BPSC candidate protest in patna
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के विरोध में प्रदर्शन (ETV Bharat)

कैसे निकाला जाता है परसेंटेज स्कोर : आइये जानते हैं कि आखिर छात्रों का प्रतिशत यानी पर्सेंटज स्कोर कैसे निकाला जाता है. दरअसल, इस प्रक्रिया से जब दो दिन या दो पाली में परीक्षा ली जाती है, तो छात्रों को मिले नंबर के आधार पर उनका पर्सेंटेज यानी प्रतिशत निकाला जाता है.

मान लीजिए अगर छात्रों की संख्या अधिक है और परीक्षा अगले दो दिन 7 और 8 दिसंबर को आयोजित की जानी है. 7 दिसंबर को परीक्षा देने वाले छात्रों का औसत 150 में से 110 आया और 8 दिसंबर को आयोजित परीक्षा के छात्रों का एवरेज (औसत) 100 आता है. ऐसे में आयोग 7 दिसंबर की परीक्षा को आसान मानेगा और 8 दिसंबर की परीक्षा को कठिन मानेगा.

इसके बाद परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था दोनों दिन का औसत निकालेगी और उसे 105 कर दिया जाएगा. ऐसे में किसी छात्र को नुकसान तो किसी को फायदा होता है. यानी 8 दिसबंर को जिन छात्रों ने परीक्षा दी थी उनका औसत बढ़ जाता है और 7 दिसंबर को जिन छात्रों ने परीक्षा दी, उनका औसत घट जाता है.

अभ्यर्थियों के सवाल, कौन देगा जवाब? : अभ्यर्थी विकास कुमार ने बताया कि प्रीलिम्स परीक्षा में जीके-जीएस के सवाल पूछे जाते हैं. जीके जीएस में कैसे तय किया जा सकता है कि कौन प्रश्न आसान है, कौन कठिन?. जिस अभ्यर्थी ने जिस विषय पर पढ़ाई की होगी, उनके लिए वह आसान होगा और दूसरे के लिए कठिन. किसी प्रश्न पत्र में भूगोल के प्रश्न कठिन पूछे जाएंगे तो किसी में इतिहास के कठिन पूछे जाएंगे.

''मार्क्स कैलकुलेट करने का पैटर्न क्या होगा आयोग ने नहीं बताया है. आयोग जिस प्रश्नपत्र को कठिन मानेगा तो अभ्यर्थी का अंक बढ़ जाएगा. जिसे आसान मानेगा उस पाली के अभ्यर्थी का अंक बढ़ जाएगा. यानी अभ्यर्थी अगर अधिक अंक लाता है तो उसका नंबर कम हो जाएगा. यहीं नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की सबसे बड़ी खामी है.'' - विकास कुमार, अभ्यर्थी

BPSC candidate protest in patna
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के विरोध में प्रदर्शन (ETV Bharat)

नॉर्मलाइजेशन का विरोध क्यों? : बीपीएससी अभ्यर्थी इसी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध कर रहे है. अभ्यर्थी सपना कुमारी ने बताया कि ''नॉर्मलाइजेशन धांधली होने की आशंका है.'' एक और अभ्यर्थी ने कहा कि, ''इसमें कट ऑफ का सही से पता नहीं चलेगा और अच्छे अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थी मेरिट से छंट जाएंगे.''

इन परीक्षाओं में लागू है नॉर्मलाइजेशन : सिर्फ बीपीएससी ही नहीं, एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग), रेलवे भर्ती बोर्ड, पुलिस भर्ती परीक्षा और कई परीक्षाओं को एक दिन एक शिफ्ट में कराया जाता है और उसी आधार पर छात्रों को जो अंक मिलते है, उस नंबर को औसत करने के लिए नॉर्मलाइजेशन होता है.

BPSC 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू होगा? : बता दें कि 13 दिसंबर को 70वीं बीपीएससी परीक्षा प्रदेश के 925 सेंटर पर आयोजित की जानी है. जिसमें करीब 4 लाख 80 हजार अभ्यर्थी बैठेंगे. इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू होगा कि नहीं यह अभी तय नहीं है. लेकिन बीपीएससी अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने नॉर्मलाइजेशन लागू करने की योजना है.

'वन शिफ्ट-वन-एग्जाम' सड़क पर उतरे अभ्यर्थी : हालांकि बीपीएससी ने साफ किया है कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. इसके बावजूद अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरे और धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. कई छात्रों को चोटें भी आईं.

अलग-अलग प्रश्न पत्र की जरूरत क्यों? : भले ही बीपीएससी ने नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं करने की बात कही है. लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि 4.83 लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है और आयोग 13 दिसंबर को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करा रहा है. अगर एक दिन, एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित हो रही तो अलग-अलग प्रश्न पत्र की जरूरत क्यों?.

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