उत्तर 24 परगना: पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक सिख पुलिस अधिकारी पर कथित 'खालिस्तानी' टिप्पणी की. 'एक्स' पर पोस्ट में पश्चिम बंगाल पुलिस ने नाराजगी व्यक्त की और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी की टिप्पणी को दुर्भावनापूर्ण, नस्लीय, सांप्रदायिक रूप से उकसाने वाला और एक आपराधिक कृत्य करार दिया.
पुलिस अधिकारी ने किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान पर अकारण, अस्वीकार्य हमले की निंदा की और कहा कि कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम पश्चिम बंगाल पुलिस बिरादरी इस वीडियो को साझा करने से नाराज हैं, जहां हमारे ही एक अधिकारी को राज्य के विपक्ष के नेता द्वारा कथित रूप से 'खालिस्तानी' कहा गया.
पुलिस ने जताई नाराजगी: वह एक गौरवान्वित सिख हैं और एक सक्षम पुलिस अधिकारी भी हैं जो कानून पालन करने की कोशिश कर रहे थे. यह टिप्पणी जितनी दुर्भावनापूर्ण और नस्लीय है उतनी ही सांप्रदायिक रूप से भड़काने वाली भी है. यह एक आपराधिक कृत्य है. हम स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान और विश्वास पर अकारण, अस्वीकार्य हमले की निंदा करते हैं. इसका उद्देश्य लोगों को हिंसा करने और कानून तोड़ने के लिए उकसाना है. कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है.
ममता बनर्जी की कड़ी प्रतिक्रिया: इस बीच इस घटना पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति ने बेशर्मी से संवैधानिक सीमाओं को लांघ दिया है. बीजेपी के अनुसार पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है. मैं हमारे राष्ट्र के प्रति अपने बलिदानों और अटूट दृढ़ संकल्प के लिए पूजनीय हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के इस दुस्साहसिक प्रयास की कड़ी निंदा करता हूं. हम बंगाल के सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाएंगे. उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा.
राहुल गांधी ने घटना की कड़ी निंदा की: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी की नफरत के जहर ने उन्हें इतना अंधा कर दिया है कि वे न तो किसान देख सकते हैं, न जवान देख सकते हैं और न ही खाकी वाले अधिकारी का सम्मान कर सकते हैं. भाजपा की 'नफरत की खेती' से फैले जहर ने हमारे 'राजनीतिक बाजार' को कलंकित कर दिया है. इस जहर से अंधे हो चुके लोगों को न तो किसान दिख रहा है, न जवान और न ही खाकी का सम्मान. देश ऐसे आईपीएस के साथ खड़ा है. उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में यह टिप्पणी की.
एडीजी का बयान: एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार के अनुसार, यह घटना तब हुई जब आज सुबह धमाखली में धारा 144 लागू करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था. बल का नेतृत्व खुफिया शाखा के एसएसपी आईपीएस जसपीत सिंह ने किया. पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी सहित कई विधायक धमाखाली में मौजूद थे (और संदेशखाली जा रहे थे). एक पुलिस अधिकारी के साथ विवाद के दौरान सुभेंदु अधिकारी ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ कथित रूप से खालिस्तानी टिप्पणी की. हम इसका कड़ा विरोध करते हैं. इस गंभीर टिप्पणी के लिए हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.