कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. राज्यपाल बोस के निर्देश पर सॉलिसिटर जनरल ने शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में सीएम ममता समेत टीएमसी के कई नेताओं के खिलाफ यह मुकदमा दायर किया.
सूत्रों ने बताया कि एक महीने पहले राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कथित तौर पर महिला से छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए थे. दावा किया जा रहा है कि उस शिकायत के बाद से तृणमूल की महिला नेता राजभवन जाने से डर रही हैं. सीएम ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि महिलाएं राजभवन जाने से डर रही हैं.
पूरा मामला बरानगर और भागबंगोला उपचुनाव में नवनिर्वाचित तृणमूल कांग्रेस की दो विधायकों सायंतिका बंद्योपाध्याय और रेयात हुसैन को शपथ दिलाने को लेकर विवाद से शुरू हुआ है. दोनों महिला विधायकों के शपथ ग्रहण पर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से लेकर सीएम ममता बनर्जी, मंत्री फिरहाद हकीम, कुणाल घोष समेत कई नेताओं ने राज्यपाल पर टिप्पणी.
टीएमसी नेताओं ने यहां तक कहा कि उत्तर 24 परगना जिले की बरानगर उपचुनाव में नवनिर्वाचित टीएमसी विधायक सायंतिका बनर्जी शपथ लेने के लिए राजभवन जाने से कतरा रही हैं. उन्होंने कई बार मीडिया से कहा है कि राज्यपाल पर लगे आरोपों के मामले में उन्हें राजभवन जाने से डर लग रहा है. इसके अलावा टीएमसी के कई नेताओं ने भी इस तरह की टिप्पणी की है.
सूत्रों के अनुसार, सीएम ममता के साथ तृणमूल नेताओं, मंत्रियों और विधायकों की टिप्पणियों को राजभवन या राज्यपाल के पद की मानहानि माना जाता है. इसी आधार पर राज्यपाल ने कलकत्ता हाई कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है. मुकदमे के साथ सबूत के तौर पर मीडिया में प्रकाशित विभिन्न खबरों के लिंक को शामिल किया गया है.
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