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नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से पहले ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जानें क्या कहा - Mamata Banerjee Writes To PM Modi - MAMATA BANERJEE WRITES TO PM MODI

Mamata Banerjee Writes To PM Modi: एक जुलाई से तीन नए कानून लागू होने जा रहे हैं. इन कानूनों के अमल में आने से पहले प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.

Mamata Banerjee
ममता बनर्जी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 21, 2024, 11:57 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित करने का आग्रह किया है. इन कानूनों को 1 जुलाई से लागू किया जाना है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि स्थगन से आपराधिक कानूनों की नए सिरे से संसदीय समीक्षा संभव होगी.

बता दें कि नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं. ये कानून औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. नए कानूनों का उद्देश्य देश के नागरिकों को त्वरित न्याय प्रदान करना है. इतना ही नहीं ये न्यायिक और न्यायालय प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करेंगे.

तीन कानूनों पर नहीं होगा पुनर्विचार
इससे पहले कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने तीन कानूनों पर पुनिर्विचार करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि एक जुलाई से तीनों नए क्रिमिनल लॉ लागू होंगे. नए कानून को अमल में लाने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है और उस पर कोई पुनर्विचार नहीं किया जाएगा.

भारतीय न्याय संहिता में कितनी धाराएं
भारतीय न्याय संहिता में कुल 358 धाराएं हैं. इसमें 20 नए अपराध को परिभाषित किया गया है. इसमें स्नैचिंग और मॉब लिंचिंग जैसे अपराधों को शामिल किया गया है. साथ ही 33 अपराधों में सजा भी बढ़ाई गई है. वहीं, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं. कुल 177 ऐसे प्रावधान हैं, जिनमें संशोधन हुआ है. 9 नई धाराएं और कुल 39 उपधाराएं जोड़ी गई हैं. साथ ही 14 धाराओं को निरस्त कर दिया गया है.

इसके अलावा भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं होंगी। पहले के इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत कुल 167 धाराएं थीं। 6 धाराओं को निरस्त किया गया है और 2 नई धाराएं और 6 उप धाराओं को जोड़ा गया है.

यह भी पढ़ें- बंगाल हिंसा : फैक्ट फाइंडिंग टीम का विरोध, बिप्लब देब बोले-'ममता सुधर जाओ, नहीं तो सुधार देंगे'

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित करने का आग्रह किया है. इन कानूनों को 1 जुलाई से लागू किया जाना है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि स्थगन से आपराधिक कानूनों की नए सिरे से संसदीय समीक्षा संभव होगी.

बता दें कि नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं. ये कानून औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. नए कानूनों का उद्देश्य देश के नागरिकों को त्वरित न्याय प्रदान करना है. इतना ही नहीं ये न्यायिक और न्यायालय प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करेंगे.

तीन कानूनों पर नहीं होगा पुनर्विचार
इससे पहले कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने तीन कानूनों पर पुनिर्विचार करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि एक जुलाई से तीनों नए क्रिमिनल लॉ लागू होंगे. नए कानून को अमल में लाने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है और उस पर कोई पुनर्विचार नहीं किया जाएगा.

भारतीय न्याय संहिता में कितनी धाराएं
भारतीय न्याय संहिता में कुल 358 धाराएं हैं. इसमें 20 नए अपराध को परिभाषित किया गया है. इसमें स्नैचिंग और मॉब लिंचिंग जैसे अपराधों को शामिल किया गया है. साथ ही 33 अपराधों में सजा भी बढ़ाई गई है. वहीं, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं हैं. कुल 177 ऐसे प्रावधान हैं, जिनमें संशोधन हुआ है. 9 नई धाराएं और कुल 39 उपधाराएं जोड़ी गई हैं. साथ ही 14 धाराओं को निरस्त कर दिया गया है.

इसके अलावा भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं होंगी। पहले के इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत कुल 167 धाराएं थीं। 6 धाराओं को निरस्त किया गया है और 2 नई धाराएं और 6 उप धाराओं को जोड़ा गया है.

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