कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर दिए गए अपने विवादास्पद बयान पर बुधवार को खेद जताया. घोष के मुख्यमंत्री के संबंध में दिए बयान से विवाद खड़ा हो गया था और भाजपा ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. घोष को एक कथित वीडियो क्लिप में बनर्जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि का मजाक उड़ाते हुए सुना गया था. भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी और अन्य लोगों को उनके शब्दों के चयन पर आपत्ति है. उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा है तो मुझे इसके लिए खेद है.'
तृणमूल कांग्रेस ने घोष की टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. पार्टी ने आरोप लगाया कि घोष के बयान से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष घोष ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री से कोई निजी दुश्मनी नहीं है. उन्होंने कहा, 'पहली बार नहीं है कि मेरे बयानों पर विवाद खड़ा हुआ है, क्योंकि मैं गलती करने वालों के मुंह पर अपनी बात कहता हूं.'
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने केवल बनर्जी के राजनीतिक बयानों का विरोध किया था. हालांकि, घोष ने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणियों पर महिला सम्मान की बात उठी है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके पिता शिशिर अधिकारी के खिलाफ अपमानजनक बात कही है तो क्या उनका अपमान नहीं है? घोष ने दुर्गापुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'क्या शुभेंदु केवल इसलिए सम्मान की अपेक्षा नहीं कर सकते क्योंकि वह पुरुष हैं?'
भाजपा ने मेदिनीपुर से निवर्तमान सांसद घोष को इस चुनाव में बर्द्धमान-दुर्गापुर संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारा है. उन्होंने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के बांग्ला भाषा में दिए गए एक नारे का मजाक उड़ाया था जिसका अर्थ है 'बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है.' घोष ने मुख्यमंत्री बनर्जी के संदर्भ में कहा, 'जब वह गोवा जाती हैं तो कहती हैं कि गोवा की बेटी हैं. त्रिपुरा में वह खुद को त्रिपुरा की बेटी बताती हैं. पहले वह स्पष्ट करें.......'
भाजपा प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के बारे में और एक मुख्यमंत्री के बारे में इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करती और इसलिए घोष से स्पष्टीकरण मांगा गया है.