सवाई माधोपुर. एक ओर प्रदेश के साथ ही पूरे देश भर में अक्षय तृतीया के अबूझ सावे पर गली-गली मंगल गीत और शादियों की शहनाई सुनाई देती है तो वहीं, सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र के 18 गावों में इस दिन सन्नाटा पसरा रहता है. अक्षय तृतीया के दिन यहां न तो बैंडबाजे बजते हैं और न ही इन गांवों में कोई मंगल कार्य किए जाते हैं. यहां के लोग सदियों से चली आ रही इस परंपरा को आज भी बिना किसी तर्क वितर्क के निभाते चले आ रहे हैं.
जानें वजह : अक्षय तृतीया के मौके पर चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र के 18 गांवों में शादियां न होने को लेकर चौथ माता मंदिर समिति के सदस्य शक्ति सिंह बताते हैं कि यह परंपरा रियासत काल से चली आ रही है. 1319 की वैशाख सुदी तीज पर आसपास के 18 गांवों के विभिन्न समुदायों के नव दंपती चौथ माता का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर गए थे. उस दौरान दुल्हनें घुघट में होने के कारण अपने दूल्हे को पहचान नहीं सकी और दूसरे दूल्हे के साथ जाने लगी. इस बात का पता जब दूल्हों और उनके परिजनों को लगा तो दुल्हन बदलने को लेकर विवाद हो गया. वहीं, देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि आपस में मारकाट की नौबत आ गई.
इसे भी पढ़ें - इस बार अक्षय तृतीया पर इस वजह से नहीं बजेगी शहनाई, जानिए क्या बोले ज्योतिषाचार्य - Akshaya Tritiya
हमले में 84 जोड़ों की गई जान : इसी बीच चाकसू के मेघसिंह गौड़ ने यहां आक्रमण कर दिया, जिसमें करीब 84 जोड़ों की जान चली गई. इसके बाद यहां तत्कालीन शासक मेलक देव चौहान के निर्देश पर 84 नव दंपतियों की मौत पर अक्षय तृतीया पर शोक मनाया गया था और तब से आज तक यहां के 18 गांवों में लोग इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं.
इसे भी पढ़ें - इस बार आखातीज पर शादियों पर लगा ब्रेक! , व्यापार पर पड़ा भारी असर , जानिए इस बार क्यों नहीं बजेगी शहनाई ! - IMPACT ON BUSINESS
चूल्हे पर नहीं चढ़ती कढ़ाई : वहीं इतिहासकार शरीफ अहमद ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन इन गांवों के किसी भी घर के चूल्हे पर कढ़ाई नहीं चढ़ती है और न ही शादी समारोह का आयोजन होता है. इसके अलावा क्षेत्र के किसी मंदिर में आरती के दौरान कोई वाद्यंत्र भी नहीं बजता है. वहीं, चौथ माता मंदिर के घंटों को अक्षय तृतीया की पूर्व संध्या पर ऊंचाई पर बांध दिया जाता है, ताकि कोई उसे बजा न सके. चौथ माता मार्ग पर 84 दूल्हा-दुल्हनों के चबूतरे बने हैं. यहां विभिन्न समुदायों के लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं.