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Exclusive: 'वेल्थ क्रिएशन की शुरुआत अर्ली इंवेस्टमेंट से होती है', ईटीवी भारत से बोले रोहित सरीन - Clint Associates

Rohit Sareen: क्लिंट एसोसिएट्स के को-फाउंडर और वेल्थ मैनेजमेंट एक्सपर्ट रोहित सरीन ने ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ सौरभ शुक्ला से बात करते हुए कहा कि अगर कोई आज निवेश करना शुरू करता है, तो यह अगले दस साल देश की आर्थिक वृद्धि और व्यक्तिगत वित्तीय वृद्धि दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है.

रोहित सरीन
ईटीवी भारत से बात करते रोहित सरीन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 27, 2024, 6:36 PM IST

नई दिल्ली: क्लिंट एसोसिएट्स के को-फाउंडर और वेल्थ मैनेजमेंट एक्सपर्ट रोहित सरीन इस बात पर जोर देते हैं कि जीवन की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा बहुत जरूरी है. वह सलाह देते हैं कि लोगों को खर्चों के बाद बची हुई किसी भी अतिरिक्त राशि को धीरे-धीरे एक अहम कोष बनाने के लिए निवेश करना चाहिए, ताकि उन्हें फाइनेंशियल शॉर्टेज का सामना न करना पड़े.

उनकी फर्म लगभग 50,000 करोड़ रुपये के फंड को मैनेज करती है. रोहित ने एलेफ पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित 'अनलॉकिंग वेल्थ' नामक एक पुस्तक भी लिखी है. ईटीवी भारत को दिए एक इंटरव्यू में, उन्होंने इंवेस्टमेंट की अहमियत, इसके फायदे और कैसे चक्रवृद्धि ब्याज निवेश रिटर्न में सुधार कर सकता है, इस पर चर्चा की.

भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कगार पर है. इसको लेकर रोहित सरीन का कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो देश में हर व्यवसाय, चाहे उसका साइज कुछ भी हो, अगले दशक में कम से कम पांच गुना या उससे ज्यादा बढ़ सकता है. भारत दुनियाभर में अरबपतियों और करोड़पतियों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है और अनुमान है कि 2031 तक मध्यम वर्ग की 41 प्रतिशत आबादी यह तक पहुंच जाएगी.

कई मायनों में, व्यक्तियों और परिवारों के लिए स्मार्ट सेविंग, अच्छे निवेश, कैलकुलेटेड रिस्क और अन्य रणनीतियों के माध्यम से धन बनाने का इससे बेहतर अवसर कभी नहीं रहा. रोहित ने अपनी किताब में भी यही बताया है.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संपत्ति बनाने के लिए कभी भी बहुत जल्दी या बहुत देर नहीं होती है, उन्होंने स्पष्ट रणनीति प्रदान की कि कैसे व्यक्ति अमीर बन सकते हैं और अपनी जमा-पूंजी बढ़ा सकते हैं. रोहित ने उल्लेख किया कि अगर कोई आज निवेश करना शुरू करता है, तो यह अगले दस साल देश की आर्थिक वृद्धि और व्यक्तिगत वित्तीय वृद्धि दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है. देश के आर्थिक विकास के साथ व्यक्तिगत निवेश को जोड़कर, कोई भी व्यक्ति अगले दशक में महत्वपूर्ण संपत्ति बना सकता है.

चक्रवृद्धि ब्याज का इफेक्ट
ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए उन्होंने चक्रवृद्धि ब्याज का एक उदाहरण दिया, जहां मूलधन और रिटर्न दोनों को बार-बार फिर से निवेश किया जाता है. उन्होंने समझाया कि अगर कोई 100 रुपये का निवेश करता है और यह निवेश 15 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर से बढ़ता है, तो यह हर पांच साल में दोगुना हो जाएगा और अगले 30 साल में 66 गुना हो सकता है, अगर राशि इतने लंबे समय तक निवेश की जाती है तो.

उन्होंने कम उम्र में ही निवेश शुरू करने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि जैसे ही किसी को नौकरी मिलती है, उसे अपने खर्च का आकलन करने के बाद अपनी कमाई की बचत शुरू कर देनी चाहिए. जैसे-जैसे उनका वेतन बढ़ता है, निवेश की गई राशि भी बढ़ती जानी चाहिए, ताकि विभिन्न जरूरतों के लिए एक महत्वपूर्ण कोष बनाया जा सके. निवेश के लिए, उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को पहले व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) अपनानी चाहिए, क्योंकि पर्याप्त जानकारी के बिना सीधे शेयरों में निवेश करने से अधिकतम रिटर्न नहीं मिल सकता.

कंपनी की तुलना में इंडेक्स की वृद्धि
रोहित सरीन ने सलाह दी कि अगर किसी को सीमित बाजार ज्ञान है तो उसे अलग-अलग स्टॉक चुनने के बजाय एसआईपी या म्यूचुअल फंड के माध्यम से कई स्टॉक के इंडेक्स में निवेश करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई कंपनियां समय के साथ खुद को बनाए रखने के लिए संघर्ष करती हैं. उदाहरण के लिए, दशकों से फॉर्च्यून 500 लिस्ट की तुलना करने पर, 1955 की सूची की मूल कंपनियों में से केवल 52 ही बची हैं. बाकी दिवालिया हो गई हैं, फिर दूसरों के साथ विलय हो गई हैं, उनका अधिग्रहण कर लिया गया है, उत्पादन बंद कर दिया है या फिर कम प्रभावशाली रूपों में मौजूद हैं.

यह दर्शाता है कि व्यवसायों के लिए लगातार वैल्यू ऐड करना और लंबी अवधि में धन अर्जित करना कितना चुनौतीपूर्ण है. हालांकि, कुल मिलाकर बीएसई सेंसेक्स सूचकांक ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जो पिछले दस साल में 25,000 से बढ़कर 85,000 हो गया है, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि देश की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. इसलिए अगर कोई एसआईपी मैथड के माध्यम से निवेश करता है, तो उसके अधिक धन अर्जित करने की संभावनाएं हैं.

निवेश करने से पहले करें स्टडी
उन्होंने लोगों को आगाह किया कि जो भी सलाह उन्हें मिलती है, उसे आंख मूंदकर न मानें. रोहित सरीन के अनुसार यह आपका पैसा है, इसलिए जोखिम भी आपका है. ऐसे में जब आप किसी विशेष क्षेत्र में निवेश करने का फैसला करते हैं, तो आपको इसके भविष्य के बारे में रिसर्च करना चाहिए और संभावित रिस्क और अवसरों के बारे में खुद को जागरूक करना चाहिए क्योंकि यह आपका पैसा है.

रोहित सरीन ने यह भी सुझाव दिया कि अगर कोई वहन कर सकता है, तो उसे प्रतिष्ठित वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि अच्छे वित्तीय सलाहकार सफल डॉक्टरों, वकीलों और वास्तुकारों के समान होते हैं. धन की सुरक्षा और वृद्धि के लिए उनका मार्गदर्शन लेना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हालांकि इन दिनों सेल्फ-स्टडी के लिए बहुत सारा स्टडी मैटेरियल उपलब्ध है, लेकिन निवेश करने से पहले खुद को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है.

यह भी पढ़ें- ED ने क्यों जब्त की है फाजिलपुरिया और एल्विश यादव की संपत्ति, जानें क्या है केस?

नई दिल्ली: क्लिंट एसोसिएट्स के को-फाउंडर और वेल्थ मैनेजमेंट एक्सपर्ट रोहित सरीन इस बात पर जोर देते हैं कि जीवन की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा बहुत जरूरी है. वह सलाह देते हैं कि लोगों को खर्चों के बाद बची हुई किसी भी अतिरिक्त राशि को धीरे-धीरे एक अहम कोष बनाने के लिए निवेश करना चाहिए, ताकि उन्हें फाइनेंशियल शॉर्टेज का सामना न करना पड़े.

उनकी फर्म लगभग 50,000 करोड़ रुपये के फंड को मैनेज करती है. रोहित ने एलेफ पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित 'अनलॉकिंग वेल्थ' नामक एक पुस्तक भी लिखी है. ईटीवी भारत को दिए एक इंटरव्यू में, उन्होंने इंवेस्टमेंट की अहमियत, इसके फायदे और कैसे चक्रवृद्धि ब्याज निवेश रिटर्न में सुधार कर सकता है, इस पर चर्चा की.

भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कगार पर है. इसको लेकर रोहित सरीन का कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो देश में हर व्यवसाय, चाहे उसका साइज कुछ भी हो, अगले दशक में कम से कम पांच गुना या उससे ज्यादा बढ़ सकता है. भारत दुनियाभर में अरबपतियों और करोड़पतियों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है और अनुमान है कि 2031 तक मध्यम वर्ग की 41 प्रतिशत आबादी यह तक पहुंच जाएगी.

कई मायनों में, व्यक्तियों और परिवारों के लिए स्मार्ट सेविंग, अच्छे निवेश, कैलकुलेटेड रिस्क और अन्य रणनीतियों के माध्यम से धन बनाने का इससे बेहतर अवसर कभी नहीं रहा. रोहित ने अपनी किताब में भी यही बताया है.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संपत्ति बनाने के लिए कभी भी बहुत जल्दी या बहुत देर नहीं होती है, उन्होंने स्पष्ट रणनीति प्रदान की कि कैसे व्यक्ति अमीर बन सकते हैं और अपनी जमा-पूंजी बढ़ा सकते हैं. रोहित ने उल्लेख किया कि अगर कोई आज निवेश करना शुरू करता है, तो यह अगले दस साल देश की आर्थिक वृद्धि और व्यक्तिगत वित्तीय वृद्धि दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है. देश के आर्थिक विकास के साथ व्यक्तिगत निवेश को जोड़कर, कोई भी व्यक्ति अगले दशक में महत्वपूर्ण संपत्ति बना सकता है.

चक्रवृद्धि ब्याज का इफेक्ट
ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए उन्होंने चक्रवृद्धि ब्याज का एक उदाहरण दिया, जहां मूलधन और रिटर्न दोनों को बार-बार फिर से निवेश किया जाता है. उन्होंने समझाया कि अगर कोई 100 रुपये का निवेश करता है और यह निवेश 15 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर से बढ़ता है, तो यह हर पांच साल में दोगुना हो जाएगा और अगले 30 साल में 66 गुना हो सकता है, अगर राशि इतने लंबे समय तक निवेश की जाती है तो.

उन्होंने कम उम्र में ही निवेश शुरू करने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि जैसे ही किसी को नौकरी मिलती है, उसे अपने खर्च का आकलन करने के बाद अपनी कमाई की बचत शुरू कर देनी चाहिए. जैसे-जैसे उनका वेतन बढ़ता है, निवेश की गई राशि भी बढ़ती जानी चाहिए, ताकि विभिन्न जरूरतों के लिए एक महत्वपूर्ण कोष बनाया जा सके. निवेश के लिए, उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को पहले व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) अपनानी चाहिए, क्योंकि पर्याप्त जानकारी के बिना सीधे शेयरों में निवेश करने से अधिकतम रिटर्न नहीं मिल सकता.

कंपनी की तुलना में इंडेक्स की वृद्धि
रोहित सरीन ने सलाह दी कि अगर किसी को सीमित बाजार ज्ञान है तो उसे अलग-अलग स्टॉक चुनने के बजाय एसआईपी या म्यूचुअल फंड के माध्यम से कई स्टॉक के इंडेक्स में निवेश करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई कंपनियां समय के साथ खुद को बनाए रखने के लिए संघर्ष करती हैं. उदाहरण के लिए, दशकों से फॉर्च्यून 500 लिस्ट की तुलना करने पर, 1955 की सूची की मूल कंपनियों में से केवल 52 ही बची हैं. बाकी दिवालिया हो गई हैं, फिर दूसरों के साथ विलय हो गई हैं, उनका अधिग्रहण कर लिया गया है, उत्पादन बंद कर दिया है या फिर कम प्रभावशाली रूपों में मौजूद हैं.

यह दर्शाता है कि व्यवसायों के लिए लगातार वैल्यू ऐड करना और लंबी अवधि में धन अर्जित करना कितना चुनौतीपूर्ण है. हालांकि, कुल मिलाकर बीएसई सेंसेक्स सूचकांक ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जो पिछले दस साल में 25,000 से बढ़कर 85,000 हो गया है, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि देश की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. इसलिए अगर कोई एसआईपी मैथड के माध्यम से निवेश करता है, तो उसके अधिक धन अर्जित करने की संभावनाएं हैं.

निवेश करने से पहले करें स्टडी
उन्होंने लोगों को आगाह किया कि जो भी सलाह उन्हें मिलती है, उसे आंख मूंदकर न मानें. रोहित सरीन के अनुसार यह आपका पैसा है, इसलिए जोखिम भी आपका है. ऐसे में जब आप किसी विशेष क्षेत्र में निवेश करने का फैसला करते हैं, तो आपको इसके भविष्य के बारे में रिसर्च करना चाहिए और संभावित रिस्क और अवसरों के बारे में खुद को जागरूक करना चाहिए क्योंकि यह आपका पैसा है.

रोहित सरीन ने यह भी सुझाव दिया कि अगर कोई वहन कर सकता है, तो उसे प्रतिष्ठित वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि अच्छे वित्तीय सलाहकार सफल डॉक्टरों, वकीलों और वास्तुकारों के समान होते हैं. धन की सुरक्षा और वृद्धि के लिए उनका मार्गदर्शन लेना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हालांकि इन दिनों सेल्फ-स्टडी के लिए बहुत सारा स्टडी मैटेरियल उपलब्ध है, लेकिन निवेश करने से पहले खुद को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है.

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