चेन्नई: तमिलनाडु में स्थित वीआईटी चेन्नई का वार्षिक दीक्षांत समारोह-2024 और नई इमारत का उद्घाटन शनिवार को चेन्नई के केलंबक्कम के पास आयोजित किया गया. केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने समारोह में भाग लिया और छात्रों को डिग्री प्रदान की. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, भारत वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आने वाले समय में हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल होंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, बहुराष्ट्रीय निगमों में भारतीय उच्च पदों पर आसीन हैं. उन्होंने समारोह में अपने संबोधन में कहा कि, छात्र भारत के भविष्य हैं और सब कुछ छात्रों की कड़ी मेहनत से संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि, "व्यवसाय शुरू करने वाले सबसे आसान देशों की सूची में हम 2014 में 142वें स्थान पर थे, और अब हम आगे बढ़कर 63वां स्थान पर पहुंच गए हैं. हमें कार्य करने वाले के बजाय निर्माता बनना चाहिए." उन्होंने कहा कि, छात्रों को परिवर्तन और नवाचार का अग्रदूत बनना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने आगे कहा कि,''हमें अपने माता-पिता, शिक्षकों और उन लोगों को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने हमारे विकास में हमारी मदद की. उन्होंने कहा कि 2024 में भारत दुनिया में मोबाइल फोन का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक होगा.
जी किशन रेड्डी ने इस दौरान ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि, सिंगरेनी में हाल ही में ओडिशा से एक कोयला खदान आवंटित की गई है और उसमें भी हस्तक्षेप किया गया है क्योंकि उन्होंने वहां के मुख्यमंत्री से चर्चा की है. उन्होंने नरेंद्र मोदी की पहल के इतने वर्षों के बाद पहली बार इसे सौंपा है.
उन्होंने कहा कि, पीएम मोदी के कारण सिंगरेनी को ओडिशा में एक कोयला खदान मिली. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी हम कुछ और आवंटन करने की योजना बना रहे हैं. ईटीवी भारत ने केंद्रीय मंत्री से पूछा, आप तेलंगाना के बारे में क्या अतिरिक्त सोच रहे हैं हैं? उन्होंने कहा, "हम तेलंगाना में हर चीज का ध्यान रखेंगे और आंध्र प्रदेश का रेत खदान मुद्दा राज्य सरकार का मुद्दा है. रेत राज्य सरकार के अधीन आती है, भारत सरकार के अधीन नहीं. उन्होंने कहा कि, हमारे पास केवल महत्वपूर्ण खनिज हैं और अन्य सभी खनिज राज्य सरकार के हैं.
उन्होंने आगे कहा कि, "डीएमके और एआईएडीएमके दोनों केंद्रीय बजट 2024-25 के संबंध में आधारहीन बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि, हर घर के लिए सरकार 5 किलो मुफ्त चावल, शौचालय, घर, बिजली और स्वास्थ्य सेवा दे रही है. आयुष्मान भारत हर साल कॉर्पोरेट अस्पतालों के लिए प्रति परिवार 5 लाख दे रही है....प्रत्येक किसान को हम वित्त दे रहे हैं, उर्वरक का उपयोग करने वाले प्रत्येक किसान को सरकार प्रति एकड़ 18,000 सब्सिडी दे रही है."
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