सुपौल : कोसी नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कोसी नदी की धारा उग्र होती जा रही है. पानी के बहाव को लेकर बैराज के सभी 56 फाटक खोल दिये गये हैं. बावजूद इसके पानी बराज पर चढ़ गया है. हालांकि, जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि बैराज पर पानी नदी की धारा में उछाल की वजह से आ रहा है. स्थिति अंडर कंट्रोल है.
कोसी बैराज पर चढ़ा पानी : बराज की सुरक्षा को लेकर डीएम कौशल कुमार के अनुरोध पर नेपाल सरकार ने अगले तीन दिनों तक कोसी बराज पर यातायात व्यवस्था को बाधित रखने का फैसला किया है. बैराज पर सभी प्रकार के वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी है. इसके लिए नेपाल सरकार ने आदेश भी निर्गत किया है. वहीं कोसी बराज के दोनों ओर अवरोधक लगा दिया गया है. जहां नेपाल पुलिस की तैनाती कर दी गयी है.
"कोसी बैराज के ऊपर पानी नहीं आया है. यह नेपाल की तरफ से आ रहे पानी का बहाव है जिससे पानी में काफी उछाल है. वही पानी पुल की रेलिंग से होता हुआ रोड पर आ रहा है. हमारी ओर से अनुरोध करने पर नेपाल सरकार के सहयोग से एहतियातन आवागमन को रोका जा रहा है. नेपाल की ओर से आदेश जारी हो चुका है. बैराज में किसी तरह का कोई डैमेज नहीं है. हमारे इंजीनियर्स उसकी देखरेख में लगे हुए हैं. उम्मीद है जल्द ही जल स्तर में कमी आएगी."- कौशल कुमार, जिलाधिकारी, सुपौल
पुल तक पानी आने की वजह से बैराज बंद : हालांकि कोसी बराज की सुरक्षा में नेपाल पुलिस 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहती है. वहीं भारतीय प्रभाग के जल संसाधन विभाग के अधिकारी बैराज की सुरक्षा की पल-पल अपडेट लेते रहते हैं. अभियंताओं की टीम एक नियत समय पर कोसी बराज का जायजा भी लेते रहते हैं.
नेपाल का भारत से कटा संपर्क : कोसी बराज मार्ग नेपाल के राष्ट्रीय राजमार्ग में शामिल है. जिसे शनिवार की संध्या चार बजे से अगले दिन तीन तक तक बंद किये जाने से लोगों का संपर्क नेपाल की राजधानी काठमांडू, पर्यटन स्थल पोखरा व आंख का सबसे बड़ा हॉस्पीटल लहान से टूट गया है. हालांकि लोग हवाई मार्ग से काठमांडू व पोखरा जा सकते हैं.
कोसी का कहर : बता दें कि अब तक लगभग 6 लाख क्यूसेक पानी कोसी बराज से छोड़ा जा चुका है. पीछे बराह क्षेत्र में भी नेपाल की ओर से 4 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इस वजह से नदी पर पानी का दबाव बढ़ गया है. निचले इलाकों में प्रशासन माइकिंग करके लोगों को अलर्ट कर रहा है. आधी रात को निचले इलाकों में प्रलय आना तय है. प्रशासन सभी को ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील कर रहा है.