ETV Bharat / bharat

... जब विधानसभा में MLA ने सुनाई आपबीती, कहा- बनना चाहता था आतंकी - MLA MILITANT JK

जम्मू-कश्मीर के विधायक ने कहा कि वह आतंकवादी बनना चाहते थे लेकिन अचानक उनका विचार बदला. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Jammu and Kashmir legislator narrates his ordeal in assembly
जम्मू-कश्मीर विधानसभा (ETV Bharat Urdu Desk)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 9, 2024, 10:06 AM IST

Updated : Nov 9, 2024, 4:17 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक ने विधानसभा में अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि किन परिस्थितियों में उन्होंने आतंकवाद को अपना रास्ता चुनने के फैसला किया था.

नेशनल कांफ्रेंस के नेता और विधायक कैसर जमशेद लोन ने कहा कि जब वह 9वीं कक्षा के छात्र थे तो उन्हें एक भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा था. इसके कारण उन्होंने बंदूक उठाकर आतंकवादी बनने के बारे में सोचा था लेकिन एक सैन्य अधिकारी की बातों से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना मन बदल लिया.

विधायक ने कहा कि जब वह कक्षा 9 में थे तो गांव में एक कमांडिंग आर्मी ऑफिसर ने इलाके में कार्रवाई के दौरान उन्हें कथित रूप से प्रताड़ित किया. अधिकारी ने उनसे इलाके के आतंकियों के बारे में जानने को लेकर सवाल पूछा था. इसके जवाब में उन्होंने हां कहा था. इसके बाद उन्हें कथित रूप से प्रताड़ित किया गया.

लोन ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान यह आपबीती सुनाई. लोन सीमांत कुपवाड़ा जिले के लोलाब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. ये नियंत्रण रेखा पर स्थित है. यह क्षेत्र 1989 से आतंकवादियों की घुसपैठ का मार्ग रहा है.

लोन ने लोलाब से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार को हराया. वह दिवंगत एनसी नेता और पूर्व मंत्री मुश्ताक अहमद लोन के भतीजे हैं, जिनकी 90 के दशक में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.

विधायक लोन ने आगे कहा कि 90 के दशक में कश्मीर घाटी में जब आतंकवाद अपने चरम पर था तो सुरक्षा बल आतंकवादियों और उनके ओजीडब्ल्यू को पकड़ने के लिए कार्रवाई करते थे. लोन ने बताया कि इसी क्रम में उनके जैसे 32 अन्य युवाओं को पकड़ा गया और उन्हें कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया.

उसी दौरान उनकी मुलाकात एक वरिष्ठ अधिकारी से हुई. उन्होंने उनके बारे में पूछा. जब अधिकारी को ये पता चला कि लोन आतंकी बनना चाहते हैं तो वे नाराज हुए और उन्हें समझाया. फिर अपने जूनियर अधिकारी को भी बुलवाया और उन्हें फटाकर लगाई. वरिष्ठ अधिकारी ने लोन को करीब 20 मिनट तक समझाया बुझाया जिसके बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया.

लोन ने बताया कि उस दौरान कथित प्रताड़ना से 32 युवाओं में से 27 पाकिस्तान में सेना में प्रशिक्षण लेने चले गए और आतंकवादी बन गए. उन्होंने लोगों और व्यवस्था के बीच संवाद और बातचीत के महत्व को समझाते हुए कहा, 'मैंने यह घटना संवाद के महत्व को बताने के लिए बताई.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी हंगामा, मार्शल ने विधायक को बाहर निकाला

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक ने विधानसभा में अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि किन परिस्थितियों में उन्होंने आतंकवाद को अपना रास्ता चुनने के फैसला किया था.

नेशनल कांफ्रेंस के नेता और विधायक कैसर जमशेद लोन ने कहा कि जब वह 9वीं कक्षा के छात्र थे तो उन्हें एक भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा था. इसके कारण उन्होंने बंदूक उठाकर आतंकवादी बनने के बारे में सोचा था लेकिन एक सैन्य अधिकारी की बातों से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना मन बदल लिया.

विधायक ने कहा कि जब वह कक्षा 9 में थे तो गांव में एक कमांडिंग आर्मी ऑफिसर ने इलाके में कार्रवाई के दौरान उन्हें कथित रूप से प्रताड़ित किया. अधिकारी ने उनसे इलाके के आतंकियों के बारे में जानने को लेकर सवाल पूछा था. इसके जवाब में उन्होंने हां कहा था. इसके बाद उन्हें कथित रूप से प्रताड़ित किया गया.

लोन ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान यह आपबीती सुनाई. लोन सीमांत कुपवाड़ा जिले के लोलाब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. ये नियंत्रण रेखा पर स्थित है. यह क्षेत्र 1989 से आतंकवादियों की घुसपैठ का मार्ग रहा है.

लोन ने लोलाब से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार को हराया. वह दिवंगत एनसी नेता और पूर्व मंत्री मुश्ताक अहमद लोन के भतीजे हैं, जिनकी 90 के दशक में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.

विधायक लोन ने आगे कहा कि 90 के दशक में कश्मीर घाटी में जब आतंकवाद अपने चरम पर था तो सुरक्षा बल आतंकवादियों और उनके ओजीडब्ल्यू को पकड़ने के लिए कार्रवाई करते थे. लोन ने बताया कि इसी क्रम में उनके जैसे 32 अन्य युवाओं को पकड़ा गया और उन्हें कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया.

उसी दौरान उनकी मुलाकात एक वरिष्ठ अधिकारी से हुई. उन्होंने उनके बारे में पूछा. जब अधिकारी को ये पता चला कि लोन आतंकी बनना चाहते हैं तो वे नाराज हुए और उन्हें समझाया. फिर अपने जूनियर अधिकारी को भी बुलवाया और उन्हें फटाकर लगाई. वरिष्ठ अधिकारी ने लोन को करीब 20 मिनट तक समझाया बुझाया जिसके बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया.

लोन ने बताया कि उस दौरान कथित प्रताड़ना से 32 युवाओं में से 27 पाकिस्तान में सेना में प्रशिक्षण लेने चले गए और आतंकवादी बन गए. उन्होंने लोगों और व्यवस्था के बीच संवाद और बातचीत के महत्व को समझाते हुए कहा, 'मैंने यह घटना संवाद के महत्व को बताने के लिए बताई.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी हंगामा, मार्शल ने विधायक को बाहर निकाला
Last Updated : Nov 9, 2024, 4:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.