वाराणसी: ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने में दर्शन-पूजन शुरू हो चुका है. कोर्ट के आदेश के बाद तहखाने के अगले हिस्से को खोलकर अंदर पूजन शुरू हुआ. इसी के साथ चार पहर की आरती का समय निर्धारित करते हुए पुजारी भी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की तरफ से नियुक्त कर दिया गया है. इन सबके बीच गुरुवार को काशी विद्वत परिषद ने इस स्थान को नया नाम दिया है. अब इसे ज्ञानवापी ताल गृह के नाम से जाना जाएगा. इसके अंदर विराजमान विग्रहों के दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है.
काशी विद्वत परिषद के प्रो. रामनारायण द्विवेदी, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकरपुरी ने व्यास जी के तहखाने में देव विग्रहों का दर्शन पूजन कर प्रसन्नता व्यक्त की. इस दौरान परिषद के महामंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी ने कहा कि विद्वानों संग बैठक कर व्यास जी के तहखाने में देव विग्रहों का नामकरण किया गया. बताया कि व्यास जी के तहखाने को अब ज्ञानवापी ताल गृह के नाम से जाना जाएगा.
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि बाबा विश्वनाथ सभी को मुक्ति देते हैं, लेकिन उनके बंधन को तोड़कर जिस तरह से उन्हें बाहर लाने का प्रयास किया जा रहा है, वह बहुत ही सार्थक है. इतने लंबे वक्त के प्रयास के बाद अब भक्त ज्ञानवापी में उस जगह के दर्शन कर पा रहे हैं. नंदी महाराज की भी अब प्रतीक्षा खत्म होने जा रही है, ऐसा महसूस हो रहा है. वहीं बड़ी संख्या में यहां भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. भक्तों का भी कहना है कि अपने जीवन में पहली बार उन्होंने इस जगह का दर्शन किया है.
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