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शमशाबाद का ऐसा गांव जहां टूट रहे रिश्ते, कुंआरे बैठे युवा, एक वोट डालकर कलेक्टर से कहा- करा दो हमारी शादी - VIDISHA VOTING BOYCOTT

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 11:41 AM IST

Updated : May 7, 2024, 12:23 PM IST

मध्यप्रदेश में एक गांव ऐसा भी है, जहां ग्रामीणों ने सुबह केवल एक वोट डालकर वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में मूलभूत सुविधाए नहीं होने के कारण युवकों की शादी नहीं हो पा रही है. अगर हो भी जाती है तो भीषण जल संकट के कारण रिश्ते टूट जाते हैं.

VIDISHA VOTING BOYCOTT
वोटिंग का बहिष्कार करने पर ग्रामीणों से चर्चा करते अफसर (ETV BHARAT)

विदिशा जिले के धाड़ोन में मतदान का बहिष्कार (ETV BHARAT)

विदिशा। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मध्यप्रदेश की 9 सीटों पर मंगलवार सुबह वोटिंग शुरू हुई. सुबह 9 बजे तक मध्यप्रदेश में करीब 14 परसेंट वोटिंग हो चुकी थी. भीषण गर्मी का असर वोटिंग पर दिख रहा है. सुबह 9 बजे के बाद मतदान केंद्रों पर लोगों का आना कुछ कम हो गया. हालांकि सुबह मतदान केंद्रों पर लाइनें लगीं. वहीं, सागर लोकसभा सीट में भी सुबह 9 बजे तक करीब 15 परसेंट वोटिंग हो चुकी थी. सागर लोकसभा सीट में विदिशा जिले के भी काफी गांव लगते हैं. शमशाबाद के साथ ही सिरोंज विधानसभा सीट के कई गांव सागर लोकसभा सीट में हैं. दोनों विधानसभा क्षेत्रों के गांवों में सुबह से वोटिंग शांतिपूर्वक शुरू हुई. लेकिन शमशाबाद इलाके में एक गांव ऐसा है जहां के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया.

केवल एक वोट पड़ा, इसके बाद बहिष्कार

शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले आमखेड़ा सूखा वधाड़ोन गांव में ग्रामीणों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. नेगाचार के लिए सुबह केवल एक व्यक्ति से मतदान कराया गया. इसके बाद ग्रामीणों ने वोटिंग करने से मना कर दिया. वोटिंग का बहिष्कार होने की सूचना पाते ही तहसीलदार टीम के साथ गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया लेकिन ग्रामीणों ने वोट डालने से मना कर दिया. दरअसल, इस गांव के लोगों का कहना है "यहां मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण उन्हें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गांव में न तो रोड है, न पानी है और न ही बिजली ढंग से मिलती है. गांव में इन समस्याओं के कारण युवकों की शादी नहीं हो पा रही हैं. अगर हो भी जाती है तो कुछ दिन बाद शादी टूट जाती है. क्योंकि गांव में पानी का बहुत संकट है. पूरे जिले में हमारा गांव पेयजल संकट के लिए कुख्यात है."

VIDISHA VOTING BOYCOTT
विदिशा जिले के धाड़ोन में मतदान न करने पर अड़े ग्रामीण (ETV BHARAT)

बड़ी संख्या में अविवाहित बैठे हैं युवा

धाड़ोन के ग्रामीणों का कहना है "गांव में बड़ी संख्या में युवक अविवाहित हैं. क्योंकि किसी भी गांव में रिश्ता तय नहीं हो पाता. इस गांव में मूलभूत समस्याओं पर कभी किसी पार्टी के नेता ने कोई ध्यान नहीं दिया. नेता केवल चुनाव के समय यहां आते हैं. इसके बाद कभी यहां पलटकर नहीं देखते. मूलभूत समस्याओं को लेकर कई बार जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया लेकिन किसी ने कोई काम नहीं किया. इसलिए सारे ग्रामीणों ने फैसला किया है कि हम लोग वोटिंग का बहिष्कार करेंगे." ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव से पहले भी हम लोग चेतावनी दे चुके थे कि यहां वोटिंग का बहिष्कार किया जाएगा.

बहिष्कार की सूचना पर अफसरों में हड़कंप

शमशाबाद के गांव धाड़ोन में वोटिंग के बहिष्कार की सूचना मिलते ही कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैध के साथ ही एसपी दीपक कुमार शुक्ला सक्रिय हुए. कलेक्टर ने तुरंत तहसीलदार को गांव में पहुंचने का आदेश दिया. कलेक्टर ने तहसीलदार से कहा "ग्रामीणों को जाकर समझाएं कि जिम्मेदार नागरिक होने के नाते वोटिंग करें. आप लोगों को जो भी समस्याएं हैं, उनका निराकरण चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद किया जाएगा." जैसे ही जिला प्रशासन को ग्राम आमखेड़ा सूखा और धाड़ोंन में मतदान के बहिष्कार की सूचना प्राप्त हुई तो टीम ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाइश दी और दोनों ही गांवों में मतदान प्रारंभ कराया. कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैध का कहना है "जहां-जहां शिकायतें प्राप्त हो रही हैं वहां पर प्रशासन द्वारा समझाइश देकर वोटिंग प्रारंभ कराई जा रही है. कुछ स्थानीय मुद्दे हैं जिनको लेकर मतदाता चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. उनको समझाइश के बाद पुनः मतदान प्रारंभ कराकर समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जा रहा है."

विदिशा जिले के धाड़ोन में मतदान का बहिष्कार (ETV BHARAT)

विदिशा। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मध्यप्रदेश की 9 सीटों पर मंगलवार सुबह वोटिंग शुरू हुई. सुबह 9 बजे तक मध्यप्रदेश में करीब 14 परसेंट वोटिंग हो चुकी थी. भीषण गर्मी का असर वोटिंग पर दिख रहा है. सुबह 9 बजे के बाद मतदान केंद्रों पर लोगों का आना कुछ कम हो गया. हालांकि सुबह मतदान केंद्रों पर लाइनें लगीं. वहीं, सागर लोकसभा सीट में भी सुबह 9 बजे तक करीब 15 परसेंट वोटिंग हो चुकी थी. सागर लोकसभा सीट में विदिशा जिले के भी काफी गांव लगते हैं. शमशाबाद के साथ ही सिरोंज विधानसभा सीट के कई गांव सागर लोकसभा सीट में हैं. दोनों विधानसभा क्षेत्रों के गांवों में सुबह से वोटिंग शांतिपूर्वक शुरू हुई. लेकिन शमशाबाद इलाके में एक गांव ऐसा है जहां के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया.

केवल एक वोट पड़ा, इसके बाद बहिष्कार

शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले आमखेड़ा सूखा वधाड़ोन गांव में ग्रामीणों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. नेगाचार के लिए सुबह केवल एक व्यक्ति से मतदान कराया गया. इसके बाद ग्रामीणों ने वोटिंग करने से मना कर दिया. वोटिंग का बहिष्कार होने की सूचना पाते ही तहसीलदार टीम के साथ गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया लेकिन ग्रामीणों ने वोट डालने से मना कर दिया. दरअसल, इस गांव के लोगों का कहना है "यहां मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण उन्हें बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गांव में न तो रोड है, न पानी है और न ही बिजली ढंग से मिलती है. गांव में इन समस्याओं के कारण युवकों की शादी नहीं हो पा रही हैं. अगर हो भी जाती है तो कुछ दिन बाद शादी टूट जाती है. क्योंकि गांव में पानी का बहुत संकट है. पूरे जिले में हमारा गांव पेयजल संकट के लिए कुख्यात है."

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विदिशा जिले के धाड़ोन में मतदान न करने पर अड़े ग्रामीण (ETV BHARAT)

बड़ी संख्या में अविवाहित बैठे हैं युवा

धाड़ोन के ग्रामीणों का कहना है "गांव में बड़ी संख्या में युवक अविवाहित हैं. क्योंकि किसी भी गांव में रिश्ता तय नहीं हो पाता. इस गांव में मूलभूत समस्याओं पर कभी किसी पार्टी के नेता ने कोई ध्यान नहीं दिया. नेता केवल चुनाव के समय यहां आते हैं. इसके बाद कभी यहां पलटकर नहीं देखते. मूलभूत समस्याओं को लेकर कई बार जिला प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया लेकिन किसी ने कोई काम नहीं किया. इसलिए सारे ग्रामीणों ने फैसला किया है कि हम लोग वोटिंग का बहिष्कार करेंगे." ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव से पहले भी हम लोग चेतावनी दे चुके थे कि यहां वोटिंग का बहिष्कार किया जाएगा.

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बहिष्कार की सूचना पर अफसरों में हड़कंप

शमशाबाद के गांव धाड़ोन में वोटिंग के बहिष्कार की सूचना मिलते ही कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैध के साथ ही एसपी दीपक कुमार शुक्ला सक्रिय हुए. कलेक्टर ने तुरंत तहसीलदार को गांव में पहुंचने का आदेश दिया. कलेक्टर ने तहसीलदार से कहा "ग्रामीणों को जाकर समझाएं कि जिम्मेदार नागरिक होने के नाते वोटिंग करें. आप लोगों को जो भी समस्याएं हैं, उनका निराकरण चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद किया जाएगा." जैसे ही जिला प्रशासन को ग्राम आमखेड़ा सूखा और धाड़ोंन में मतदान के बहिष्कार की सूचना प्राप्त हुई तो टीम ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाइश दी और दोनों ही गांवों में मतदान प्रारंभ कराया. कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैध का कहना है "जहां-जहां शिकायतें प्राप्त हो रही हैं वहां पर प्रशासन द्वारा समझाइश देकर वोटिंग प्रारंभ कराई जा रही है. कुछ स्थानीय मुद्दे हैं जिनको लेकर मतदाता चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. उनको समझाइश के बाद पुनः मतदान प्रारंभ कराकर समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जा रहा है."

Last Updated : May 7, 2024, 12:23 PM IST
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