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एनएलयू के 16वें दीक्षांत समारोह में बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, आप ही भविष्य के नेता हो

16th convocation of Jodhpur National Law University, जोधपुर स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के मौजूदा हालात और भविष्य की चुनौतियों से छात्रों को अवगत कराया. साथ ही उत्तीर्ण विधि छात्रों को लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हितधारक बताया.

16th convocation of Jodhpur NLU
16th convocation of Jodhpur NLU
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 3:48 PM IST

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

जोधपुर. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भारत तेजी से प्रगति कर रहा है. दुनिया भर के देशों में भारत के पासपोर्ट का महत्व बढ़ा है. ऐसे में अब हमारी महत्वाकांक्षा है कि हम साल 2047 तक आर्थिक रूप से विकसित बने, लेकिन ये हमारे युवाओं के हाथों में हैं. आप ही भारत के भविष्य हैं और आप ही भविष्य के नेता भी हैं. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान के स्वर्णिम अमृतकाल में कई एंटी नेशनल नैरेटिव वाले भी हैं, लेकिन आप लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं. आपके हाथों में देश है और आप को ही देश को आगे बढ़ाना है.

हम तेजी कर रहे बदलाव : अपने वीडियो संदेश में उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम तेजी से बदलाव कर रहे हैं. औपनिवेशिक विरासत में मिले भारतीय दंड विधान को बदल कर हमने न्याय विधान लागू किया है. वहीं, अब आप इस प्रोफेशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं. आगे आपको नई चुनौतियों का सामने करना होगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी इसमें से एक है. आज डिफेक पूरी दुनिया के लिए चुनौती बना हुआ है, लेकिन अब आपको इससे निपटने के लिए सकारात्मक तरीके से नवाचार करने होंगे.

इसे भी पढ़ें - उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले- तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए समाज को बांटने वालों से रहे सावधान

'उठो, चलो और आगे बढ़ो' : वहीं, उन्होंने छात्रों से कहा कि आपने जो उच्च स्तरीय अध्ययन किया है, उससे हमें उम्मीद है कि ये देश के काम आएगा. हमारी कामना है कि साल 2047 में जब भारत स्वतंत्रता के सौ वर्ष पूरे करे तो हम ग्लोबल लीडर हो. साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन हमेशा स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों के अनुरुप होना चाहिए. स्वामी जी ने देश के युवाओं को सफल मंत्र दिया था. उन्होंने कहा था, 'उठो, चलो और आगे बढ़ो' इस वाक्य में स्वर्णिम भविष्य की कामना है.

छात्रों को बांटी उपाधि व मेडल : समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता और राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस महेंद्र मोहन श्रीवास्तव ने 111 स्नताक, 47 स्नातकोत्तर, 10 एमबीए और 7 शोधार्थियों को उपाधि दी. साथ ही अलग-अलग श्रेणी के 22 छात्रों को गोल्ड मेडल से नवाजा गया. इस दौरान इस दीक्षांत समारोह में हाइकोर्ट के न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता व छात्रों के अभिभावक शामिल थे. वहीं, आखिर में कुलपति हरप्रीत कौर ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

जोधपुर. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भारत तेजी से प्रगति कर रहा है. दुनिया भर के देशों में भारत के पासपोर्ट का महत्व बढ़ा है. ऐसे में अब हमारी महत्वाकांक्षा है कि हम साल 2047 तक आर्थिक रूप से विकसित बने, लेकिन ये हमारे युवाओं के हाथों में हैं. आप ही भारत के भविष्य हैं और आप ही भविष्य के नेता भी हैं. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान के स्वर्णिम अमृतकाल में कई एंटी नेशनल नैरेटिव वाले भी हैं, लेकिन आप लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं. आपके हाथों में देश है और आप को ही देश को आगे बढ़ाना है.

हम तेजी कर रहे बदलाव : अपने वीडियो संदेश में उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम तेजी से बदलाव कर रहे हैं. औपनिवेशिक विरासत में मिले भारतीय दंड विधान को बदल कर हमने न्याय विधान लागू किया है. वहीं, अब आप इस प्रोफेशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं. आगे आपको नई चुनौतियों का सामने करना होगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी इसमें से एक है. आज डिफेक पूरी दुनिया के लिए चुनौती बना हुआ है, लेकिन अब आपको इससे निपटने के लिए सकारात्मक तरीके से नवाचार करने होंगे.

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'उठो, चलो और आगे बढ़ो' : वहीं, उन्होंने छात्रों से कहा कि आपने जो उच्च स्तरीय अध्ययन किया है, उससे हमें उम्मीद है कि ये देश के काम आएगा. हमारी कामना है कि साल 2047 में जब भारत स्वतंत्रता के सौ वर्ष पूरे करे तो हम ग्लोबल लीडर हो. साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन हमेशा स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों के अनुरुप होना चाहिए. स्वामी जी ने देश के युवाओं को सफल मंत्र दिया था. उन्होंने कहा था, 'उठो, चलो और आगे बढ़ो' इस वाक्य में स्वर्णिम भविष्य की कामना है.

छात्रों को बांटी उपाधि व मेडल : समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता और राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस महेंद्र मोहन श्रीवास्तव ने 111 स्नताक, 47 स्नातकोत्तर, 10 एमबीए और 7 शोधार्थियों को उपाधि दी. साथ ही अलग-अलग श्रेणी के 22 छात्रों को गोल्ड मेडल से नवाजा गया. इस दौरान इस दीक्षांत समारोह में हाइकोर्ट के न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता व छात्रों के अभिभावक शामिल थे. वहीं, आखिर में कुलपति हरप्रीत कौर ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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