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"बांग्लादेश में पहले हिंदू 32 प्रतिशत थे लेकिन अब ...अल्पसंख्यकों की हालत बद से बदतर", बोले VHP नेता - Alok Kumar on Bangladesh Unrest

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By ANI

Published : Aug 6, 2024, 4:53 PM IST

VHP Leader on Bangladesh Unrest: स्थानीय मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, ढाका में हाल की झड़पों में 14 पुलिस अधिकारियों सहित कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों अन्य घायल हो गए. अपने इस्तीफे के बाद, शेख हसीना सोमवार शाम को भारत पहुंचीं. यह स्पष्ट नहीं है कि वह दिल्ली में रहेंगी या किसी अन्य स्थान की यात्रा करेंगी, कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि वह लंदन जा सकती हैं.

ALOK KUMAR BANGLADESH UNREST
आलोक कुमार,अध्यक्ष (अंतरराष्ट्रीय विहिप) और बांग्लादेश में प्रदर्शन (ANI and AP)

नई दिल्ली: बांग्लादेश में फैली अशांति से वहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने मंगलवार को केंद्र सरकार से बांग्लादेश में जारी अशांति के बीच अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने का आग्रह किया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें, कार्यालय, महिलाएं, बच्चें और यहां तक की उनके विश्वास के केंद्र मंदिर और गुरुद्वारे भी सुरक्षित नहीं हैं. विहिप नेता ने कहा कि, वहां उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों की हालत बद से बदतर होती जा रही है.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक असुरक्षित, बोले वीएचपी नेता
बांग्लादेश की वर्तमान परिस्थितियों का जिक्र करते हुए वीएचपी के नेता ने आलोक कुमार ने कहा कि, ऐसी चिंताजनक स्थिति में विश्व समुदाय की जिम्मेदारी है कि, वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई करे. उन्होंने आगे कहा कि, भारत इस स्थिति से आंखे मूंद नहीं सकता है. आलोक कुमार ने कहा कि, भारत ने पारंपरिक रूप से दुनिया भर में उत्पीड़ित समुदायों की मदद की है. विश्व हिंदू परिषद भारत सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने का आग्रह करती है.

"बांग्लादेश का पूरा समाज एक मित्र"
प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करत हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि,"हमारा पड़ोसी बांग्लादेश एक अजीब अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फंसा हुआ है. हसीना सरकार के इस्तीफे और उनके देश छोड़ने के बाद अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है." उन्होंने आगे कहा कि, संकट की इस घड़ी में भारत मजबूती के साथ खड़ा है. आलोक ने कहा, "बांग्लादेश का पूरा समाज एक मित्र के रूप में है."

"हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित"
उन्होंने आगे बताया कि हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों में भी तोड़फोड़ की गई है. कल रात तक अकेले पंचगढ़ जिले में 22 घर, झेनाइदाह में 20 घर और जेसोर में 22 दुकानें कट्टरपंथियों का निशाना बन गईं और कई जिलों में तो श्मशान घाटों में भी तोड़फोड़ की गई. उन्होंने कहा कि मंदिरों और गुरुद्वारों में भी तोड़फोड़ की गई है.

"बांग्लादेश में हिंदू 8 प्रतिशत से भी कम"
आलोक कुमार ने कहा कि बांग्लादेश का शायद ही कोई जिला बचा हो जो उनकी हिंसा और आतंक का निशाना न बना हो. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, यह बताना उचित है कि बांग्लादेश में हिंदू, जो कभी 32 प्रतिशत थे, अब 8 प्रतिशत से भी कम रह गए हैं और वे भी लगातार उत्पीड़न के शिकार हैं...संभव है कि इस स्थिति का फायदा उठाकर 4,096 किलोमीटर लंबी (2,545 मील) भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की बड़ी कोशिश की जा सकती है. हमें इसे लेकर बेहद सतर्क रहना होगा." इसलिए उन्होंने कहा, ''हमारे सुरक्षा बलों को सीमाओं पर चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और किसी भी तरह की घुसपैठ नहीं होने देनी चाहिए.''

"बांग्लादेश में जल्द लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष सरकार की बहाली हो"
विहिप अध्यक्ष ने कहा कि बांग्लादेश में जल्द से जल्द लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष सरकार की बहाली की जाए. वहां के समाज को मानवाधिकार मिले और बांग्लादेश की निरंतर आर्थिक प्रगति में कोई बाधा न आए. उन्होंने आगे यह भी कहा कि, भारत का समाज और सरकार इस मामले में बांग्लादेश का समर्थन करना जारी रखेगी.

बांग्लादेश में सियासी संकट
बढ़ते विरोध के बीच शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति अस्थिर बनी हुई है. बांग्लादेश में छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग को लेकर किए जा रहे थे. ये विरोध प्रदर्शन हसीना सरकार के विरोध में किए गए, जिसकी वजह से शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ गया.

ये भी पढ़ें: तस्वीरों में देखें बांग्लादेश के बिगड़ते हालात! पीएम आवास पर भीड़ का कब्जा, शेख हसीना ने देश छोड़ा...

नई दिल्ली: बांग्लादेश में फैली अशांति से वहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने मंगलवार को केंद्र सरकार से बांग्लादेश में जारी अशांति के बीच अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने का आग्रह किया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें, कार्यालय, महिलाएं, बच्चें और यहां तक की उनके विश्वास के केंद्र मंदिर और गुरुद्वारे भी सुरक्षित नहीं हैं. विहिप नेता ने कहा कि, वहां उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों की हालत बद से बदतर होती जा रही है.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक असुरक्षित, बोले वीएचपी नेता
बांग्लादेश की वर्तमान परिस्थितियों का जिक्र करते हुए वीएचपी के नेता ने आलोक कुमार ने कहा कि, ऐसी चिंताजनक स्थिति में विश्व समुदाय की जिम्मेदारी है कि, वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई करे. उन्होंने आगे कहा कि, भारत इस स्थिति से आंखे मूंद नहीं सकता है. आलोक कुमार ने कहा कि, भारत ने पारंपरिक रूप से दुनिया भर में उत्पीड़ित समुदायों की मदद की है. विश्व हिंदू परिषद भारत सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने का आग्रह करती है.

"बांग्लादेश का पूरा समाज एक मित्र"
प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करत हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि,"हमारा पड़ोसी बांग्लादेश एक अजीब अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फंसा हुआ है. हसीना सरकार के इस्तीफे और उनके देश छोड़ने के बाद अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है." उन्होंने आगे कहा कि, संकट की इस घड़ी में भारत मजबूती के साथ खड़ा है. आलोक ने कहा, "बांग्लादेश का पूरा समाज एक मित्र के रूप में है."

"हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित"
उन्होंने आगे बताया कि हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों में भी तोड़फोड़ की गई है. कल रात तक अकेले पंचगढ़ जिले में 22 घर, झेनाइदाह में 20 घर और जेसोर में 22 दुकानें कट्टरपंथियों का निशाना बन गईं और कई जिलों में तो श्मशान घाटों में भी तोड़फोड़ की गई. उन्होंने कहा कि मंदिरों और गुरुद्वारों में भी तोड़फोड़ की गई है.

"बांग्लादेश में हिंदू 8 प्रतिशत से भी कम"
आलोक कुमार ने कहा कि बांग्लादेश का शायद ही कोई जिला बचा हो जो उनकी हिंसा और आतंक का निशाना न बना हो. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, यह बताना उचित है कि बांग्लादेश में हिंदू, जो कभी 32 प्रतिशत थे, अब 8 प्रतिशत से भी कम रह गए हैं और वे भी लगातार उत्पीड़न के शिकार हैं...संभव है कि इस स्थिति का फायदा उठाकर 4,096 किलोमीटर लंबी (2,545 मील) भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की बड़ी कोशिश की जा सकती है. हमें इसे लेकर बेहद सतर्क रहना होगा." इसलिए उन्होंने कहा, ''हमारे सुरक्षा बलों को सीमाओं पर चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और किसी भी तरह की घुसपैठ नहीं होने देनी चाहिए.''

"बांग्लादेश में जल्द लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष सरकार की बहाली हो"
विहिप अध्यक्ष ने कहा कि बांग्लादेश में जल्द से जल्द लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष सरकार की बहाली की जाए. वहां के समाज को मानवाधिकार मिले और बांग्लादेश की निरंतर आर्थिक प्रगति में कोई बाधा न आए. उन्होंने आगे यह भी कहा कि, भारत का समाज और सरकार इस मामले में बांग्लादेश का समर्थन करना जारी रखेगी.

बांग्लादेश में सियासी संकट
बढ़ते विरोध के बीच शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति अस्थिर बनी हुई है. बांग्लादेश में छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग को लेकर किए जा रहे थे. ये विरोध प्रदर्शन हसीना सरकार के विरोध में किए गए, जिसकी वजह से शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ गया.

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