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स्टॉक ट्रेडिंग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी, जांच में सामने आई ₹16 करोड़ की हेराफेरी, आरोपी गिरफ्तार - Cyber ​Thug Arrested From Haridwar - CYBER ​THUG ARRESTED FROM HARIDWAR

Cyber ​Thug Arrested From Haridwar उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार से एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है जो शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को लालच देकर ठगी करता था.

Cyber ​Thug Arrested From Haridwar
स्टॉक ट्रेडिंग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी (PHOTO- ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 18, 2024, 7:23 PM IST

देहरादून/हरिद्वार: उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने 32 लाख रुपए की साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह के सरगना को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी ने 12 अलग-अलग राज्यों में 19 धोखाधड़ी की है, जिनकी जानकारी अन्य राज्य पुलिस द्वारा साझा की जा रही है. साइबर अपराधियों द्वारा पीआईएमसीओ कैपिटल और कोटक सिक्योरिटीज के कर्मचारियों के रूप में खुद को पेश कर शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग की फर्जी वेबसाइट बनाकर निवेश के नाम पर देश भर में ठगी की जाती थी. मुकदमे में अलग-अलग बैंक खातों में संदिग्ध 16 करोड़ रुपए की रकम जमा की गई है.

अपराध का तरीका: जून 2024 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को शिकायत मिली थी कि पीड़ित के साथ अज्ञात साइबर अपराधी द्वारा विश्वास में लेकर पीआईएमसीओ कैपिटल (PIMCO Capital) और कोटक (Kotak) द्वारा सह-स्थापित एक स्टॉक पुलअप समूह बताकर 'E19 PIMCO Stocks Pull UP Group' नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. अपराधी ने खुद को पीआईएमसीओ कैपिटल और कोटक का कर्मचारी बताकर लिंक के माध्यम से पीड़ित को '20 कोटक सिक्योरिटीज कस्टमर केयर' आदि अन्य अलग-अलग ग्रुप में जोड़ा गया.

शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग के लिए लिंक के माध्यम से Kotakss.Pro नामक इंस्टीट्यूशनल अकाउंट ऐप डाउनलोड करवाया गया. अलग-अलग कंपनियों के शेयर और आईपीओ में निवेश कर अधिक लाभ कमाने के नाम पर अलग-अलग लेन देन के माध्यम से कुल 31 लाख 98 हजार 742 रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया. इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

इसके बाद पुलिस टीम द्वारा सबूत इक्कट्ठे करते हुए फरिदाबाद हरियाणा निवासी आरोपी को जमालपुर रोड योगी आश्रम के सामने कनखल हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया. जिसके कब्जे से एक मोबाइल और दो सिमकार्ड बरामद किए गए. जिनमें से एक सिम और धोखाधड़ी में प्रयोग बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट नंबर भी है. अपराधी ने एक ओटीपी शेयरिंग ऐप (HHMSApp) का इस्तेमाल किया.

HHSMSApp (HHPay) क्या है?: यह बैंक ओटीपी ऑनलाइन साझा करने के लिए एक ऐप है. ऐसे ऐप्स में बैंक एसएमएस अलर्ट नंबर इनपुट किए जाते हैं और बैंक ओटीपी गिरोह के अन्य सदस्यों तक ऑनलाइन पहुंचा दिया जाता है. गूगल प्लेस्टोर और एंड्रॉइड फोन दोनों ही ऐसे ऐप्स को ब्लॉक कर देते हैं. इसलिए अपराधी उन्हें व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से Apk (एंड्रॉइड पैकेज किट) फाइलों के रूप में साझा करते हैं. एपीके फाइलें इंस्टॉलेशन फाइल है जिसे सोशल मीडिया मैसेंजर के माध्यम से प्रसारित किया जाता है. जहां एपीके फाइल लिंक साझा किया जाता है. लिंक पर क्लिक करते ही फोन ऐप सामान्य ऐप की तरह ही इंस्टॉल हो जाता है.

12 राज्यों में ठगी: गिरफ्तार आरोपी के बैंक खाते में 71 लाख की संदिग्ध रकम आई है. गिरफ्तार आरोपी ने यह भी कबूल किया कि वह व्हाट्सएप के माध्यम से खाली चेक फोटो, बैंक खातों के क्यूआर कोड और डेबिट कार्ड के फ्रंट और बैक पेज को गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ साझा करता था. एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति ने 12 अलग-अलग राज्यों की 19 धोखाधड़ी की है. जिनकी जानकारी अन्य राज्य पुलिस द्वारा साझा की जा रही है. राज्यों में हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान शामिल है.

ये भी पढ़ेंः फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़, उत्तराखंड से हो रही थी अमेरिका और कनाडा के लोगों से 'ठगी', जानें कैसे?

ये भी पढ़ेंः साइबर ठगों ने देहरादून की महिला को 30 घंटे तक रखा 'डिजिटल अरेस्ट', अपने खाते में डलवाए 10.50 लाख रुपए, ऐसे बुना जाल

देहरादून/हरिद्वार: उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने 32 लाख रुपए की साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह के सरगना को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी ने 12 अलग-अलग राज्यों में 19 धोखाधड़ी की है, जिनकी जानकारी अन्य राज्य पुलिस द्वारा साझा की जा रही है. साइबर अपराधियों द्वारा पीआईएमसीओ कैपिटल और कोटक सिक्योरिटीज के कर्मचारियों के रूप में खुद को पेश कर शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग की फर्जी वेबसाइट बनाकर निवेश के नाम पर देश भर में ठगी की जाती थी. मुकदमे में अलग-अलग बैंक खातों में संदिग्ध 16 करोड़ रुपए की रकम जमा की गई है.

अपराध का तरीका: जून 2024 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को शिकायत मिली थी कि पीड़ित के साथ अज्ञात साइबर अपराधी द्वारा विश्वास में लेकर पीआईएमसीओ कैपिटल (PIMCO Capital) और कोटक (Kotak) द्वारा सह-स्थापित एक स्टॉक पुलअप समूह बताकर 'E19 PIMCO Stocks Pull UP Group' नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. अपराधी ने खुद को पीआईएमसीओ कैपिटल और कोटक का कर्मचारी बताकर लिंक के माध्यम से पीड़ित को '20 कोटक सिक्योरिटीज कस्टमर केयर' आदि अन्य अलग-अलग ग्रुप में जोड़ा गया.

शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग के लिए लिंक के माध्यम से Kotakss.Pro नामक इंस्टीट्यूशनल अकाउंट ऐप डाउनलोड करवाया गया. अलग-अलग कंपनियों के शेयर और आईपीओ में निवेश कर अधिक लाभ कमाने के नाम पर अलग-अलग लेन देन के माध्यम से कुल 31 लाख 98 हजार 742 रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया. इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

इसके बाद पुलिस टीम द्वारा सबूत इक्कट्ठे करते हुए फरिदाबाद हरियाणा निवासी आरोपी को जमालपुर रोड योगी आश्रम के सामने कनखल हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया. जिसके कब्जे से एक मोबाइल और दो सिमकार्ड बरामद किए गए. जिनमें से एक सिम और धोखाधड़ी में प्रयोग बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट नंबर भी है. अपराधी ने एक ओटीपी शेयरिंग ऐप (HHMSApp) का इस्तेमाल किया.

HHSMSApp (HHPay) क्या है?: यह बैंक ओटीपी ऑनलाइन साझा करने के लिए एक ऐप है. ऐसे ऐप्स में बैंक एसएमएस अलर्ट नंबर इनपुट किए जाते हैं और बैंक ओटीपी गिरोह के अन्य सदस्यों तक ऑनलाइन पहुंचा दिया जाता है. गूगल प्लेस्टोर और एंड्रॉइड फोन दोनों ही ऐसे ऐप्स को ब्लॉक कर देते हैं. इसलिए अपराधी उन्हें व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से Apk (एंड्रॉइड पैकेज किट) फाइलों के रूप में साझा करते हैं. एपीके फाइलें इंस्टॉलेशन फाइल है जिसे सोशल मीडिया मैसेंजर के माध्यम से प्रसारित किया जाता है. जहां एपीके फाइल लिंक साझा किया जाता है. लिंक पर क्लिक करते ही फोन ऐप सामान्य ऐप की तरह ही इंस्टॉल हो जाता है.

12 राज्यों में ठगी: गिरफ्तार आरोपी के बैंक खाते में 71 लाख की संदिग्ध रकम आई है. गिरफ्तार आरोपी ने यह भी कबूल किया कि वह व्हाट्सएप के माध्यम से खाली चेक फोटो, बैंक खातों के क्यूआर कोड और डेबिट कार्ड के फ्रंट और बैक पेज को गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ साझा करता था. एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति ने 12 अलग-अलग राज्यों की 19 धोखाधड़ी की है. जिनकी जानकारी अन्य राज्य पुलिस द्वारा साझा की जा रही है. राज्यों में हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान शामिल है.

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