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गूगल से खोजी कारगिल शहीद की जानकारी, कीर्ति चक्र ग्रांट के नाम परिवार से ठगे ₹44 लाख, दिल्ली से 5 गिरफ्तार - fraud with kargil martyr family

Cyber Gang Arrested From Delhi, Fraud with Kargil Martyr Family: उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर गिरोह के 5 सदस्यों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. शहीदों और सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों के नाम और मोबाइल नंबरों की जानकारी गूगल और अन्य माध्यम से प्राप्त कर ये गिरोह धोखाधड़ी को अंजाम देता था.

Cyber Gang Arrested From Delhi
उत्तराखंड एसटीएफ की कार्रवाई (PHOTO- UTTARAKHAND STF)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 9, 2024, 5:36 PM IST

Updated : May 9, 2024, 6:42 PM IST

कारगिल शहीद के परिजनों से ठगी (VIDEO- UTTARAKHAND STF)

देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली-एनसीआर में छापा मारकर साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने कारगिल युद्ध में कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद के परिजनों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी की थी. आरोपियों ने शहीद के परिजनों को कॉल कर खुद को मुख्य सतर्कता अधिकारी (रक्षा मंत्रालय) और सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी बताकर 44 लाख रुपए ठगे थे.

ये है मामलाः मामले का खुलासा करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि कुछ दिन पहले साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को गुमानीवाला (ऋषिकेश) निवासी एक वरिष्ठ नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया था कि पीड़ित को फरवरी 2024 में अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल पर कॉल कर खुद को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी और मुख्य सतर्कता अधिकारी (रक्षा मंत्रालय कार्यालय, भारत सरकार) बताया और कहा कि उनके बेटे के कीर्ति चक्र की ग्रांट के साथ-साथ आपको अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जानी थी.

फोन करने वाले व्यक्ति की ओर से पीड़ित को कहा गया कि इस काम के लिए उनकी तरफ से 31 दिसंबर 2023 तक फार्म-॥ जमा नहीं किया गया है, जिस कारण उनके मिलने वाला कीर्ति चक्र का ग्रांट निरस्त हो गया है. उस व्यक्ति ने बताया कि निरस्त ऑर्डर नंबर JR-00439 है, जिसकी फाइल उसके पास आई है.

अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह भी बताया गया कि फाइल में चीफ सतर्कता अधिकारी रक्षा मंत्रालय पीएन गुलाटी द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जानी है, जिनके सचिव विवेक राजपुत का मोबाइल नंबर पीड़ित को देकर संपर्क करने को कहा गया. पीड़ित द्वारा विवेक राजपूत से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ग्रांट निरस्त कर दिया गया है. अब पीएन गुलाटी ही इसे दोबारा एक्टिवेट कर सकते हैं. इसके बाद पीएन गुलाटी द्वारा पीड़ित को यह बताया गया कि, उनको मिलने वाली कीर्ति चक्र की ग्रांट करीब 12 लाख रुपए प्रतिवर्ष को फिर से शुरू किया जा रहा है. इनको यह ग्रांट 2021 से 2037 तक मिलनी है.

कुल 44 लाख की ठगी: इसके कुछ दिन बाद पीएन गुलाटी ने पीड़ित को फोन पर बताया कि उसने ग्रांट स्वीकृत कर दी है लेकिन इसके लिए पीड़ित से 1 लाख 98 हजार रुपए की रकम उनके द्वारा बताए गए खाते में आरटीजीएस से जमा करा गए. इसके अलावा अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग तारीखों पर पीड़ित से एनओसी और अन्य फाइल प्रोसेस चार्ज आदि के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में अलग-अलग किस्तों में 22 अप्रैल 2024 तक 44 लाख 46 हजार 80 रुपए जमा करा दिए गए.

वहीं, इतना सब करने के बाद भी जब कोई भी रकम पीड़ित के खाते में जमा नहीं कराई गई तो शक होने पर पीड़ित ने सैनिक कल्याण बोर्ड उत्तराखंड देहरादून से संपर्क किया गया. धोखाधड़ी का पता चलने पर इसकी सूचना थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को दी गई. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

20 मोबाइल और 42 सिम कार्ड बरामद: जांच टीम ने घटना में प्रयोग मोबाइल नंबर और संबंधित खातों की जानकारी जुटाई और साथ ही कई टीमों को संबंधित स्थानों के लिए रवाना किया गया. पुलिस टीम को जांच में पता चला कि आरोपियों ने वो सभी बैंक अकाउंट्स और मोबाइल नंबर फर्जी आईडी से प्राप्त किए थे. पुलिस ने खातों के खाताधारकों की जानकारी प्राप्त की और मुकदमे में शामिल 5 आरोपी कपिल अरोड़ा, राहुल कुमार दत्ता, रवि सैनी, राजेश कुमार यादव और अनुराग शुक्ला को लक्ष्मी नगर, नई दिल्ली से गिरफ्तार किया. एसटीएफ ने इनके कब्जे से 20 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 42 सिम कार्ड, 42 डेबिट कार्ड, 15 फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि और 1 लाख 7 हजार 500 रुपए नकद बरामद किए हैं.

अपराध का तरीका: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों ने कारगिल युद्ध में शहीदों की सूची और उनके मोबाइल नंबरों की जानकारी गूगल से प्राप्त की थी. आरोपी शहीदों के परिजनों से संपर्क कर शहीदों को मिलने वाली ग्रांट के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं. आरोपी शहीद के परिजनों से संपर्क करते हुए खुद को मुख्य सतर्कता अधिकारी (रक्षा मंत्रालय) और सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी के रूप में परिचय देकर मरणोपरांत प्राप्त कीर्ति चक्र की एकमुश्त ग्रांट के निरस्त होने का हवाला देकर ठगी करते हैं.

ठग देशभर में सरकारी सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों की जानकारी गूगल और अन्य माध्यम से प्राप्त करते हैं. उनकी पेंशन, फंड, ग्रेच्युटी बंद और चालू करने या बढ़ाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी करते हैं. यह गिरोह दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पिछले 5-6 माह से संचालित किया जा रहा था. एसएसपी एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली टीम को 10 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है.

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कारगिल शहीद के परिजनों से ठगी (VIDEO- UTTARAKHAND STF)

देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली-एनसीआर में छापा मारकर साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने कारगिल युद्ध में कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद के परिजनों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी की थी. आरोपियों ने शहीद के परिजनों को कॉल कर खुद को मुख्य सतर्कता अधिकारी (रक्षा मंत्रालय) और सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी बताकर 44 लाख रुपए ठगे थे.

ये है मामलाः मामले का खुलासा करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि कुछ दिन पहले साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को गुमानीवाला (ऋषिकेश) निवासी एक वरिष्ठ नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया था कि पीड़ित को फरवरी 2024 में अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल पर कॉल कर खुद को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी और मुख्य सतर्कता अधिकारी (रक्षा मंत्रालय कार्यालय, भारत सरकार) बताया और कहा कि उनके बेटे के कीर्ति चक्र की ग्रांट के साथ-साथ आपको अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जानी थी.

फोन करने वाले व्यक्ति की ओर से पीड़ित को कहा गया कि इस काम के लिए उनकी तरफ से 31 दिसंबर 2023 तक फार्म-॥ जमा नहीं किया गया है, जिस कारण उनके मिलने वाला कीर्ति चक्र का ग्रांट निरस्त हो गया है. उस व्यक्ति ने बताया कि निरस्त ऑर्डर नंबर JR-00439 है, जिसकी फाइल उसके पास आई है.

अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह भी बताया गया कि फाइल में चीफ सतर्कता अधिकारी रक्षा मंत्रालय पीएन गुलाटी द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जानी है, जिनके सचिव विवेक राजपुत का मोबाइल नंबर पीड़ित को देकर संपर्क करने को कहा गया. पीड़ित द्वारा विवेक राजपूत से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ग्रांट निरस्त कर दिया गया है. अब पीएन गुलाटी ही इसे दोबारा एक्टिवेट कर सकते हैं. इसके बाद पीएन गुलाटी द्वारा पीड़ित को यह बताया गया कि, उनको मिलने वाली कीर्ति चक्र की ग्रांट करीब 12 लाख रुपए प्रतिवर्ष को फिर से शुरू किया जा रहा है. इनको यह ग्रांट 2021 से 2037 तक मिलनी है.

कुल 44 लाख की ठगी: इसके कुछ दिन बाद पीएन गुलाटी ने पीड़ित को फोन पर बताया कि उसने ग्रांट स्वीकृत कर दी है लेकिन इसके लिए पीड़ित से 1 लाख 98 हजार रुपए की रकम उनके द्वारा बताए गए खाते में आरटीजीएस से जमा करा गए. इसके अलावा अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग तारीखों पर पीड़ित से एनओसी और अन्य फाइल प्रोसेस चार्ज आदि के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में अलग-अलग किस्तों में 22 अप्रैल 2024 तक 44 लाख 46 हजार 80 रुपए जमा करा दिए गए.

वहीं, इतना सब करने के बाद भी जब कोई भी रकम पीड़ित के खाते में जमा नहीं कराई गई तो शक होने पर पीड़ित ने सैनिक कल्याण बोर्ड उत्तराखंड देहरादून से संपर्क किया गया. धोखाधड़ी का पता चलने पर इसकी सूचना थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को दी गई. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

20 मोबाइल और 42 सिम कार्ड बरामद: जांच टीम ने घटना में प्रयोग मोबाइल नंबर और संबंधित खातों की जानकारी जुटाई और साथ ही कई टीमों को संबंधित स्थानों के लिए रवाना किया गया. पुलिस टीम को जांच में पता चला कि आरोपियों ने वो सभी बैंक अकाउंट्स और मोबाइल नंबर फर्जी आईडी से प्राप्त किए थे. पुलिस ने खातों के खाताधारकों की जानकारी प्राप्त की और मुकदमे में शामिल 5 आरोपी कपिल अरोड़ा, राहुल कुमार दत्ता, रवि सैनी, राजेश कुमार यादव और अनुराग शुक्ला को लक्ष्मी नगर, नई दिल्ली से गिरफ्तार किया. एसटीएफ ने इनके कब्जे से 20 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 42 सिम कार्ड, 42 डेबिट कार्ड, 15 फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि और 1 लाख 7 हजार 500 रुपए नकद बरामद किए हैं.

अपराध का तरीका: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों ने कारगिल युद्ध में शहीदों की सूची और उनके मोबाइल नंबरों की जानकारी गूगल से प्राप्त की थी. आरोपी शहीदों के परिजनों से संपर्क कर शहीदों को मिलने वाली ग्रांट के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं. आरोपी शहीद के परिजनों से संपर्क करते हुए खुद को मुख्य सतर्कता अधिकारी (रक्षा मंत्रालय) और सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी के रूप में परिचय देकर मरणोपरांत प्राप्त कीर्ति चक्र की एकमुश्त ग्रांट के निरस्त होने का हवाला देकर ठगी करते हैं.

ठग देशभर में सरकारी सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों की जानकारी गूगल और अन्य माध्यम से प्राप्त करते हैं. उनकी पेंशन, फंड, ग्रेच्युटी बंद और चालू करने या बढ़ाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी करते हैं. यह गिरोह दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पिछले 5-6 माह से संचालित किया जा रहा था. एसएसपी एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली टीम को 10 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है.

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Last Updated : May 9, 2024, 6:42 PM IST
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