देहरादूनः ऑल इंडिया स्तर पर AIIMS द्वारा 19 मई को आयोजित एमडी परीक्षा (इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट) जुलाई 2024 में नकल कराते 5 आरोपियों को कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है. परीक्षा केंद्रों से परीक्षार्थी प्रश्न पत्र की फोटो खींचकर टेलीग्राम के माध्यम से आरोपियों को उपलब्ध करा रहे थे, जिनके उत्तर आरोपी टेलीग्राम ग्रुप के जरिए परिक्षार्थियों को भेज रहे थे.
जानकारी के मुताबिक, ऑल इंडिया स्तर पर आयोजित INI CET 2024 एमडी परीक्षा के दौरान नकल माफियाओं के सक्रिय होने और देहरादून से अन्य प्रांतों में स्थित परीक्षा केंद्रों में परीक्षा के दौरान परिक्षार्थियों को गलत माध्यमों से नकल कराए जाने की सूचना पुलिस को मिली थी. सूचना के आधार पर कोतवाली ऋषिकेश और एसओजी देहात की संयुक्त टीम का गठन किया गया.
गठित टीम ने 19 मई को ऋषिकेश बैराज रोड से एक टाटा सफारी में बैठे 5 व्यक्तियों को ऑल इंडिया स्तर पर आयोजित एमडी परीक्षा (इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट) में गैर प्रांत कांगड़ा (हिमाचल) के परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों को मोबाइल फोन और टैब के जरिए प्रश्न पत्रों के सॉल्वड उत्तर उपलब्ध कराते हुए गिरफ्तार किया.
पांच आरोपी गिरफ्तार: गिरफ्तार आरोपियों में से दो आरोपी एम्स ऋषिकेश के डॉक्टर हैं, जिनके द्वारा परिक्षार्थियों को प्रश्न पत्रों के सॉल्वड उत्तर बताए जा रहे थे. पुलिस ने नकल माफिया गिरोह का मास्टरमाइंड आरोपी अजीत निवासी (जिला जींद हरियाणा) समेत अमन शिवाच निवासी रोहतक हरियाणा (डॉक्टर), वैभव कश्यप निवासी पटियाला पंजाब (डॉक्टर), विजुल गौरा निवासी (जिला हिसार हरियाणा) और जयंत निवासी (जिला हिसार हरियाणा) के खिलाफ कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया. पुलिस ने मौके से 3 टैब, 3 मोबाइल और 2 मेडिकल संबंधी किताबें बरामद की हैं.
इस तरह कराई जा रही थी नकल: पुलिस पूछताछ में मास्टमाइंड अजीत ने बताया कि उन्होंने रविवार (19 मई) सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट जुलाई 2024 में हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विद्यानगर जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में स्थित परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे रहे 3 अभ्यर्थियों को परीक्षा में नकल कराई जा रही थी. आरोपी ने बताया कि परीक्षा केंद्र में बैठे परीक्षार्थियों ने उन्हें मोबाइल से प्रश्न पत्रों की फोटो खींचकर टेलीग्राम ग्रुप से जरिए भेजी, जिसके उत्तर उसी टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से परीक्षार्थियों को उपलब्ध कराया जा रहा था.
एम्स के दो डॉक्टर गिरफ्तार: प्रश्न पत्रों के उत्तर सॉल्व कराने के लिए उन्होंने (नकल माफिया गिरोह) एम्स अस्पताल के डॉक्टर वैभव और एक अन्य डॉक्टर अमन को दो-दो लाख रुपए में हायर किया था. डॉक्टर अमन नकल माफिया गिरोह के एक सदस्य का रिश्तेदार भी है.
50 लाख रुपए में हुई परीक्षार्थियों से डील: नकल गिरोह का खुलासा करते हुए देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया प्रत्येक अभ्यर्थी से एमडी की परीक्षा में पास कराने के एवज में 50 लाख रुपए लिए गए थे. जिसमें से उसके द्वारा अपने साथ काम करने वालों को दो से तीन लाख रुपए देने की डील की गई थी. आरोपियों ने प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए ऋषिकेश एम्स से जिन डॉक्टरों को हायर किया था, उन्हें 2-2 लाख रुपए देने का निर्णय लिया गया था. पूछताछ में आरोपी अजीत ने बताया कि उसकी तीन लैब हैं, जिनके माध्यम से वह अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी परीक्षार्थियों को नकल कराने के एवज में मोटी धनराशि लेता है.
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