देहरादून (उत्तराखंड): लगता है चारधाम यात्रा को इस बार किसी की नजर लग गई है. यह बात हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि चारधाम यात्रा का दूसरा फेज 7 सितंबर से शुरू हो जाना था, लेकिन 30 जुलाई को केदारनाथ और आसपास में आई आपदा ने यात्रा को पूरी तरह से रोक कर रख दिया.
अब 20 सितंबर के बाद से यात्रा अपने पूरे शबाब पर थी. यात्रियों की भीड़ यह बता रही थी कि मार्ग खुलने और बारिश रुकने का श्रद्धालुओं को किस कदर इंतजार था. सब कुछ बेहतर चल ही रहा था कि अचानक 24 सितंबर से प्रदेश के कई इलाकों में जोरदार बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया. खासकर यह बारिश चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं के लिए एक नई टेंशन लेकर आई.
बढ़ने लगे थे चारधाम के श्रद्धालु: 20 सितंबर के बाद यात्रा का आलम ऐसा था, कि श्रद्धालु ऋषिकेश से बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के रास्तों पर पहुंचने लगे थे. 23 सितंबर और 24 सितंबर में केदारनाथ और बदरीनाथ में भक्तों का भारी हुजूम देखा जा रहा था. केदारनाथ में जब श्रद्धालु पहुंचे तो धीमी धीमी बारिश के बाद जो नजारा दिखा, उसने यात्रा के शुरुआती दिनों की याद ताजा कर दी. भक्तों की इतनी भीड़ हुई कि पैदल मार्ग ही पूरी तरह से जाम हो गया. यात्रियों की भीड़ और मौसम के अंदाज को देखकर स्थानीय व्यापारियों और यात्रा से जुड़े अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली थी. लेकिन दो दिन से प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में हो रही बारिश ने उनके अरमानों पर मानो पानी सा फेर दिया. अब श्रद्धालु शाम 5:00 बजे के बाद यात्रा पर जा नहीं पा रहे हैं. बदरीनाथ के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री के मार्ग बरसात की वजह से बार-बार बंद हो रहे हैं.
बारिश भूस्खलन ने फिर डाला खलल: 25 सितंबर को बदरीनाथ धाम में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 6,800 से अधिक पहुंच गई. वहीं केदारनाथ में भी 9,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए. गंगोत्री में जहां 4,000 श्रद्धालु पहुंचे तो वहीं यमुनोत्री का आंकड़ा भी लगभग 2,500 के पास पहुंच गया. भक्तों की भारी भीड़ और उत्साह को देखते हुए शासन प्रशासन भी उनके स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ रहा. लेकिन श्रद्धालुओं के कदम और यात्रा को एक बार फिर से कुदरत रोकने की पूरी कोशिश कर रही है.
बदरीनाथ धाम में जहां 8 घंटे तक मार्ग बंद होने की वजह से श्रद्धालुओं को बीच सड़क में ही रुकना पड़ा तो वहीं केदारनाथ में शाम 5:00 बजे के बाद श्रद्धालु पैदल मार्ग से दर्शन के लिए नहीं जा पाए. धीमी धीमी हो रही बारिश की वजह से प्रशासन ने श्रद्धालुओं को पैदल रास्ते से केदारनाथ यात्रा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. श्रद्धालु सुबह अब केदारनाथ के दर्शन के लिए निकल सकेंगे. यात्रा शाम 5:00 बजे के बाद पैदल श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह से बंद रहेगी. प्रशासन ने ये फैसला बारिश, भूस्खलन की वजह से और बीते दिनों हुए हादसे में मौत की वजह से लिया है.
क्या कहता है मौसम विभाग: 25 सितंबर को जैसे ही थोड़ा सा मौसम खुला तो श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक से इजाफा देखा गया. लेकिन अब फिर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश की चेतावनी मौसम विभाग जता रहा है. मौसम विभाग की मानें तो 27 सितंबर और 28 सितंबर को अभी प्रदेश में इसी तरह से बारिश मिल सकती है. 29 तारीख के बाद प्रदेश में बारिश तो रुकेगी, लेकिन ठंडी हवाओं का प्रकोप पहाड़ी और मैदानी इलाके को महसूस होने लगेगा. इसी के साथ यह मान लिया जाएगा कि 30 तारीख के बाद मानसून प्रदेश से विदाई ले सकता है. मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह कहते हैं कि अब पहले की तरह गर्मी परेशान नहीं करेगी. उम्मीद है कि 30 सितंबर के बाद पहाड़ और मैदान में बारिश खत्म और हवाएं ठंडी हो जाएंगी.
डरा रहे टिहरी जैसे हालात, लेकिन इस तारीख से मिलेगी राहत: बहरहाल चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को यह बारिश ही नहीं डरा रही, बल्कि टिहरी में जिस तरह से पानी ने अपना रौद्र रूप दिखाया, वह यह बता रहा था कि अभी बारिश प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में नदियों को ऐसे ही उफान पर लाती रहेगी. लेकिन मौसम विभाग जिस तरह से प्रदेश में 30 के आसपास मानसून विदाई की बात कह रहा है, उम्मीद है उसके बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले भक्तों की संख्या में भी इजाफा होगा और यात्रा भी बिना रोकटोक के चलेगी.
ये भी पढ़ें:
- उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या 37.27 लाख पार, केदारनाथ में दिखा भव्य नजारा
- जाते मानसून के साथ जोर पकड़ने लगी गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा, रविवार को पहुंचे 12 हजार से ज्यादा श्रद्धालु
- उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2025 में टोकन सिस्टम से होंगे दर्शन! यातायात निदेशालय ने शुरू किया होमवर्क
- मौसम पर भारी पड़ रही आस्था, बदरी-केदार की बढ़ी रौनक, हर दिन पहुंच रहे 5 हजार यात्री