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बाबा रामदेव को राहत, पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के लाइसेंस निलंबित के आदेश पर लगी अंतरिम रोक - PATANJALI PRODUCTS BAN

Patanjali Products Bun Case योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के लाइसेंस निलंबित के आदेश पर उत्तराखंड सरकार ने अंतरिम रोक लगा दी है. जिसे बाबा रामदेव के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है.

Baba Ramdev and Acharya Balkrishna
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 18, 2024, 6:59 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): योग गुरु बाबा रामदेव को बड़ी राहत मिली है. उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के प्रोडक्ट्स पर लगे बैन के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. दरअसल, एक उच्च स्तरीय समिति की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने इन सभी दवाओं के लाइसेंस निलंबन के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.

बता दें कि, 30 अप्रैल को उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाइयों के प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया था. लेकिन अब उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंड संबंधित आदेश पर अंतरिम रोक लगाई गई है. आयुष विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे मामले की जांच कर रही एक उच्च स्तरीय समिति ने को प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. जिसमें कहा गया कि पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के निर्माण का लाइसेंस सस्पेंड किए जाने का आदेश अवैध था. साथ ही लाइसेंसिंग प्राधिकरण को इस आदेश को उस तरीके से जारी नहीं करना चाहिए था, जिस तरीके से लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने पारित किया.

इसके साथ ही कानून की तरफ से बनाई गई प्रक्रिया का पालन न करते हुए इन दवाओं के निर्माण लाइसेंस को निलंबित किया गया. उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण की ओर से 30 अप्रैल को जारी दवाइयों के निर्माण बैन के आदेश को पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी ने चुनौती दी थी. कंपनियों ने अपने अपील में कहा है कि लाइसेंस निलंबन करने के दौरान कानून प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. जबकि राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण, आयुर्वेदिक और यूनानी सेवाओं ने 30 अप्रैल को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1945 और ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के निर्माण लाइसेंस को निलंबित किया था.

इन दवाओं में 'स्वसारि गोल्ड', 'स्वसारि वटी, 'ब्रोंकोम', 'स्वसारि प्रवाही', 'स्वसारि अवलेह', 'मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर', 'लिपिडोम', 'बीपी ग्रिट', 'मधुग्रिट', 'मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर', 'लिवमृत एडवांस', 'लिवोग्रिट', 'आईग्रिट गोल्ड' और 'पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप' शामिल हैं. इन प्रोडक्ट्स पर बैन 1945 के नियम 159 (1) के तहत लगाया गया था. उत्तराखंड के आयुष सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय ने निर्माण लाइसेंस निलंबित संबंधित आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. आयुष सचिव ने बताया कि मामले की जांच कर रही उच्च स्तरीय समिति ने जो प्रारंभिक रिपोर्ट दी है उसके आधार पर दवाओं के निर्माण लाइसेंस निलंबित करने के आदेश को लागू करने पर तत्काल प्रभाव से अंतरिम रोक लगाई गई है.

पढ़ें- पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में बुरे फंसे बाबा रामदेव और बालकृष्ण! हरिद्वार सीजेएम कोर्ट ने जारी किया समन

देहरादून (उत्तराखंड): योग गुरु बाबा रामदेव को बड़ी राहत मिली है. उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के प्रोडक्ट्स पर लगे बैन के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. दरअसल, एक उच्च स्तरीय समिति की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने इन सभी दवाओं के लाइसेंस निलंबन के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.

बता दें कि, 30 अप्रैल को उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाइयों के प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया था. लेकिन अब उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंड संबंधित आदेश पर अंतरिम रोक लगाई गई है. आयुष विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे मामले की जांच कर रही एक उच्च स्तरीय समिति ने को प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. जिसमें कहा गया कि पतंजलि और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के निर्माण का लाइसेंस सस्पेंड किए जाने का आदेश अवैध था. साथ ही लाइसेंसिंग प्राधिकरण को इस आदेश को उस तरीके से जारी नहीं करना चाहिए था, जिस तरीके से लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने पारित किया.

इसके साथ ही कानून की तरफ से बनाई गई प्रक्रिया का पालन न करते हुए इन दवाओं के निर्माण लाइसेंस को निलंबित किया गया. उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण की ओर से 30 अप्रैल को जारी दवाइयों के निर्माण बैन के आदेश को पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी ने चुनौती दी थी. कंपनियों ने अपने अपील में कहा है कि लाइसेंस निलंबन करने के दौरान कानून प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. जबकि राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण, आयुर्वेदिक और यूनानी सेवाओं ने 30 अप्रैल को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1945 और ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं के निर्माण लाइसेंस को निलंबित किया था.

इन दवाओं में 'स्वसारि गोल्ड', 'स्वसारि वटी, 'ब्रोंकोम', 'स्वसारि प्रवाही', 'स्वसारि अवलेह', 'मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर', 'लिपिडोम', 'बीपी ग्रिट', 'मधुग्रिट', 'मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर', 'लिवमृत एडवांस', 'लिवोग्रिट', 'आईग्रिट गोल्ड' और 'पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप' शामिल हैं. इन प्रोडक्ट्स पर बैन 1945 के नियम 159 (1) के तहत लगाया गया था. उत्तराखंड के आयुष सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय ने निर्माण लाइसेंस निलंबित संबंधित आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. आयुष सचिव ने बताया कि मामले की जांच कर रही उच्च स्तरीय समिति ने जो प्रारंभिक रिपोर्ट दी है उसके आधार पर दवाओं के निर्माण लाइसेंस निलंबित करने के आदेश को लागू करने पर तत्काल प्रभाव से अंतरिम रोक लगाई गई है.

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