भुवनेश्वर: ओडिशा की रश्मि प्रधान ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2023 में सफलता हासिल कर अपने राज्य का नाम रोशन किया है. रश्मि ने चौथे प्रयास में 319वीं रैंक हासिल की. उनका कहना है कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. ऑनलाइन शिक्षा में वर्तमान प्रगति को देखते हुए किसी को सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है.
रश्मि ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में यह मेरा चौथा प्रयास था. जब रश्मि से पूछा गया कि तीन असफल प्रयासों से उन्होंने क्या सबक सीखा, तो उन्होंने कहा, 'मैं पहले से ही रेलवे में नौकरी कर रही हूं. अपने चौथे प्रयास में मैंने तैयारी में कुछ बदलाव किए और मेन्स में अपने उत्तर-लेखन कौशल में सुधार किया. साथ ही अधिक मॉक टेस्ट का सामना किया. इन चीजों ने मुझे सफलता हासिल करने में मदद की.
रश्मि प्रधान ने बताय कि उन्होंने एक साल तक नई दिल्ली में कोचिंग ली थी. लेकिन सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को कुछ मार्गदर्शन की जरूरत है. उन्होंने सुझाव दिया कि आजकल ऑनलाइन कोचिंग, मार्गदर्शन और मॉक टेस्ट जैसे पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं. सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान अभ्यर्थियों को ऑनलाइन मार्गदर्शन लेना चाहिए. अगर आपके कोई गुरु हैं, तो वे उनके परीक्षा अनुभव से तैयारी में उनकी मदद ले सकते हैं.
यूपीएससी परीक्षा में सफलता को लेकर उन्होंने देखा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में भाग्य एक कारक हो सकता है. लेकिन भाग्य उनका साथ देता है जो कड़ी मेहनत करते रहते हैं. रश्मि ने कहा कि हालांकि कड़ी मेहनत, धैर्य और प्रतिभा के साथ हर सफलता में भगवान और माता-पिता के आशीर्वाद की आवश्यकता होती है. इसके अलावा आंतरिक प्रेरणा लोगों को सफलता पाने में मदद करती है.
रश्मि प्रधान ने कहा कि कोविड महामारी के बाद से ऑनलाइन कोचिंग की सुविधाएं हैं. प्रेरणा और प्रोत्साहन का माहौल पाने के लिए दिल्ली जाने की बजाय घर पर ही ऑनलाइन कोचिंग प्राप्त की जा सकती है. दिल्ली जाने की कोई जरूरत नहीं है.
कर्नाटक की होसामानी की 100वीं रैंक, सौभाग्य की 101वीं रैंक
उधर, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कर्नाटक के हुबली की विजेता होसामानी को 100वीं रैंक मिली है. यहां सिल्वर टाउन के रहने वाली होसामानी ने बिना किसी कोचिंग के घर पर ही पढ़ाई की और चौथे प्रयास में परीक्षा पास कर ली.
वहीं, धारवाड़ की सौभाग्य बेलागीमत को 101वीं रैंक मिली है. उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली है. बीएससी (कृषि) के दूसरे वर्ष में यूपीएससी की तैयारी कर रही सौभाग्या को कृषि विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. अश्विनी ने मार्गदर्शन दिया.
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