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20 रुपए में शादी फिक्स, गोरिया जनजाति की परंपरा सोचने पर कर देगी मजबूर - MARRIAGE IN JUST TWENTY RUPEES

दूल्हे की जेब में 20 रुपए भी हैं तो उसकी शादी बड़े आराम से यहां हो जाएगी. धमतरी से अभिषेक मिश्रा की स्पेशल स्टोरी.

Marriage is confirmed for twenty rupees
गोरिया जनजाति की अनसुनी कहानी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 14, 2024, 4:20 PM IST

Updated : Dec 16, 2024, 5:07 PM IST

धमतरी: आजकल की शादियों में इतना खर्च होता है कि दुल्हन का पिता कर्ज में डूब जाता है. दूल्हे राजा की डिमांड पूरी करने के चक्कर में ससुर का पूरा बैंक बैलेंस बिगड़ जाता है. पर सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया में एक ऐसी भी जगह है जहां 20 रुपए में चट मंगनी और पट ब्याह हो जाता है.

शादी की अनोखी परंपरा: धमतरी के भटगांव में रहने वाली गोरिया जनजाति के लोग आज भी सदियों पुरानी परंपरा का पीढ़ी दर पीढ़ी पालन करते चले आ रहे हैं. गोरिया जनजाति में जब किसी लड़के या लड़की की शादी करनी होती है. दोनों पक्ष बस 20 से 500 रुपए लेकर रिश्ता करने के लिए मिलते हैं. दूल्हे पक्ष की ओर से ये छोटी सी रकम देकर दुल्हन को घर ले जा सकते हैं बेशर्ते दुल्हन शादी के लिए तैयार हो.

20 रुपए में शादी पक्की (ETV Bharat)

मेरा मायके कनेरी है. मुझे जब शादी के वक्त लोग देखने आए तो साठ रुपए में हमारा रिश्ता पक्का हुआ जिसे हम लोग अपनी भाषा में सुख बांधना कहते हैं. तीन दिन की शादी हमारी हुई. जो पैसा शादी पक्का करने के लिए तय किया जाता है उसमें माता पिता की सहमति होती है. बाद में मेरे पति को अलग लगता है कि और दो चार पत्नी लाना चाहिए तब वो मुझे अपने मेरे माता पिता के घर छोड़ देगा और जो शादी के वक्त साठ रुपए दिया गया था वो वापस लौटा देगा. :मेला बाई, ग्रामीण

हमारे वक्त में तो इसी तरह से शादियां होती रही. अब थोड़ा वक्त बदल गया है. कुछ लोग पुरानी परंपरा मानते हैं कुछ नहीं. :दिनबति बाई, ग्रामीण

20 रुपए में हो जाती है शादी पक्की: सालों से चली आ रही परंपरा को आज भी गोरिया जनजाति के लोग निभाते आ रहे हैं. गोरिया जनजाति के लोगों का कहना है कि शादी पक्की करने के दौरान जो पैसे लड़की पक्ष को दिए जाते हैं वो हमेशा उनके पास जमा पूंजी की तरह रखे रहते हैं. जब लड़की पक्ष रिश्ता तोड़ता है तो जो भी रकम पहले दी गई होती है उसे मूल रुप में लौटाना होता है. पैसे लौटाकर लड़की वाले अपनी बेटी को वापस ले जाते हैं.

शादी अगर किसी वजह से टूट जाती है तो परिवार वाले शादी के वक्त दिए गये पैसे को लौटा देते हैं. :जगमोहिनी बाई, ग्रामीण

घर वाले और लड़की राजी हो जाते हैं तो हम दो तीन साल तक इंतजार करते हैं. बाद में शादी होती है तो हम दुल्हन को अपने घर लेकर आते हैं. मेरी शादी पांच हजार में पक्की हुई थी. :दिलेश गोरिया, ग्रामीण

शादी से पहले अनोखी रस्म: गोरिया जनजाति में वैसे तो कई अनोखी परंपराएं हैं जिनको ये लोग निभाते चले आ रहे हैं. सबसे अनोखी परंपरा है शादी से पहले लड़का लड़की को एक कमरे में बंद करने की. गोरिया जनजाति के लोग कहते हैं कि जब लड़का लड़की की शादी पक्की हो जाती है तो दोनों को एक कमरे में कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है. जनजाति से जुड़े लोगों की मान्यता है कि इस दौरान दोनों एक दूसरे को जान लेते हैं और समझ लेते हैं. इसके बाद दोनों के जीवन की गाड़ी शादी के बंधन में बंध जाती है.

एक लड़का और एक लड़की को कमरे में बंद कर देते हैं. परिवार वाले दोनों राजी होते थे तब शादी होती थी. इनकी परंपरा आज भी इसी तरह से चल चल रही है. अगर लड़का लड़की को छोड़ना चाहता है तो पैसा वापस किया जाता है. शादी इनकी डेरे के भीतर होती है. पहले 20 रुपए में शादी होती थी अब ये रकम पांच सौ रुपए तक पहुंच गई है. :दिनेश कुमार पाण्डेय, प्रधान पाठक

इनका मैट्रिमोनियल सबसे जुदा: वक्त की कमी के चलते आज मैट्रिमोनियल साइट के जरिए भी धड़ल्ले से शादियां हो रही हैं. ऐसे में गोरिया जनजाति की इस अनोखी परंपरा को देखकर ऐसा लगता है जैसे आज भी जीवन साथी को पसंद करने का ये तरीका सबसे अनोखा और अलग है. ऑनलाइन वाले जमाने में भी गोरिया जनजाति के लोग न सिर्फ इस परंपरा को आगे ले जा रहे हैं बल्कि नई पीढ़ी भी इसे स्वीकार कर रही है. सांप का खेल दिखाकर इस समाज के लोग अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. समय के साथ अब इस जनजाति के लोग सांपों का खेल छोड़ दूसरे कामों के जरिए भी अपना गुजर बसर कर रहे हैं.

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धमतरी: आजकल की शादियों में इतना खर्च होता है कि दुल्हन का पिता कर्ज में डूब जाता है. दूल्हे राजा की डिमांड पूरी करने के चक्कर में ससुर का पूरा बैंक बैलेंस बिगड़ जाता है. पर सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया में एक ऐसी भी जगह है जहां 20 रुपए में चट मंगनी और पट ब्याह हो जाता है.

शादी की अनोखी परंपरा: धमतरी के भटगांव में रहने वाली गोरिया जनजाति के लोग आज भी सदियों पुरानी परंपरा का पीढ़ी दर पीढ़ी पालन करते चले आ रहे हैं. गोरिया जनजाति में जब किसी लड़के या लड़की की शादी करनी होती है. दोनों पक्ष बस 20 से 500 रुपए लेकर रिश्ता करने के लिए मिलते हैं. दूल्हे पक्ष की ओर से ये छोटी सी रकम देकर दुल्हन को घर ले जा सकते हैं बेशर्ते दुल्हन शादी के लिए तैयार हो.

20 रुपए में शादी पक्की (ETV Bharat)

मेरा मायके कनेरी है. मुझे जब शादी के वक्त लोग देखने आए तो साठ रुपए में हमारा रिश्ता पक्का हुआ जिसे हम लोग अपनी भाषा में सुख बांधना कहते हैं. तीन दिन की शादी हमारी हुई. जो पैसा शादी पक्का करने के लिए तय किया जाता है उसमें माता पिता की सहमति होती है. बाद में मेरे पति को अलग लगता है कि और दो चार पत्नी लाना चाहिए तब वो मुझे अपने मेरे माता पिता के घर छोड़ देगा और जो शादी के वक्त साठ रुपए दिया गया था वो वापस लौटा देगा. :मेला बाई, ग्रामीण

हमारे वक्त में तो इसी तरह से शादियां होती रही. अब थोड़ा वक्त बदल गया है. कुछ लोग पुरानी परंपरा मानते हैं कुछ नहीं. :दिनबति बाई, ग्रामीण

20 रुपए में हो जाती है शादी पक्की: सालों से चली आ रही परंपरा को आज भी गोरिया जनजाति के लोग निभाते आ रहे हैं. गोरिया जनजाति के लोगों का कहना है कि शादी पक्की करने के दौरान जो पैसे लड़की पक्ष को दिए जाते हैं वो हमेशा उनके पास जमा पूंजी की तरह रखे रहते हैं. जब लड़की पक्ष रिश्ता तोड़ता है तो जो भी रकम पहले दी गई होती है उसे मूल रुप में लौटाना होता है. पैसे लौटाकर लड़की वाले अपनी बेटी को वापस ले जाते हैं.

शादी अगर किसी वजह से टूट जाती है तो परिवार वाले शादी के वक्त दिए गये पैसे को लौटा देते हैं. :जगमोहिनी बाई, ग्रामीण

घर वाले और लड़की राजी हो जाते हैं तो हम दो तीन साल तक इंतजार करते हैं. बाद में शादी होती है तो हम दुल्हन को अपने घर लेकर आते हैं. मेरी शादी पांच हजार में पक्की हुई थी. :दिलेश गोरिया, ग्रामीण

शादी से पहले अनोखी रस्म: गोरिया जनजाति में वैसे तो कई अनोखी परंपराएं हैं जिनको ये लोग निभाते चले आ रहे हैं. सबसे अनोखी परंपरा है शादी से पहले लड़का लड़की को एक कमरे में बंद करने की. गोरिया जनजाति के लोग कहते हैं कि जब लड़का लड़की की शादी पक्की हो जाती है तो दोनों को एक कमरे में कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है. जनजाति से जुड़े लोगों की मान्यता है कि इस दौरान दोनों एक दूसरे को जान लेते हैं और समझ लेते हैं. इसके बाद दोनों के जीवन की गाड़ी शादी के बंधन में बंध जाती है.

एक लड़का और एक लड़की को कमरे में बंद कर देते हैं. परिवार वाले दोनों राजी होते थे तब शादी होती थी. इनकी परंपरा आज भी इसी तरह से चल चल रही है. अगर लड़का लड़की को छोड़ना चाहता है तो पैसा वापस किया जाता है. शादी इनकी डेरे के भीतर होती है. पहले 20 रुपए में शादी होती थी अब ये रकम पांच सौ रुपए तक पहुंच गई है. :दिनेश कुमार पाण्डेय, प्रधान पाठक

इनका मैट्रिमोनियल सबसे जुदा: वक्त की कमी के चलते आज मैट्रिमोनियल साइट के जरिए भी धड़ल्ले से शादियां हो रही हैं. ऐसे में गोरिया जनजाति की इस अनोखी परंपरा को देखकर ऐसा लगता है जैसे आज भी जीवन साथी को पसंद करने का ये तरीका सबसे अनोखा और अलग है. ऑनलाइन वाले जमाने में भी गोरिया जनजाति के लोग न सिर्फ इस परंपरा को आगे ले जा रहे हैं बल्कि नई पीढ़ी भी इसे स्वीकार कर रही है. सांप का खेल दिखाकर इस समाज के लोग अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. समय के साथ अब इस जनजाति के लोग सांपों का खेल छोड़ दूसरे कामों के जरिए भी अपना गुजर बसर कर रहे हैं.

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Last Updated : Dec 16, 2024, 5:07 PM IST
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