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अपनी पत्नी लक्ष्मी पुरी की डेब्यू नॉवेल लॉन्चिंग पर जेएलएफ पहुंचे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, बताई पुस्तक से जुड़ी खास बातें

Jaipur Literature Festival 2024, अपनी पत्नी लक्ष्मी पुरी की डेब्यू नॉवेल लॉन्चिंग के लिए रविवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पहुंचे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पुस्तक से जुड़ी बातों को साझा किया. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में तीन पीढ़ियों की जर्नी के साथ ही आजादी से पहले और बाद के भारत का उल्लेख किया गया है.

Jaipur Literature Festival 2024
Jaipur Literature Festival 2024
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 4, 2024, 7:37 PM IST

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

जयपुर. अब तक अपनी किताबों को लॉन्च करने के लिए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पहुंचते रहे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी रविवार को अपनी पत्नी लक्ष्मी पुरी की डेब्यू नॉवेल लॉन्चिंग के मौके पर जेएलएफ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लक्ष्मी पुरी की नॉवेल की जानकारी देते हुए बताया कि किताब में तीन पीढ़ियों का जिक्र है. इसमें भारत की आजादी से पहले व बाद की जर्नी को उल्लेखित किया गया है.

नॉवेल में तीन पीढ़ियों का जिक्र : जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दरबार हॉल में लक्ष्मी पुरी की बुक 'The Swallowing Sun' की लॉन्चिंग हुई. बतौर लेखक लक्ष्मी पुरी की यह पहली नॉवेल है. उन्होंने विकास स्वरूप से बात करते हुए अपनी किताब के बारे में बताया कि वो इतिहास की छात्र हैं और ये विश्वास करती हैं कि इतिहास भविष्य का प्रॉफिट है. उन्होंने जिस पीरियड का जिक्र किताब में किया है वो कहीं न कहीं भविष्य को शेप देते हुए डेस्टिनी तक पहुंचाने का माद्दा रखता है.

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तब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, लेकिन इस किताब में मैंने उस दौर को जीया : उन्होंने कहा कि आज भारत में सभ्यता, संस्कृति का पुनरुत्थान, सोसाइटी, यूथ और महिलाओं को लेकर नई तरह की पुनः कल्पना हो रही है. भले ही वो स्वतंत्रता के बाद जन्मी, लेकिन उनके पिता ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया था. आजादी का वो दौर लोगों को एक-दूसरे के नजदीक लाया, जो इससे पहले नहीं हुआ था. उनकी किताब में उस दौर का जिक्र है, जब दो वर्ल्ड वॉर हुए. उस वक्त वो भले ही मौजूद नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपनी किताब को इस तरह से लिखा है कि वो आजादी के पहले के उस दौर में रही है और उन्होंने उसको जीया है.

मंच पर सुनाई पिता की लिखी कविता : उन्होंने बताया कि इस किताब में वो अपने जीवन की तीन जेनरेशन को जगाती है, जिसमें उनकी मां, उनकी बेटी और वो खुद शामिल हैं. उन्होंने अपनी मां को बुक में मालती का किरदार देते हुए किस तरह का जीवन मालती ने गुजारा और अपने पिता की ओर से मां को लिखे गए पत्रों को भी उन्होंने मंच पर पढ़कर सुनाया. लक्ष्मी पुरी ने अपने पिता की ओर से लिखी हुई एक मराठी कविता भी पढ़कर सुनाई.

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मंत्री ने सभी ऑथर्स को दी शुभकामनाएं : वहीं, अपनी पत्नी की बुक लॉन्चिंग के दौरान मौजूद रहे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वो लिटरेचर फेस्टिवल में कई सालों से आ रहे हैं. उनकी खुद की बुक यहां लॉन्च हुई है, लेकिन आज एक खास मौका है, जब उनकी पत्नी लक्ष्मी पुरी की डेब्यू नॉवेल लॉन्च हुई. इसलिए आज यहां वो फैन क्लब को लीड करते हुए लक्ष्मी पुरी को चीयर करने पहुंचे हैं. लक्ष्मी पुरी के नॉवेल के बारे में उन्होंने बताया कि नॉवेल के किरदार आजादी से पहले के 1920-1930 के भारत के हैं, जिन्होंने बदलते व आजाद भारत को देखा है. इस दौरान उन्होंने जेएलएफ पहुंचे अन्य सभी ऑथर्स को भी शुभकामनाएं दी.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

जयपुर. अब तक अपनी किताबों को लॉन्च करने के लिए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पहुंचते रहे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी रविवार को अपनी पत्नी लक्ष्मी पुरी की डेब्यू नॉवेल लॉन्चिंग के मौके पर जेएलएफ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लक्ष्मी पुरी की नॉवेल की जानकारी देते हुए बताया कि किताब में तीन पीढ़ियों का जिक्र है. इसमें भारत की आजादी से पहले व बाद की जर्नी को उल्लेखित किया गया है.

नॉवेल में तीन पीढ़ियों का जिक्र : जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दरबार हॉल में लक्ष्मी पुरी की बुक 'The Swallowing Sun' की लॉन्चिंग हुई. बतौर लेखक लक्ष्मी पुरी की यह पहली नॉवेल है. उन्होंने विकास स्वरूप से बात करते हुए अपनी किताब के बारे में बताया कि वो इतिहास की छात्र हैं और ये विश्वास करती हैं कि इतिहास भविष्य का प्रॉफिट है. उन्होंने जिस पीरियड का जिक्र किताब में किया है वो कहीं न कहीं भविष्य को शेप देते हुए डेस्टिनी तक पहुंचाने का माद्दा रखता है.

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तब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, लेकिन इस किताब में मैंने उस दौर को जीया : उन्होंने कहा कि आज भारत में सभ्यता, संस्कृति का पुनरुत्थान, सोसाइटी, यूथ और महिलाओं को लेकर नई तरह की पुनः कल्पना हो रही है. भले ही वो स्वतंत्रता के बाद जन्मी, लेकिन उनके पिता ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया था. आजादी का वो दौर लोगों को एक-दूसरे के नजदीक लाया, जो इससे पहले नहीं हुआ था. उनकी किताब में उस दौर का जिक्र है, जब दो वर्ल्ड वॉर हुए. उस वक्त वो भले ही मौजूद नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपनी किताब को इस तरह से लिखा है कि वो आजादी के पहले के उस दौर में रही है और उन्होंने उसको जीया है.

मंच पर सुनाई पिता की लिखी कविता : उन्होंने बताया कि इस किताब में वो अपने जीवन की तीन जेनरेशन को जगाती है, जिसमें उनकी मां, उनकी बेटी और वो खुद शामिल हैं. उन्होंने अपनी मां को बुक में मालती का किरदार देते हुए किस तरह का जीवन मालती ने गुजारा और अपने पिता की ओर से मां को लिखे गए पत्रों को भी उन्होंने मंच पर पढ़कर सुनाया. लक्ष्मी पुरी ने अपने पिता की ओर से लिखी हुई एक मराठी कविता भी पढ़कर सुनाई.

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मंत्री ने सभी ऑथर्स को दी शुभकामनाएं : वहीं, अपनी पत्नी की बुक लॉन्चिंग के दौरान मौजूद रहे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वो लिटरेचर फेस्टिवल में कई सालों से आ रहे हैं. उनकी खुद की बुक यहां लॉन्च हुई है, लेकिन आज एक खास मौका है, जब उनकी पत्नी लक्ष्मी पुरी की डेब्यू नॉवेल लॉन्च हुई. इसलिए आज यहां वो फैन क्लब को लीड करते हुए लक्ष्मी पुरी को चीयर करने पहुंचे हैं. लक्ष्मी पुरी के नॉवेल के बारे में उन्होंने बताया कि नॉवेल के किरदार आजादी से पहले के 1920-1930 के भारत के हैं, जिन्होंने बदलते व आजाद भारत को देखा है. इस दौरान उन्होंने जेएलएफ पहुंचे अन्य सभी ऑथर्स को भी शुभकामनाएं दी.

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