नई दिल्ली : केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सोमवार को कहा कि देश में विमानन उद्योग जबरदस्त गति से बढ़ रहा है. इसके साथ ही सुरक्षा संबंधी खतरे और चुनौतियां भी बढ़ रही हैं. भारत मंडपम नई दिल्ली में नागरिक उड्डयन सेवा ब्यूरो (बीसीएएस) के 38वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए जिसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका, सीआईएसएफ प्रमुख आईपीएस नीना सिंह और अन्य सहित उच्च रैंकिंग सुरक्षा अधिकारी शामिल थे.
गृह सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हालांकि विमानन उद्योग तेजी से विकास देख रहा है. यह वर्ष 2024 में एक रिकॉर्ड स्थापित करने जा रहा है, लेकिन यह कई सुरक्षा चुनौतियों के साथ आता है. उन्होंने कहा कि भारत का भूगोल, हमारे पड़ोसी देश, यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) जैमिंग, ड्रोन और साइबर खतरों जैसी नई प्रौद्योगिकियों से सुरक्षा चुनौतियां पैदा करता है, लेकिन मेरा मानना है कि संबंधित एजेंसियां अपना सर्वश्रेष्ठ कर रही हैं.
हवाई यात्रियों को राहत देते हुए बीसीएएस ने लंबी देरी के मामले में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. नवीनतम निर्देश 30 मार्च को आया और अब लागू है. यह निर्देश हवाईअड्डों पर उड़ान में देरी और भीड़भाड़ के बढ़ते मामलों के खिलाफ आया है, जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों को विमान में चढ़ने के बाद लंबे समय तक विमान में फंसे रहना पड़ता है.
बीसीएएस के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने कहा कि दिशानिर्देश यात्रियों के लिए 'कम उत्पीड़न' सुनिश्चित करेंगे. हवाई अड्डों पर भीड़भाड़ के बारे में बोलते हुए, महानिदेशक ने अपनी टिप्पणी में इस बात पर प्रकाश डाला कि हवाई अड्डों पर भीड़भाड़ स्वागत योग्य नहीं है और यह राष्ट्र-विरोधी तत्वों को आमंत्रित करती है.
हवाईअड्डे संचालकों को दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए स्क्रीनिंग सहित बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करनी होगी. हसन ने कहा कि यात्रियों को विमान से उतारने का निर्णय संबंधित एयरलाइंस और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि एजेंसी ने इस मुद्दे से निपटने के लिए अच्छे मानक स्थापित किए हैं. इसके लिए जरूरी उपकरण विकसित किए गये हैं. उन्होंने कहा कि यात्री अनुभव को बढ़ाने के लिए, वे स्मार्ट सुरक्षा लेन भी लागू करेंगे.
उनके अनुसार, इस महीने बेंगलुरु हवाई अड्डे पर फुल-बॉडी स्कैनर चालू होने की संभावना है. आने वाले समय में, ये स्कैनर 5 मिलियन से अधिक वार्षिक यात्री यातायात वाले हवाई अड्डों पर शुरू किए जाएंगे. यहां यह ध्यान रखना उचित है कि बीसीएएस को 1 अप्रैल, 1987 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक स्वतंत्र विभाग में पुनर्गठित किया गया था, जो भारत में नागरिक उड्डयन सुरक्षा के लिए नियामक प्राधिकरण है.
इसका नेतृत्व पुलिस महानिदेशक रैंक का एक अधिकारी करता है और इसे नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में नामित किया जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के शिकागो सम्मेलन के अनुबंध-17 के कार्यान्वयन के लिए उपयुक्त प्राधिकारी है. नागरिक उड्डयन ब्यूरो के महानिदेशक राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन सुरक्षा कार्यक्रम (एनसीएएसपी) के विकास, कार्यान्वयन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं.