समस्तीपुर : बिहार दौरे पर आए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जहां एक ओर उजियारपुर के बीजेपी प्रत्याशी नित्यानंद राय के लिए वोट मांगा. वहीं दूसरी ओर विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया. खासकर जिस प्रकार से नोट बरामद हुए हैं उसको लेकर अमित शाह आक्रामक दिखे. उन्होंने कहा कि जनता का पाई-पाई नरेन्द्र मोदी की सरकार लौटा कर रहेगा.
''यह लोग (विपक्ष) ईडी और सीबीआई का रोना रोते हैं. झारखंड में 2 महीना पहले कांग्रेस के सांसद के आवास से 350 करोड़ रुपए बरामद हुए थे. झारखंड के मंत्री के कर्मचारी के आवास से 30 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं. इससे पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मंत्री के आवास से 51 करोड़ रुपए बरामद हुए थे. इन नोटों को गिनने में मशीन भी थक जाती है. आपकी पैसे की रखवाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं, इसीलिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.''- अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री
आरक्षण और धारा 370 का जिक्र : अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 27 मंत्री पिछड़ा समाज के हैं. उन्होंने कहा कि पिछड़ा एवं अति पिछड़ा के आरक्षण में कोई हाकमरी नहीं कर सकता. जब तक मोदी की सरकार है तब तक इन लोगों के आरक्षण के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता. शाह ने धारा 370 का जिक्र किया और कहा कि 70 वर्षों से कांग्रेस यह कानून लगा कर रखी थी. जिस कारण पूरे देश में आतंकवाद फैलता था, लेकिन मोदी जी ने 5 अगस्त 2019 को यह कानून खत्म कर दिया.
'नित्यानंद राय जिगरी दोस्त' : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उजियारपुर के लोगों को बताया कि कल उनके यहां मतदान है. 1700 किलोमीटर दूर से वह उजियारपुर इसीलिए आए हैं कि क्योंकि नित्यानंद राय उनके जिगरी दोस्त हैं. उन्हें चुनाव में जीतने के लिए वह चुनाव प्रचार करने के लिए आए हैं.
''कोविड के समय में वैक्सीन हर जगह पहुंचाने का काम हो या ऑक्सीजन आपूर्ति हर जगह बहाल हो. इसकी जवाबदेही मोदी जी ने नित्यानंद राय को दी थी. पूरे देश को मोदी जी ने फ्री में टिका लगवाया. उस समय राहुल गांधी लोगों से कह रहे थे कि टीका मत लगाओ क्योंकि यह मोदी टीका है. जब पूरा देश टीका लगवा लिया तब अंधेरे में जाकर राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका ने भी टिका लगवाया.''- अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री
विद्यापति, कर्पूरी ठाकुर और मैथिली : दरअसल, उजियारपुर में अमित शाह ने महान कवि विद्यापति, जननायक कर्पूरी ठाकुर को प्रणाम कर अपने भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि गरीबों के नेता कपूरी ठाकुर को नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न देने का काम किया. मैथिली भाषा को सबसे पहले सम्मान देने की बात कर्पूरी ठाकुर ने की थी. बाद में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने मैथिली को अष्टम अनुसूची में शामिल किया.
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