पटना : शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आईजीआईएमएस परिसर में क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का उद्घाटन किया. 154 बेड की क्षमता वाला यह क्षेत्रीय चक्षु संस्थान 188 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है. यह उत्तर भारत का नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे बड़ा सरकारी संस्थान है.
इस मौके पर जेपी नड्डा ने लगभग 850 करोड़ की लागत के विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. इसमें बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन का शिलान्यास भी हुआ. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, समेत कई माननीय सदस्य मौजूद रहे.
विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बिहार के लिए 850 करोड़ के विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाओं का इस मौके पर उद्घाटन और शिलान्यास किया. इसमें लगभग 300 करोड़ की 11 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ और 550 करोड़ की राशि के 22 परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ. इसमें राज्य के विभिन्न जिलों के 164 स्थान पर स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र के निर्माण का शिलान्यास किया गया और 131 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र का उद्घाटन किया गया.
2500 बेड की क्षमता की तैयारी : आईजीआईएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले आईजीआईएमएस में 770 बेड की क्षमता थी, जिसे 2500 बेड की संख्या तक बढ़ाई जा रही है. अभी के समय यह 1370 हो गया है. इस साल के अंत तक 500 बेड और शुरू हो जाएगा. इसके अलावा 1200 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अगले साल तक पूरा हो जाएगा.
''अस्पताल में 3000 से अधिक बेड की संख्या हो जाएगी. इसके अलावा पांच मेडिकल कॉलेज अस्पताल जिसमें एनएमसीएच पटना, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भागलपुर, अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया को भी 2500 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
जेपी नड्डा का यह अलग संयोग : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि यह एक अलग संयोग है कि साल 2019 में पिछली बार जब वह स्वास्थ्य मंत्री बने थे तो सबसे अंतिम शिलान्यास आईजीआईएमएस के इसी क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का किया था. और एनडीए सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल में जब वह दूसरी बार स्वास्थ्य मंत्री बने हैं तो सबसे पहले उद्घाटन इसी क्षेत्रीय चक्षु संस्थान का कर रहे हैं.
''बिहार में स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास की कहानी 2005 से शुरू होती है. आईजीआईएमएस की स्थापना 1983 से 2005 तक की विकास की गति को देखेंगे और 2005 से 2024 की विकास की गति को देखेंगे तो इस दौड़ में संस्थान ने विकास की ऊंची छलांग लगाई है.'' - जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
दिल्ली एम्स जैसी सुविधा : जेपी नड्डा ने कहा कि जो सुविधा दिल्ली एम्स के आप्थाल्मालॉजी विभाग में मिल रही है वह सभी सुविधाएं पूर्वी रीजन को आईजीआईएमएस के इस क्षेत्रीय चक्षु संस्थान में मिलेगी. यहां 11 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बने हैं और सबसे लेटेस्ट तकनीक के इक्विपमेंट को लगाया गया है.
''नेत्र रोग में पांच नए डिपार्मेंट जनता को समर्पित किया गया है और यहां आई बैंक जो तैयार हुआ है उसकी काफी क्षमता है. यहां अब तक 1000 से अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट हो चुके हैं और उम्मीद करते हैं कि इस संस्थान की तैयार होने से कॉर्निया ट्रांसप्लांट की संख्या और बढ़ेगी.''- जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
पटना बनेगा मेडिकल हब : जेपी नड्डा ने कहा कि पीएमसीएच में 5462 बेड की क्षमता का दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा अस्पताल बनने जा रहा है. पटना और बिहार आने वाले दिनों में मेडिकल हब बन जाएगा. उन्होंने कहा कि उजाले का आनंद लेना है तो अंधकार की त्रासदी को समझना चाहिए.
''मंच से इतने सारे विकास की योजनाओं का नाम गिनवाया लेकिन दूसरे पार्टी के लोग मंच पर सिर्फ समाज को बांटने वाली बातें करते हैं. वह लोग फूट डालो शान करो कि राजनीति करते हैं. आप सभी चिकित्सक सिर्फ मरीज की नब्ज को नहीं टटोलते हैं बल्कि समाज के नब्ज को टटोलने का काम करते हैं. आप यह देखिए की कौन विकास की राजनीति करता है और कौन बांटने की राजनीति करता है.''- जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
क्या खास है क्षेत्रीय चक्षु संस्थान में : क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के चीफ और आईजीआईएमएस के आप्थाल्मालॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डीआर विभूति नारायण ने बताया कि इस संस्थान में नेत्र विज्ञान के पांच सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट है. यह डिपार्टमेंट है ऑक्युप्लास्टी एंड स्क्विंट सर्विसेज, रेटिना एंड यूविया सर्विसेज, कॉर्निया एंड रिफ्रैक्टिव सर्विसेज, ग्लूकोमा एंड न्यूरो आप्थाल्मालॉजी एंड कम्युनिटी सर्विसेज और पेडियाट्रिक आप्थाल्मालॉजी. उन्होंने बताया कि एक रनिंग हॉस्पिटल से इस बिल्डिंग में पूरा अस्पताल शिफ्ट होगा ऐसे में फुल फ्लेज्ड रूप से यह संस्थान 6 महीने में कार्य करने लगेगा. यहां नेत्र चिकित्सा के लिए 24 घंटे एमरजेंसी सर्विसेज की सुविधा है.
बढ़ेगी ओपीडी की क्षमता : विभूति नारायण ने बताया कि अभी के समय अस्पताल में 350 से 500 के करीब नेत्र रोग विभाग के ओपीडी में मरीज देखे जाते हैं. अब इसकी क्षमता चार गुना बढ़ गई है. इसके अलावा यहां इलाज प्राइवेट अस्पतालों की तुलना में एक तिहाई सस्ता है.
''यहां बच्चों के आई हेल्थ पर रिसर्च चल रहे हैं. रिसर्च में और विस्तार आएगा और यहां बच्चे जब बड़े होंगे तो आंखों का चश्मा हट सके इसकी सर्जरी की सुविधा भी है. यहां लो विजन का नया सेंटर तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा आई बैंक की क्षमता बढ़ाई गई है ताकि कॉर्निया ट्रांसप्लांट अधिक से अधिक हो सके.''- विभूति नारायण, विभागाध्यक्ष, क्षेत्रीय चक्षु संस्थान
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