उदयपुर : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अपने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को मेवाड़ पहुंची, जहां उदयपुर एयरपोर्ट पर उनका भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया. उसके बाद वित्तमंत्री अपनी पूर्व निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप कार्यक्रमों में शामिल हुए. सबसे पहले वित्तमंत्री ने होटल लीला पैलेस में पश्चिम व मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की समीक्षा बैठक ली. उसके बाद उन्होंने स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक के कार्यालय का निरीक्षण किया.
वित्तमंत्री ने ली बैठक : वित्तमंत्री सीतारमण के डबोक एयरपोर्ट पहुंचने पर प्रशासनिक और बैकिंग अधिकारियों ने अगवानी की. वहां से वे पिछोला स्थित होटल लीला पैलेस पहुंची. होटल के कॉन्फ्रेंस हॉल में वित्तमंत्री की अध्यक्षता में पश्चिम-मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के चेयरमैन और उनके प्रायोजित बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ समीक्षा बैठक हुई. बैठक में बैंकिंग क्षेत्र में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने पर चर्चा की गई.
इसे भी पढ़ें - क्या निर्मला सीतारमण अपना सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगी?
बैंकों की पिछले वित्तीय वर्ष की वार्षिक कार्ययोजना और प्रगति की समीक्षा की गई. केन्द्रीय वित्तमंत्री ने बैंकिंग पहुंच बढ़ाते हुए विकसित भारत के संकल्प को साकार करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के माध्यम से आमजन को लाभ देने के लिए बैंक के सभी अधिकारी समन्वय से कार्य करें.
इन कार्यक्रमों में हुई शामिल : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी ने उदयपुर में मार्बल क्लस्टर की MSME इकाइयों से चर्चा की. सुखेर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मार्बल भवन में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उदयपुर क्षेत्र के मार्बल व्यवसाय से जुड़े उद्यमी इसमें शामिल हुए थे. वित्त सचिव एम नागराजू, सिडबी के चेयरमैन मनोज मित्तल, सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, विधायक ताराचंद जैन, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल भी कार्यक्रम में मौजूद रहे.
बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू, अपर सचिव एमपी तंगीराला सहित नाबार्ड के चेयरमैन के बी शॉ, आरबीआई के कार्यपालक निदेशक जयंत कुमार दास, बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवदत्त चाँद, बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक निधू सक्सेना, भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने अपने-अपने बैंकों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की. साथ ही बैंकों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी.
कल श्रीनाथजी का करेंगी दर्शन : अब शुक्रवार को वित्तमंत्री सबसे पहले नाथद्वारा पहुंचकर श्रीनाथजी का दर्शन करेंगी. उसके बाद सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर हिरण मगरी सेक्टर 14 में जीएसटी भवन के लोकार्पण समारोह में शामिल होंगी. वहां से दोपहर 1.45 बजे रवाना होकर 2.30 बजे डबोक एयरपोर्ट पहुंचेंगी और 3 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी.
वित्तमंत्री का यह बयान आया सामने : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि विकसित भारत 2047 के संकल्प को पूरा करने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की अहम भूमिका रहेगी. इसीलिए बजट में इनको विशेष प्राथमिकता दी गई है. वित्तमंत्री ने गुरुवार शाम को उदयपुर के सुखेर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मार्बल भवन में एमएसएमई मार्बल कलस्टर इकाइयों से चर्चा कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान ये बातें कही.
वहीं, उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और समृद्धि में मेवाड़ का योगदान शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. बजट घोषणाओं को लागू करने में ग्राउंड जीरो पर हितधारकों से संवाद आवश्यक है और इसका विशेष महत्व है. बजट जनता के लिए होता है. बजट जनता के बीच आने के बाद फीडबैक के आधार पर हम संशोधन करते हैं. एमएसएमई की भागीदारी 2047 के विजन को साकार करने में प्रमुख है. इसीलिए बजट में इसे विशेष प्राथमिकता दी गई है.
इसी कड़ी में अब देशभर के 250 एमएसएमई कलस्टर से संवाद कार्यक्रम किए जाने हैं, जिसका आगाज उदयपुर के मार्बल कलस्टर से हो रहा है. उन्होंने कहा कि मेवाड़ क्षेत्र की एमएसएमई इंडस्ट्री की आवश्यकताओं को समझने हितधारकों से चर्चा करना आवश्यक है. सीतारमन ने बताया कि स्मॉल इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बैंक (सिडबी) द्वारा अब सीधे ही सूक्ष्म उद्योगों को ऋण मुहैया करवाया जा रहा है, जो कि बड़ी राहत की बात है. इससे सूक्ष्म उद्योगों को सुविधाजनक ऋण आसानी से उपलब्ध हो जाएगा.
भारत जल्द बनेगा विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि देशभर में ऐसे संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से बेरोजगारी दूर करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. बेरोजगारी दूर करने में एमएसएमई क्षेत्र का बड़ा योगदान है. सूक्ष्म और लघु उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जिसका योगदान देश की अर्थव्यवस्था में 30 फीसदी है और देश के 20 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है.
उन्होंने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. शीघ्र ही देश विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं, जो कि एक सुखद अहसास है. जहां वैश्विक आर्थिक प्रगति की दर 3.2 फीसदी है, वहीं भारत आर्थिक प्रगति के मामले में 7 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में 10.3 लाख करोड़ का बैंकों को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा क्रेडिट दिया गया था, जबकि वर्ष 2023 में यह राशि बढ़कर 22.6 लाख करोड़ हो गई.
इस वर्ष भी भारत सरकार के बजट में एमएसएमई को विशेष बल दिया गया है, जहां मुद्रा लोन की राशि 10 लाख से बढ़कर 20 लाख कर दी गई है. मांझी ने कहा कि सूक्ष्म उद्योगों पर विशेष ध्यान देने से ही हम देश को विकसित देशों की श्रेणी में ले जा सकते है.