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पीथमपुर में होगा यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण, एमपी हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार ने पेश किया जवाब - Union Carbide Toxic Waste

भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण पीथमपुर में होगा. एक याचिका की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने एमपी हाईकोर्ट में जवाब पेश किया. हाईकोर्ट में जानकारी दी गई कि 347 मीट्रिक टन रासायनिक कचरे के विनष्टीकरण के लिए प्रदेश सरकार को 126 करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित की जा चुकी है.

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का मामला
UNION CARBIDE TOXIC WASTE (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 4, 2024, 3:29 PM IST

Updated : May 4, 2024, 3:36 PM IST

जबलपुर। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की तरफ से हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस डीएन मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि 347 मीट्रिक टन रासायनिक कचरे के विनष्टिकरण के लिए प्रदेश सरकार को 126 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इस जहरीले कचरे का विनष्टीकरण पीथमपुर में होगा.

पीथमपुर में होगा जहरीले कचरे का विनष्टीकरण

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के विनष्टीकरण संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की युगलपीठ के सामने केन्द्र सरकार ने अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि ओवरसाइट समिति ने अपनी बैठक में निर्णय लिया कि संयंत्र में संग्रहित रासायनिक कचरे का निपटान पीथमपुर औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पीथमपुर में किया जाएगा. इस कार्य में 185 से 377 दिन का समय लगने की संभावना है. हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार को 126 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है.

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हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा- भोपाल के यूनियन कार्बाइड फैक्टरी का जहरीला कचरा कब उठाओगे

2004 में दायर याचिका पर सुनवाई

बता दें कि आलोक प्रताप सिंह द्वारा साल 2004 में यह याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि भोपाल गैस त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से हुए जहरीले गैस रिसाव में लगभग 4 हजार से अधिक व्यक्तियों की मौत हो गई थी. भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फेक्ट्री में करीब 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा हुआ है. याचिका में जहरीले कचरे के विनष्टिकरण की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता की मृत्यु के बाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई स्वतः संज्ञान लेकर कर रहा है.

जबलपुर। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की तरफ से हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस डीएन मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि 347 मीट्रिक टन रासायनिक कचरे के विनष्टिकरण के लिए प्रदेश सरकार को 126 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इस जहरीले कचरे का विनष्टीकरण पीथमपुर में होगा.

पीथमपुर में होगा जहरीले कचरे का विनष्टीकरण

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के विनष्टीकरण संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की युगलपीठ के सामने केन्द्र सरकार ने अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि ओवरसाइट समिति ने अपनी बैठक में निर्णय लिया कि संयंत्र में संग्रहित रासायनिक कचरे का निपटान पीथमपुर औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पीथमपुर में किया जाएगा. इस कार्य में 185 से 377 दिन का समय लगने की संभावना है. हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार को 126 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है.

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2004 में दायर याचिका पर सुनवाई

बता दें कि आलोक प्रताप सिंह द्वारा साल 2004 में यह याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि भोपाल गैस त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से हुए जहरीले गैस रिसाव में लगभग 4 हजार से अधिक व्यक्तियों की मौत हो गई थी. भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फेक्ट्री में करीब 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा हुआ है. याचिका में जहरीले कचरे के विनष्टिकरण की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता की मृत्यु के बाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई स्वतः संज्ञान लेकर कर रहा है.

Last Updated : May 4, 2024, 3:36 PM IST
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