नई दिल्ली : केंद्र ने इस साल एक जनवरी से अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) को मौजूदा 46 प्रतिशत से बढ़ाकर मूल वेतन का 50 प्रतिशत करने की घोषणा की है. आम चुनाव से पहले की गई इस घोषणा का लाभ एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मंत्रिमंडल ने एक जनवरी, 2024 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किस्त को जारी करने की मंजूरी दी है. इसके अलावा पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (डीआर) की किस्त जारी की जाएगी. यह मूल वेतन/पेंशन की मौजूदा दर 46 प्रतिशत पर चार प्रतिशत की वृद्धि है.'
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण सरकारी खजाने पर संयुक्त रूप से 12,869 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ेगा. वर्ष 2024-25 (जनवरी 2024 से फरवरी 2025) के दौरान कुल प्रभाव 15,014 करोड़ रुपये बैठेगा. डीए में बढ़ोतरी के साथ परिवहन भत्ता, कैंटीन भत्ता और प्रतिनियुक्ति भत्ता समेत अन्य भत्तों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. मकान किराया भत्ता मूल वेतन के 27 प्रतिशत, 19 प्रतिशत और नौ प्रतिशत से बढ़ाकर क्रमश: 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत कर दिया गया है.
ग्रैच्युटी के तहत लाभ में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके तहत सीमा मौजूदा के 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये की गई है. इन विभिन्न भत्तों में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर सालाना 9,400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार डीए और डीआर में वृद्धि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है. इस फैसले से केंद्र सरकार के 49.18 लाख कर्मचारियों के अलावा 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होने की उम्मीद है क्योंकि महंगाई राहत (डीआर) में भी उसी दर से बढ़ोतरी की गई है.
उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए 300 रुपये एलपीजी सब्सिडी अगले वित्त वर्ष तक के लिए बढ़ी : उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष तक के लिए बढ़ा दी. पिछले साल अक्टूबर में प्रति वर्ष 12 एलपीजी सिलेंडर भराने तक 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर सब्सिडी 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति सिलेंडर कर दी गयी थी. 300 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी चालू वित्त वर्ष के लिए थी, जो 31 मार्च को समाप्त हो रही है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने अब इस सब्सिडी को 2024-25 तक बढ़ाने का फैसला किया है. इस कदम से लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है. इसपर 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. आम चुनावों से पहले यह कदम उठाया गया है। लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले हैं. सरकार ने ग्रामीण और वंचित गरीब परिवारों को खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) उपलब्ध कराने के लिए गरीब घरों की वयस्क महिलाओं को बिना किसी जमा के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए मई, 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी.
लाभार्थियों को गैस कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराये गये लेकिन उन्हें एलपीजी सिलेंडर बाजार मूल्य पर भरवाने की जरूरत पड़ती है. सरकार ने ईंधन के दाम बढ़ने पर मई, 2022 में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी प्रदान की. अक्टूबर, 2023 में इसे बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया. सरकार ने मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले पिछले साल अगस्त के अंत में रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की थी. इसके बाद एलपीजी सिलेंडर की कीमत 903 रुपये पर आ गयी. उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए, 300 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी के साथ इसका मूल्य 603 रुपये बैठता है. सब्सिडी का भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में किया जाता है.
सरकार ने 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ पांच साल के लिए इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ पांच साल के लिए 'इंडिया एआई मिशन' को मंजूरी दे दी है. इस राशि का इस्तेमाल बड़े कंप्यूटिंग ढांचे के सृजन पर किया जाएगा. इस बारे में पीयूष गोयल ने बताया कि एआई पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए 10,000 से अधिक जीपीयू वाली सुपरकंप्यूटिंग क्षमता विभिन्न हितधारकों को उपलब्ध कराई जाएगी. गोयल ने कहा कि स्टार्टअप, शिक्षा जगत, शोधकर्ताओं और उद्योग को भारत एआई मिशन के तहत स्थापित एआई सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान की जाएगी. मिशन के तहत एक राष्ट्रीय डेटा प्रबंधन अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो डेटा की गुणवत्ता में सुधार करने और उन्हें एआई विकास और तैनाती के लिए उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों के साथ समन्वय करेगा.
गोवा विधानसभा में एसटी के लिए सीट आरक्षित करने वाले विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयक को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसलों पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि गोवा विधानसभा में एसटी समुदाय के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है. समुदाय की मांगों के बीच, मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी. इसके तहत जनगणना आयुक्त को गोवा में एसटी की आबादी को अधिसूचित करने का अधिकार मिलेगा. इसके आधार पर, निर्वाचन आयोग 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में एसटी आरक्षण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश, 2008 में संशोधन करेगा. यह विधेयक आम चुनाव के बाद गठित होने वाली अगली लोकसभा में पेश किया जा सकता है.
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