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साइबर क्राइम के लिए कबूतरबाजी, पचास हजार का एक कबूतर - Human trafficking for cyber crime

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 11, 2024, 8:04 AM IST

Cyber ​​crime by human traffickers. झारखंड में साइबर क्राइम मकड़जाल की तरह से फैला हुआ है. यहां क्राइम करने और कराने के लिए भी गिरोह है. राज्य के बेरोजगार युवाओं को फंसाकर उनसे साइबर क्राइम कराया जा रहा है. इसके लिए उन्हें विदेश में नौकरी, अच्छी सैलरी और बेहतर सुविधाओं के लालच दिए जाते हैं.

The unemployed youth of Jharkhand are being trapped by foreign human trafficking gangs and forced to commit cyber crimes
ग्राफिक्स इमेज (ईटीवी भारत)

रांचीः साइबर अपराध के लिए बदनाम झारखंड में अब साइबर अपराध को अंजाम दिलवाने के लिए कबूतरबाजी शुरू हो गई है. झारखंड के होनहार छात्रों को विदेश में बेहतरीन नौकरी का झांसा देकर उन्हें अपने जाल में फंसा कर विदेशी उनसे साइबर अपराध को अंजाम दिलवा रहे हैं. मामले में दो भारतीय एजेंटों की गिरफ्तारी के बाद सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच साइबर अपराध के लिए हो रही कबूतरबाजी के तह तक पहुचने में लग गई है.

जांच में जुटी साइबर क्राइम ब्रांच

झारखंड से ही देश के कई शहरों से दूसरे देशों में साइबर अपराध को अंजाम दिलवाने के लिए मानव तस्करी करने वाले गिरोह में कौन-कौन शामिल हैं, इसकी जांच झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने शुरू कर दी है. बीते बुधवार को सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच ने झारखंड के गिरिडीह और कोडरमा में छापेमारी कर गिरोह के दो एजेंट्स को गिरफ्तार किया था. सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार साइबर अपराध के लिए कबूतरबाजी करवाने वाले गिरोह का सरगना उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. वर्तमान में वह झारखंड, यूपी, बिहार में फैले गिरोह के सदस्यों को कंबोडिया और मलेशिया से ऑपरेट कर रहा है.

The unemployed youth of Jharkhand are being trapped by foreign human trafficking gangs and forced to commit cyber crimes
साइबर क्राइम गैंग का कंबोडिया स्थित ऑफिस (ईटीवी भारत)

एक युवक को फंसाने के लिए 50 हजार का कमीशन

जेल भेजने से पहले हुई पूछताछ में आरोपी वसीम खान और यमुना कुमार ने साइबर क्राइम ब्रांच की टीम के समक्ष खुलासा किया है कि एक बेरोजगार युवा को कंबोडिया और थाइलैंड जैसे देशों में भेजने के एवज में सरगना उन्हें 50 हजार से एक लाख रुपए कमीशन देता है. वे लोग अब तक बिहार और झारखंड के एक दर्जन से अधिक युवाओं को कॉल सेंटर में नौकरी का झांसा देकर विदेश भेज चुके हैं. आरोपियों ने यह भी बताया कि विदेश पहुंचते ही युवाओं का पासपोर्ट और वीजा को जब्त कर लिया जाता है. सभी को साइबर क्राइम करने का तरीका सिखाया जाता है, विरोध करने वाले युवाओं को प्रताड़ित भी किया जाता है. आरोपियों ने साइबर क्राइम ब्रांच को यह भी जानकारी दी कि झारखंड और बिहार में गिरोह के आधा दर्जन से ज्यादा सदस्य हैं.

नौकरी के लिए सोशल मीडिया में विज्ञापन निकाल फंसाते हैं बेरोजगारों को

साइबर क्राइम ब्रांच की टीम को जांच में पता चला है कि गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया में विदेश में कॉल सेंटर में नौकरी के नाम पर विज्ञापन निकालते हैं. उस विज्ञापन में गिरोह के सदस्य अपना फोन नंबर भी डालते हैं. मोबाइल नंबर पर संपर्क करने वाले युवाओं को 50 हजार से अधिक रूपए वेतन के अलावा रहने और खाने-पीने के लिए अलग से राशि देने का झांसा देते हैं. झांसे में आने के बाद युवाओं से सबसे पहले उनके पासपोर्ट को अपने पास रख लेते हैं. इसके बाद उन्हें कंबोडिया, थाइलैंड, दुबई आदि देशों में भेज देते हैं.

कंबोडिया में है गिरोह का सेंटर

साइबर क्राइम ब्रांच की टीम को जांच में पता चला है कि साइबर ठगी गिरोह ने कंबोडिया और थाइलैंड में स्कैम सेंटर खोलकर रखा है. सेंटर की कई तस्वीर भी सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच के हाथ लगी है. सेंटर में कंप्यूटर के अलावा मोबाइल व इंटरनेट की पूरी सुविधा दी गई है. भारत से जाने वाले युवाओं को एक स्थान पर रखा जाता है. वहां से बस के जरिए उन्हें लाया और पहुंचाया जाता है. वहां पर प्राइवेट सिक्यूरिटी भी रखी गई है, ताकि कोई वहां से भाग नहीं सके.

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जांच में जुटी साइबर क्राइम ब्रांच

झारखंड से ही देश के कई शहरों से दूसरे देशों में साइबर अपराध को अंजाम दिलवाने के लिए मानव तस्करी करने वाले गिरोह में कौन-कौन शामिल हैं, इसकी जांच झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने शुरू कर दी है. बीते बुधवार को सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच ने झारखंड के गिरिडीह और कोडरमा में छापेमारी कर गिरोह के दो एजेंट्स को गिरफ्तार किया था. सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार साइबर अपराध के लिए कबूतरबाजी करवाने वाले गिरोह का सरगना उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. वर्तमान में वह झारखंड, यूपी, बिहार में फैले गिरोह के सदस्यों को कंबोडिया और मलेशिया से ऑपरेट कर रहा है.

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साइबर क्राइम गैंग का कंबोडिया स्थित ऑफिस (ईटीवी भारत)

एक युवक को फंसाने के लिए 50 हजार का कमीशन

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नौकरी के लिए सोशल मीडिया में विज्ञापन निकाल फंसाते हैं बेरोजगारों को

साइबर क्राइम ब्रांच की टीम को जांच में पता चला है कि गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया में विदेश में कॉल सेंटर में नौकरी के नाम पर विज्ञापन निकालते हैं. उस विज्ञापन में गिरोह के सदस्य अपना फोन नंबर भी डालते हैं. मोबाइल नंबर पर संपर्क करने वाले युवाओं को 50 हजार से अधिक रूपए वेतन के अलावा रहने और खाने-पीने के लिए अलग से राशि देने का झांसा देते हैं. झांसे में आने के बाद युवाओं से सबसे पहले उनके पासपोर्ट को अपने पास रख लेते हैं. इसके बाद उन्हें कंबोडिया, थाइलैंड, दुबई आदि देशों में भेज देते हैं.

कंबोडिया में है गिरोह का सेंटर

साइबर क्राइम ब्रांच की टीम को जांच में पता चला है कि साइबर ठगी गिरोह ने कंबोडिया और थाइलैंड में स्कैम सेंटर खोलकर रखा है. सेंटर की कई तस्वीर भी सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच के हाथ लगी है. सेंटर में कंप्यूटर के अलावा मोबाइल व इंटरनेट की पूरी सुविधा दी गई है. भारत से जाने वाले युवाओं को एक स्थान पर रखा जाता है. वहां से बस के जरिए उन्हें लाया और पहुंचाया जाता है. वहां पर प्राइवेट सिक्यूरिटी भी रखी गई है, ताकि कोई वहां से भाग नहीं सके.

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