नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल हाईकोर्ट के एक फैसले को खारिज करते हुए राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री और विधायक एंटनी राजू के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही बहाल कर दिया. यह कार्यवाही 1990 में जूनियर वकील के तौर पर ड्रग्स मामले में सबूतों के साथ कथित छेड़छाड़ के सिलसिले में की गई थी.
यह फैसला न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने सुनाया. पीठ ने कहा कि केरल हाईकोर्ट ने यह मान कर गलती की है कि आपराधिक कार्यवाही संहिता की धारा 195(1)(बी) के कारण आपराधिक कार्यवाही वर्जित है. पीठ ने कहा कि राजू के खिलाफ नए सिरे से जांच शुरू करने का आदेश देने में हाईकोर्ट ने कोई गलती नहीं की है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले की कार्यवाही लगभग दो दशक पहले की है. इसलिए, न्याय के हित में हम ट्रायल कोर्ट को आज से एक वर्ष की अवधि के भीतर मुकदमे को समाप्त करने का निर्देश देना उचित समझते हैं. न्यायमूर्ति करोल ने पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियुक्त 20 दिसंबर, 2024 को या संबंधित अदालत के अगले कार्य दिवस पर ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होंगे.
एंटनी राजू जनाधिपत्य केरल कांग्रेस से थे जो सत्तारूढ़ एलडीएफ का एक घटक है. वह पिछले साल दिसंबर तक मंत्री थे. एंटनी राजू के खिलाफ मामला यह है कि उन्होंने एक ड्रग्स मामले में एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक की मदद करने के लिए सबूतों के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की थी. पुलिस ने 4 अप्रैल 1990 को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर इस आस्ट्रेलियाई नागरिक को गिरफ्तार किया था. जब वह अपने अंडरवियर के अंदर ड्रग्स छिपाकर तस्करी करने की कोशिश कर रहा था.
सत्र न्यायालय ने इस मामले में आरोपी को सजा सुनाई थी लेकिन हाईकोर्ट में अपील दायर की गई और उसे दोषमुक्त कर दिया गया क्योंकि हाईकोर्ट ने पाया कि अदालत के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्य अंडरवियर का आकार छोटा था.