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वायनाड सीट से चुनाव लड़ना चाहती है आईयूएमएल, असमंजस में कांग्रेस

IUML wants to contest in Wayanad : लोकसभा चुनाव से पहले केरल में सीट बंटवारे को लेकर पार्टियों के बीच सरगर्मी बढ़ गई है. यूडीएफ सीट बंटवारे को लेकर वार्ता शुरू करने के लिए तैयार. आईयूएमएल वायनाड लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है, अगर राहुल गांधी वहां से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

Rahul Gandhi
राहुल गांधी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 25, 2024, 7:48 PM IST

कोझिकोड: केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने अपने गठबंधन सहयोगियों के बीच लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर द्विपक्षीय वार्ता शुरू की है. द्विपक्षीय चर्चा के तहत कांग्रेस नेता केरल कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करेंगे. वर्तमान में कोट्टायम सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली केरल कांग्रेस कोट्टायम पर अपनी मजबूत पकड़ से खुश है. लेकिन जिला कांग्रेस के नेता अभी भी कांग्रेस आई के लिए कोट्टायम सीट की मांग कर रहे हैं.

यूडीएफ नेतृत्व द्विपक्षीय वार्ता से मतभेदों को सुलझाने को लेकर आशान्वित है. दूसरे सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के साथ द्विपक्षीय चर्चा सोमवार को होनी है. IUML, पहले मलप्पुरम और पोन्नानी में दो सीटों पर चुनाव लड़ती थी, इस बार तीसरी अतिरिक्त सीट के लिए बहस कर रही है. ऐसी खबरें हैं कि IUML की नजर वायनाड सीट पर है, जहां मतदाताओं के बीच पार्टी का दबदबा है. IUML की यह मांग कांग्रेस नेताओं को असमंजस में डाल रही है.

लीग नेताओं ने पहले ही वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में अपनी रुचि व्यक्त की है. यदि राहुल गांधी वायनाड से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो वायनाड में काफी प्रभाव रखने वाली आईयूएमएल वहां अपना दावा पेश करेगी. वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 3 मलप्पुरम जिले की हैं जो आईयूएमएल का गढ़ है. वायनाड जिले की 3 विधानसभा सीटों में से 2 अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की हैं.

वर्तमान में 7 विधानसभा क्षेत्रों में से 4 यूडीएफ के हैं और 3 एलडीएफ के हैं. 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी ने 4 लाख 31 हजार सात सौ 70 वोटों के अंतर से सीट जीती. यूडीएफ उम्मीदवार राहुल गांधी ने 64.94 प्रतिशत वोट हासिल किए थे.आईयूएमएल का दावा है कि बहुमत में उनका योगदान था.

लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का गठन 2009 में हुआ था और तब से कांग्रेस के उम्मीदवार वहां चुनाव लड़ रहे हैं और जीत रहे हैं. 2019 में यह IUML ही थी जिसने राहुल गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था. अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल वायनाड से चुनाव लड़ेंगे या नहीं. यदि वह वायनाड से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करते हैं तो राज्य कांग्रेस नेतृत्व पर वायनाड सीट आईयूएमएल को देने का दबाव बढ़ जाएगा.

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यूडीएफ नेतृत्व द्विपक्षीय वार्ता से मतभेदों को सुलझाने को लेकर आशान्वित है. दूसरे सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के साथ द्विपक्षीय चर्चा सोमवार को होनी है. IUML, पहले मलप्पुरम और पोन्नानी में दो सीटों पर चुनाव लड़ती थी, इस बार तीसरी अतिरिक्त सीट के लिए बहस कर रही है. ऐसी खबरें हैं कि IUML की नजर वायनाड सीट पर है, जहां मतदाताओं के बीच पार्टी का दबदबा है. IUML की यह मांग कांग्रेस नेताओं को असमंजस में डाल रही है.

लीग नेताओं ने पहले ही वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में अपनी रुचि व्यक्त की है. यदि राहुल गांधी वायनाड से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो वायनाड में काफी प्रभाव रखने वाली आईयूएमएल वहां अपना दावा पेश करेगी. वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 3 मलप्पुरम जिले की हैं जो आईयूएमएल का गढ़ है. वायनाड जिले की 3 विधानसभा सीटों में से 2 अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की हैं.

वर्तमान में 7 विधानसभा क्षेत्रों में से 4 यूडीएफ के हैं और 3 एलडीएफ के हैं. 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी ने 4 लाख 31 हजार सात सौ 70 वोटों के अंतर से सीट जीती. यूडीएफ उम्मीदवार राहुल गांधी ने 64.94 प्रतिशत वोट हासिल किए थे.आईयूएमएल का दावा है कि बहुमत में उनका योगदान था.

लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का गठन 2009 में हुआ था और तब से कांग्रेस के उम्मीदवार वहां चुनाव लड़ रहे हैं और जीत रहे हैं. 2019 में यह IUML ही थी जिसने राहुल गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था. अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल वायनाड से चुनाव लड़ेंगे या नहीं. यदि वह वायनाड से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करते हैं तो राज्य कांग्रेस नेतृत्व पर वायनाड सीट आईयूएमएल को देने का दबाव बढ़ जाएगा.

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