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ओडिशा में संक्रामक बीमारी रूबेला के दो मरीज मिले, गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की सलाह - Rubella Cases in Odisha

Rubella Cases in Odisha: ओडिशा के नबरंगपुर जिले में दो बच्चों में रूबेला (खसरा) का संक्रमण पाया गया है. जांच में दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि रूबेला वायरस में बच्चों में घातक नहीं है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की जरूरत है. पढ़ें पूरी खबर.

Rubella Cases in Odisha
ओडिशा में रूबेला के दो मामले मिले (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 8, 2024, 4:56 PM IST

नबरंगपुर: ओडिशा के नबरंगपुर जिले के दो ब्लॉक में संक्रामक बीमारी रूबेला (खसरा) के दो मामले सामने आए हैं. बुधवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की. 29 अप्रैल को पांच मरीजों के नमूने लिए गए थे. परीक्षण में दो की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई. दोनों में संक्रामक बीमारी रूबेला के वायरस मिले हैं.

नबरंगपुर के प्रभारी सीडीएमओ मलय त्रिपाठी ने कहा कि नमूनों की जांच के बाद नंदाहांडी और तेंतुलीखुंटी क्षेत्रों से बच्चों में मामले पाए गए हैं. हालांकि यह बच्चों में घातक नहीं है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को संवेदनशील रहने की जरूरत है क्योंकि उनके बच्चों में जन्मजात रूबेला सिंड्रोम के साथ-साथ हृदय रोग, मोतियाबिंद और मानसिक विकार हो सकते हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांच परीक्षण में स्क्रब टाइफस की संभावना को पहले ही खारिज किया जा चुका है. स्वास्थ्य निदेशक बिजय महापात्र ने कहा कि नबरंगपुर के दो ब्लॉक प्रभावित हुए हैं, जहां चकत्ते के साथ बुखार के मामले पाए गए हैं. महापात्र के अनुसार, हालांकि स्क्रब टाइफस का परीक्षण पहले नकारात्मक आया था, लेकिन रैपिड रिस्पांस टीमें (आरआरटी) क्षेत्र में मौजूद हैं और कड़ी निगरानी रखी जा रही है. नमूनों को जांच के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को भेजा गया है.

रूबेला क्या है और इसके लक्षण
रूबेला एक संक्रामक बीमारी है. इसके संक्रमण से बच्चों के शरीर पर चकत्ते हो जाते हैं. इसके अलावा जोड़ों का दर्द, लासिका ग्रंथि में सूजन, मुंह में गुलाबी रंग के धब्बे हो सकते हैं. अगर कोई महिला गर्भावस्था की शुरुआत में रूबेला वायरस से संक्रमित हो जाए तो भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है अथवा बच्चे को जन्मजात गंभीर विकार हो सकते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, नियमित टीकाकरण से रूबेला संक्रमण से बचा जा सकता है.

ये भी पढ़ें- तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और केरल में भीषण हीटवेव, कर्नाटक में बारिश

नबरंगपुर: ओडिशा के नबरंगपुर जिले के दो ब्लॉक में संक्रामक बीमारी रूबेला (खसरा) के दो मामले सामने आए हैं. बुधवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की. 29 अप्रैल को पांच मरीजों के नमूने लिए गए थे. परीक्षण में दो की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई. दोनों में संक्रामक बीमारी रूबेला के वायरस मिले हैं.

नबरंगपुर के प्रभारी सीडीएमओ मलय त्रिपाठी ने कहा कि नमूनों की जांच के बाद नंदाहांडी और तेंतुलीखुंटी क्षेत्रों से बच्चों में मामले पाए गए हैं. हालांकि यह बच्चों में घातक नहीं है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को संवेदनशील रहने की जरूरत है क्योंकि उनके बच्चों में जन्मजात रूबेला सिंड्रोम के साथ-साथ हृदय रोग, मोतियाबिंद और मानसिक विकार हो सकते हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांच परीक्षण में स्क्रब टाइफस की संभावना को पहले ही खारिज किया जा चुका है. स्वास्थ्य निदेशक बिजय महापात्र ने कहा कि नबरंगपुर के दो ब्लॉक प्रभावित हुए हैं, जहां चकत्ते के साथ बुखार के मामले पाए गए हैं. महापात्र के अनुसार, हालांकि स्क्रब टाइफस का परीक्षण पहले नकारात्मक आया था, लेकिन रैपिड रिस्पांस टीमें (आरआरटी) क्षेत्र में मौजूद हैं और कड़ी निगरानी रखी जा रही है. नमूनों को जांच के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को भेजा गया है.

रूबेला क्या है और इसके लक्षण
रूबेला एक संक्रामक बीमारी है. इसके संक्रमण से बच्चों के शरीर पर चकत्ते हो जाते हैं. इसके अलावा जोड़ों का दर्द, लासिका ग्रंथि में सूजन, मुंह में गुलाबी रंग के धब्बे हो सकते हैं. अगर कोई महिला गर्भावस्था की शुरुआत में रूबेला वायरस से संक्रमित हो जाए तो भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है अथवा बच्चे को जन्मजात गंभीर विकार हो सकते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, नियमित टीकाकरण से रूबेला संक्रमण से बचा जा सकता है.

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