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तेलंगाना HC ने चुनाव याचिकाओं पर KTR को भेजा नोटिस - HC Issues Notice To KTR

HC Notices To KTR: तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नामवरपु राजेश्वर राव की एकल पीठ ने विधायक के. तारकराम राव (केटीआर), तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग ऑफिसर-सह-आरडीओ और अन्य को चुनौती देने वाली दो चुनाव याचिकाओं पर नोटिस जारी किए.

Telangana High Court
तेलंगाना उच्च न्यायालय (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 15, 2024, 4:38 PM IST

हैदराबाद: हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सिरिसिला विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित बीआरएस नेता और पूर्व मंत्री के. तारक राम राव (KTR) को नोटिस जारी किया. हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई की और केटीआर के साथ राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और रिटर्निंग ऑफिसर आरडीओ को नोटिस जारी किया.

केके महेंद्र रेड्डी और लागिशेट्टी श्रीनिवास ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कीं. इसमें कहा गया कि केटीआर के नामांकन के दौरान तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया था और इसलिए चुनाव अवैध है. शुक्रवार को जस्टिस नामवरपु राजेश्वर राव ने जांच शुरू की. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि केटीआर के चुनावी हलफनामे में केवल उनकी पत्नी और नाबालिग बेटी ही उन पर आश्रित हैं. पिछले साल जुलाई में केटीआर के बेटे के. हिमांशु, जो बालिग हैं, उन्होंने मार्कूक मंडल वेंकटपुर में 4 एकड़ और सिद्दीपेट निर्वाचन क्षेत्र के एरावल्ली में 32.3650 एकड़ जमीन खरीदी थी.

उन्होंने बताया कि इसके लिए 10.50 लाख और 88.15 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. हिमांशु ने यह नहीं बताया कि उन्होंने अपने पिता केटीआर की मदद के बिना इतनी रकम का भुगतान कैसे किया. हलफनामे में तथ्यों को छिपाना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 और रुक्मिणी मदागौड़ा बनाम चुनाव आयोग के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है. दलीलों की जांच करने के बाद जज ने सुनवाई स्थगित कर दी और 4 सप्ताह के भीतर काउंटर दाखिल करने का आदेश दिया.

पढ़ें: तेलंगाना में 700 करोड़ का भेड़ पालन विकास योजना में घोटाला, ED ने पशुपालन विभाग से मांगा ब्योरा

हैदराबाद: हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सिरिसिला विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित बीआरएस नेता और पूर्व मंत्री के. तारक राम राव (KTR) को नोटिस जारी किया. हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई की और केटीआर के साथ राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और रिटर्निंग ऑफिसर आरडीओ को नोटिस जारी किया.

केके महेंद्र रेड्डी और लागिशेट्टी श्रीनिवास ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कीं. इसमें कहा गया कि केटीआर के नामांकन के दौरान तथ्यों का खुलासा नहीं किया गया था और इसलिए चुनाव अवैध है. शुक्रवार को जस्टिस नामवरपु राजेश्वर राव ने जांच शुरू की. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि केटीआर के चुनावी हलफनामे में केवल उनकी पत्नी और नाबालिग बेटी ही उन पर आश्रित हैं. पिछले साल जुलाई में केटीआर के बेटे के. हिमांशु, जो बालिग हैं, उन्होंने मार्कूक मंडल वेंकटपुर में 4 एकड़ और सिद्दीपेट निर्वाचन क्षेत्र के एरावल्ली में 32.3650 एकड़ जमीन खरीदी थी.

उन्होंने बताया कि इसके लिए 10.50 लाख और 88.15 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. हिमांशु ने यह नहीं बताया कि उन्होंने अपने पिता केटीआर की मदद के बिना इतनी रकम का भुगतान कैसे किया. हलफनामे में तथ्यों को छिपाना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 और रुक्मिणी मदागौड़ा बनाम चुनाव आयोग के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है. दलीलों की जांच करने के बाद जज ने सुनवाई स्थगित कर दी और 4 सप्ताह के भीतर काउंटर दाखिल करने का आदेश दिया.

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