कन्नूर: केरल के कन्नूर जिले में दो व्यक्तियों में Mpox (मंकीपॉक्स) की पुष्टि हुई है. दोनों रोगियों का इलाज परियारम मेडिकल कॉलेज में चल रहा था, जहां जांच के दौरान संक्रमण की पुष्टि हुई. संक्रमित व्यक्तियों में से एक वायनाड का निवासी है, जबकि दूसरा कन्नूर का रहने वाला है. दोनों हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे थे. अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, दोनों रोगियों की हालत स्थिर है.
इससे पहले सितंबर महीने में केरल के मलप्पुरम में मंकीपॉक्स केस का पता चला था और यह भारत में रिपोर्ट किया गया पहला मंकीपॉक्स क्लेड A मामला था. तब भी यूएई से लौटे मलप्पुरम के 38 वर्षीय व्यक्ति में इस बीमारी का पता चला था. लक्षण दिखने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद की जांच में वायरस की पुष्टि हुई.
मंकीपॉक्स क्या है?
Mpox, जिसे मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है, ऑर्थोपॉक्स वायरस (orthopoxvirus) के कारण होने वाला एक संक्रमण है, जिसके लक्षण चेचक के समान होते हैं. 1980 में चेचक के उन्मूलन की घोषणा की गई थी, लेकिन हाल के वर्षों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं. यह वायरस मुख्य रूप से जानवरों, शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों और दूषित वातावरण के संपर्क के माध्यम से फैलता है. यह संभावित रूप से गिलहरी, चूहे और बंदरों से फैलता है.
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षणों में बुखार, तेज सिरदर्द, कमर दर्द और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं. इसके अलावा, चेहरे और शरीर पर चकत्ते दिखाई दे सकते हैं. जबकि अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण दिखाई देते हैं. बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में यह बीमारी अधिक गंभीर हो सकती है.
कैसे फैलता है संक्रमण
मंकीपॉक्स संक्रमित जानवरों, संक्रमित व्यक्तियों के शारीरिक तरल पदार्थों और दूषित वातावरण से संपर्क में आने फैलता है. इसके संक्रमण को रोकने के लिए, लक्षण वाले व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचना और जानवरों से दूरी बनाना महत्वपूर्ण है. स्वास्थ्य कर्मियों और देखभाल करने वालों को संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.
उपचार और चिकित्सा सलाह
वर्तमान में मंकीपॉक्स के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है, क्योंकि यह वायरल संक्रमण है. हालांकि, समस्याओं को कम करने के लिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. उचित स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण उपायों का पालन करना जरूरी है, खासकर संक्रमित लोगों की देखभाल करते समय.
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