बस्तर: छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता दिवस को लेकर जोश हाई है. हर तरफ देशवासी तिरंगे के रंग में नजर आ रहे हैं. आजादी के इस जश्न का रंग नक्सलगढ़ में भी दिख रहा है. आजादी के 77 साल बाद पहली बार बस्तर के 13 गांवों में तिरंगा फहराया जाएगा. बस्तर पुलिस की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. पुलिस प्रशासन और सरकार इसे बस्तर के विकास का असर बता रहे हैं.
बस्तर का तेजी से हो रहा विकास: छत्तसीगढ़ पुलिस की तरफ से यह दावा किया गया कि बस्तर में विकास की रफ्तार बढ़ी है. कई नक्सलग्रस्त इलाकों में कैंप खोले गए हैं. बीते सात महीनों में यहां के कई दूर दूराज के इलाकों में सिक्योरिटी फोर्स ने कैंप खोला है. जिसकी वजह से लोगों में नक्सलियों का खौफ खत्म हुआ है और सुरक्षाबलों पर विश्वास बढ़ा है.
"बस्तर के नक्सलगढ़ में विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है. यहां के 13 गांवों में पहली बार स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा झंडा फहराया जाएगा. इनमें दंतेवाड़ा के नेरलीघाट, कांकेर का पानीडोबीर, बीजापुर का गुंडम, पुतकेल और छुटवाही, नारायणपुर का कस्तूरमेटा, मसपुर, इराकभट्टी और मोहंदी, सुकमा के टेकलगुडेम, पुवर्ती, लाखापाल और पुलनखाड़ गांव हैं. इन गांवों में पहली बार तिरंगा झंडा लहराएगा": सुंदरराज पी, बस्तर आईजी
गणतंत्र दिवस के बाद यहां नए कैंप खोले गए: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि" बस्तर के इन गांवों में 15 अगस्त के बाद सिक्योरिटी फोर्स के कैंप खोले गए. यहां इससे पहले कभी भी झंडा फहराने का आयोजन नहीं हुआ था. पिछले साल गणतंत्र दिवस के बाद इन स्थानों पर सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए थे. इन सभी नव-स्थापित शिविरों ने क्षेत्र और इसकी मूल आबादी को एक नई और जीवंत पहचान प्रदान की है.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कैंप खुलने से लोगों में खुशी: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कैंप खुलने से बस्तर के लोगों में खुशी का माहौल है. यहां के युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों में आशा की एक किरण जगी है. सुरक्षा कैंपों के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को आदिवासी लोगों और बस्तर के निवासियों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. बस्तर में सात जिले हैं और यह बीते तीन दशकों से नक्सलवाद से जूझ रहा है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा जगदलपुर में तिरंगा फहराएंगे.