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छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी सिरपुर में खजाना चोर गिरोह सक्रिय, संरक्षित क्षेत्र में खुदाई करके ढूंढ रहे गड़ा धन - Treasure thief gang

Treasure thief gang active in Sirpur छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी सिरपुर इन दिनों गड़ा खजाना खोजने वालों के लिए स्वर्ग बन गया है.पुरातात्विक और संरक्षित क्षेत्र में धड़ल्ले से खुदाई करके बेशकीमती खजाना लूटा जा रहा है.लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कानों में रूई और आंखों में टिन का चश्मा पहने कंबल ओढ़कर सोए हैं. Sirpur Ancient capital of Chhattisgarh

Treasure thief gang active in Sirpur
सिरपुर में खजाना चोर गिरोह सक्रिय (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 29, 2024, 6:04 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी सिरपुर में इन दिनों खजाना चोर गिरोह सक्रिय है. आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि ये क्षेत्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने संरक्षित किया है.फिर भी खजाना खोजने वाले लोग पुरातात्विक विरासत को बर्बाद कर रहे हैं.लेकिन जिम्मेदार विभाग और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे सिर्फ तमाशा देख रहे हैं.

सिरपुर में खजाना चोर गिरोह सक्रिय (ETV Bharat Chhattisgarh)

जंगल में धड़ल्ले से जारी है खुदाई : बताया जा रहा है कि बीते 26 जून की रात को जंगल के अंदर जेसीबी से खुदाई की गई.इस खुदाई के दौरान जमीन के अंदर से बेशकीमती मूर्ति निकली.साथ ही साथ गड़ा धन भी निकला.जमीन के अंदर से निकले बेशकीमती धरोहर को चोर अपने साथ ले गए.जबकि जिस जेसीबी ने खुदाई की थी,उसे वनविभाग ने जब्त किया है.लेकिन जेसीबी कौन लाया,खुदाई किसने करवाई और राष्ट्रीय धरोहर को किसने लूटा इसे लेकर पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं.सूत्रों की माने तो राजनीतिक संरक्षण पाकर ही चोर गिरोह ने इस हरकत को अंजाम दिया है.

पूर्व विधायक ने साधा निशाना : इस पूरे मामले में महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. चंद्राकर की माने तो विश्व धरोहर के प्रतिबंधित क्षेत्र पर जेसीबी से खुदाई होना सरकार की विफलता का प्रमाण है. खुदाई के बाद पुरातन काल की मूर्तियां और अवशेषों को चोरी करके ले जाना शर्मनाक है.

''जेसीबी जब्ती के बाद भी अवैध उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं इस बात के संकेत दे रहा है कि इस काम में संलिप्त लोगों को सत्ता पक्ष के प्रभावशाली लोगों का संरक्षण मिला हुआ है.'' विनोद चंद्राकर,पूर्व विधायक

वनविभाग का दावा नहीं मिला खजाना : आपको बता दें कि सिरपुर क्षेत्र में गड़ा धन खोजने के लिए खुदाई की ये पहली घटना नहीं है.पहले भी महासमुंद में कई लोगों को खजाना खोजते दबोचा गया है.इस पूरे मामले में जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पाया कि वनविभाग और पुरात्तव विभाग एक दूसरे के सिर पर टोपी पहना रहे हैं.किसी को भी इस बात की चिंता नहीं है कि जिस जगह का नाम वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है.वो आज चोरों और लुटेरों से त्रस्त है. दुख की बात तो ये है कि जिनके जिम्मे सरकार ने सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है,वो खुद ही लापरवाह बने हैं.वहीं इस पूरे मामले में फॉरेस्ट विभाग कार्रवाई का राग अलाप कर अपना काम पूरा करने का दावा कर रहा है. वनविभाग का दावा है कि खुदाई के दौरान कुछ भी नहीं निकला है.

सिरपुर के जंगल में जेसीबी मशीन से खुदाई की जानकारी मिली. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची लेकिन जेसीबी छोड़कर सब भाग निकले. प्रथम दृष्टिया पुरातत्विक महत्त्व की चीजों को निकालने जैसा प्रतीत हुआ है.अभी तक सोने चांदी खजाने जैसी कोई भी बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. अभी आगे की जांच जारी है.वन परिक्षेत्र के अंदर अवैध खुदाई पाए जाने पर वन विभाग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.''- पंकज राजपूत, डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर

आपको बता दें कि सिरपुर सोमवंशी राजाओं की राजधानी रही है. यहां पुरातन काल से बेशकीमती प्रतिमाएं, मंदिर, टीला, बौद्ध विहार, जैन विहार, बुद्ध और महावीर की अखंड मूर्तियां, 22 शिव मंदिर, 5 विष्णु मंदिर, भूमिगत अन्न भंडार, छठवीं शताब्दी का स्नानघर सहित कई पुरातन अवशेष मिले हैं.इस पूरे क्षेत्र में बिना अनुमति के खुदाई नहीं की जा सकती.फिर भी इस तरह से आधी रात का जंगल के अंदर जेसीबी का जाना और पुलिस प्रशासन को इसकी भनक तक ना लगना प्रशासनिक कमजोरी की ओर इशारा करता है.

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सिरपुर में खजाना चोर गिरोह सक्रिय (ETV Bharat Chhattisgarh)

जंगल में धड़ल्ले से जारी है खुदाई : बताया जा रहा है कि बीते 26 जून की रात को जंगल के अंदर जेसीबी से खुदाई की गई.इस खुदाई के दौरान जमीन के अंदर से बेशकीमती मूर्ति निकली.साथ ही साथ गड़ा धन भी निकला.जमीन के अंदर से निकले बेशकीमती धरोहर को चोर अपने साथ ले गए.जबकि जिस जेसीबी ने खुदाई की थी,उसे वनविभाग ने जब्त किया है.लेकिन जेसीबी कौन लाया,खुदाई किसने करवाई और राष्ट्रीय धरोहर को किसने लूटा इसे लेकर पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं.सूत्रों की माने तो राजनीतिक संरक्षण पाकर ही चोर गिरोह ने इस हरकत को अंजाम दिया है.

पूर्व विधायक ने साधा निशाना : इस पूरे मामले में महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. चंद्राकर की माने तो विश्व धरोहर के प्रतिबंधित क्षेत्र पर जेसीबी से खुदाई होना सरकार की विफलता का प्रमाण है. खुदाई के बाद पुरातन काल की मूर्तियां और अवशेषों को चोरी करके ले जाना शर्मनाक है.

''जेसीबी जब्ती के बाद भी अवैध उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं इस बात के संकेत दे रहा है कि इस काम में संलिप्त लोगों को सत्ता पक्ष के प्रभावशाली लोगों का संरक्षण मिला हुआ है.'' विनोद चंद्राकर,पूर्व विधायक

वनविभाग का दावा नहीं मिला खजाना : आपको बता दें कि सिरपुर क्षेत्र में गड़ा धन खोजने के लिए खुदाई की ये पहली घटना नहीं है.पहले भी महासमुंद में कई लोगों को खजाना खोजते दबोचा गया है.इस पूरे मामले में जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पाया कि वनविभाग और पुरात्तव विभाग एक दूसरे के सिर पर टोपी पहना रहे हैं.किसी को भी इस बात की चिंता नहीं है कि जिस जगह का नाम वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है.वो आज चोरों और लुटेरों से त्रस्त है. दुख की बात तो ये है कि जिनके जिम्मे सरकार ने सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है,वो खुद ही लापरवाह बने हैं.वहीं इस पूरे मामले में फॉरेस्ट विभाग कार्रवाई का राग अलाप कर अपना काम पूरा करने का दावा कर रहा है. वनविभाग का दावा है कि खुदाई के दौरान कुछ भी नहीं निकला है.

सिरपुर के जंगल में जेसीबी मशीन से खुदाई की जानकारी मिली. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची लेकिन जेसीबी छोड़कर सब भाग निकले. प्रथम दृष्टिया पुरातत्विक महत्त्व की चीजों को निकालने जैसा प्रतीत हुआ है.अभी तक सोने चांदी खजाने जैसी कोई भी बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. अभी आगे की जांच जारी है.वन परिक्षेत्र के अंदर अवैध खुदाई पाए जाने पर वन विभाग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.''- पंकज राजपूत, डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर

आपको बता दें कि सिरपुर सोमवंशी राजाओं की राजधानी रही है. यहां पुरातन काल से बेशकीमती प्रतिमाएं, मंदिर, टीला, बौद्ध विहार, जैन विहार, बुद्ध और महावीर की अखंड मूर्तियां, 22 शिव मंदिर, 5 विष्णु मंदिर, भूमिगत अन्न भंडार, छठवीं शताब्दी का स्नानघर सहित कई पुरातन अवशेष मिले हैं.इस पूरे क्षेत्र में बिना अनुमति के खुदाई नहीं की जा सकती.फिर भी इस तरह से आधी रात का जंगल के अंदर जेसीबी का जाना और पुलिस प्रशासन को इसकी भनक तक ना लगना प्रशासनिक कमजोरी की ओर इशारा करता है.

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