हैदराबाद: भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाला टमाटर अब कई घरों के लिए लग्जरी आइटम बनता जा रहा है, क्योंकि इसकी कीमत लगभग 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. कीमतों में अचानक आए इस उछाल ने उपभोक्ताओं को निराश कर दिया है.
टमाटर की आधिकारिक कीमत 51 रुपये प्रति किलो हो गई है. वहीं, इसकी सेलिंग प्राइज 70 रुपये किलो में पहुंच गई है. खुले बाजारों में स्थिति और भी खराब है, जहां कीमतें 90 रुपये से लेकर 100 रुपये प्रति किलो तक हैं. हाल के दिनों में तेलंगाना, ओडिशा, दिल्ली समेत कई राज्यों में टमाटर की कीमत भारी उछाल देखा गया है.
टमाटर की कीमतों में इजाफा होने से बिक्री कम हो गई, जिससे दुकानदार काफी निराश हैं. उनका कहना है कि फार्मर मार्केट में कीमतें विज्ञापित कीमतों से काफी अधिक हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और खराब हो रही है.
टमाटर की सप्लाई घटी
शहर में आमतौर पर रोजाना करीब 6,000 क्विंटल टमाटर आते हैं, लेकिन कम पैदावार के कारण मौजूदा सप्लाई घटकर 2,500 से 3,000 क्विंटल के बीच रह गई है. इतना ही नहीं याचारम, मंचल, इब्राहिमपटनम और महेश्वरम सहित आसपास के इलाकों के किसानों की फसल खराब हो गई , जिसके चलते टमाटर की सप्लाई में और भी कमी आई और कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. इसी तरह ओडिशा में भी टमाटर की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है.
सितंबर तक नहीं मिलेगी राहत
उधर आंध्र प्रदेश और राजस्थान के मदनपल्ले से भी टमाटर की सप्लाई 60 फीसदी से कम हुई है. इस वजह से टमाटर सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और इसकी कीमतों में और बढ़ोतरी हुई है. मार्केट ऑफिशियल का अनुमान है कि सितंबर तक कीमतें ऊंची बनी रहेंगी.
उन्होंने कहा कि जब तक नई पैदावार नहीं आ जाती तब तक उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि टमाटर कई लोगों की पहुंच से बाहर हो चुका है. कीमतों में यह बढ़ोतरी सप्लाई में आए उतार-चढ़ाव के प्रति कृषि बाजारों की संवेदनशीलता और आवश्यक खाद्य कीमतों को स्थिर करने के लिए बेहतर कृषि पद्धतियों और सप्लाई चेन मैनेजमेंट की आवश्यकता को उजागर करती है.